नई दिल्ली(जी.एन.एस) कैंब्रिज एनालिटिका कंपनी की तरफ से 5 करोड़ लोगों का डाटा चुरा लिए जाने से विवादों में फंसने के बाद फेसबुक के लिए ये हल ही में महीनों में दूसरा शर्मिंदा करने वाला मामला सामने आया है। फेसबुक ने आखिरकार अपनी सुरक्षा में चूक की बात स्वीकार कर ली है। सोशल मीडिया की महारथी कंपनी ने बताया कि पिछले महीने के अंत में हैकर्स ने साइबर अटैक के जरिए करीब 2.90 करोड़ फेसबुक यूजर्स की निजी जानकारियों को चुरा लिया है।
फेसबुक ने पिछले महीने के आखिर में बताया था कि उसके 5 करोड़ यूजर्स के खातों पर साइबर अटैक हुआ है। इसके बाद फेसबुक से हैक होने वाले खातों का ब्योरा मांगा गया था। इसी कारण उसके उपाध्यक्ष गुई रोसेन ने एक ऑनलाइन पोस्ट में 2.90 करोड़ यूजर्स का डाटा चोरी होने की जानकारी दी। रोसेन ने बताया कि हैकर्स ने तीन सॉफ्टवेयर में अपनी घुसपैठ बनाकर ‘एक्सेस टोकन’ चोरी कर लिया, जो किसी भी फेसबुक यूजर को वेबसाइट पर अपने खाते में ऑटोमेटिक लॉग-इन करने की सुविधा देता है। नेटवर्क में यह घुसपैठ फेसबुक के इंजीनियरों की पकड़ में 25 सितंबर को आई थी और दो दिन बाद इसे ठीक कर लिया गया था।
रोसेन ने बताया कि इन हैकर्स की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है, लेकिन इन्होंने करीब 1.5 करोड़ लोगों के नाम, मोबाइल फोन नंबर और ई-मेल पते चोरी कर लिए। रोसेन ने अपनी पोस्ट में कहा कि अन्य 1.4 करोड़ लोगों को इससे भी ज्यादा नुकसान पहुंचा है। हैकर्स ने इनके नाम, मोबाइल नंबर और ई-मेल के अलावा लिंग, धर्म, घरेलू शहर, जन्म तिथि और इन लोगों की तरफ से हाल ही में ‘चेक-इन’ विकल्प का उपयोग करने वाले स्थानों की जानकारी भी चोरी कर ली।
रोसेन ने बताया कि करीब 1 करोड़ यूजर्स के खाते से अभी कोई डाटा नहीं लिया गया है, लेकिन इनका ‘एक्सेस टोकन’ अब भी हैकर्स के पास है और इस कारण इनकी गोपनीयता भी खतरे में है। रोसेन ने बताया कि इस अटैक को झेलने वाले 5 करोड़ यूजर्स का एक्सेस टोकन को रिसेट किया गया है। इसके चलते इन सभी को दोबारा से अपने खाते में लॉग-इन करना होगा।
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