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व्यापार के लिए रुपए में मूल्यह्रास दोहरी मार के समानः SBI अध्ययन


नई दिल्ली(जी.एन.एस) भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने एक शोध रिपोर्ट में कहा है कि रुपए में गिरावट ने न तो निर्यात को बढ़ाने में और न ही आयात को कम करने में मदद की है। इससे चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में व्यापार घाटा में चार अरब अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई है।

अप्रैल-सितंबर 2018 के दौरान गहन निर्यात और आयात करने वाले उद्योगों के विश्लेषण के आधार पर एसबीआई की रिपोर्ट ‘इकोरैप’ ने निष्कर्ष निकाला है कि रुपए के मूल्यह्रास ने निर्यात में मदद नहीं की है जैसा कि व्यापक तौर पर माना जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है, असल में, इसका मतलब है कि हमारे सामने निर्यात में कमी और आयात में वृद्धि की स्थिति है। हमारा अनुमान है कि व्यापार घाटे के शुद्ध रूप से चार अरब अमेरिकी डॉलर की वृद्धि होगी।’’ इसमें कहा गया है, इस प्रकार आम धारणा कि रुपए में गिरावट से निर्यात में वृद्धि होगी और आयात में गिरावट होगी, गलत साबित होती है।’’

व्यापार घाटे के कम होकर पांच महीने के निचले स्तर तक पहुंचने के बावजूद सितंबर में देश का निर्यात पांच महीने के बाद 2.15 प्रतिशत घटकर 27.95 अरब डॉलर रह गया। इसका कारण इंजीनियरिंग तथा रत्न एवं आभूषण समेत प्रमुख क्षेत्रों से निर्यात में गिरावट आना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मासिक आधार पर विदेशी वाणिज्यिक उधारी (ईसीबी) के आंकड़े दर्शाते हैं कि मार्च 2018 से अगस्त 2018 के दौरान पेट्रोलियम, एनबीएफसी, बिजली, दूरसंचार और वाहन जैसे उद्योग स्वत: मार्ग से भारी मात्रा में उधार ले रहे हैं जो कुल उधार का 71 प्रतिशत से अधिक भाग है।

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