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चुनाव खर्च का हिसाब 6 जनवरी तक देना होगा, हिसाब देने में असक्षम होने पर निर्वाचन रद्द हो सकता है



अनदेखी करने पर आगामी चुनाव के लिये अयोग्य घोषित हो सकते है
श्रीगंगानगर। जिला कलक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी शिवप्रसाद मदन नकाते ने कहा कि विधानसभा आम चुनाव 2018 के दौरान जिले की 6 विधानसभाओं में 86 प्रत्याशियों ने चुनाव में भाग लिया था। सभी उम्मीदवारों को निर्धारित तिथि से पूर्व 6 जनवरी तक अपने व्यय लेखों को जमा करवाना है। 
जिला कलक्टर शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभा हॉल में उम्मीदवारों व उनके अधिकृत ऐजेंटो द्वारा लेखा संधारण से संबंधित प्रशिक्षण में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार 10 जनवरी तक समस्त खर्चों का ब्यौरा आयोग को प्रस्तुत करना है, इसलिये उम्मीदवार 2-3 दिन में ही अपने खर्च का हिसाब लेखादल को दे देवें। अब दिया जाने वाला खर्च हिसाब अंतिम होगा। अगर कोई उम्मीदवार अपने खर्च का हिसाब देने में असक्षम पाये जाते है या अनदेखी करने पर आयोग द्वारा आगामी चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगाई जा सकती है। जीतने वाले उम्मीदवार का निर्वाचन भी रद्द हो सकता है। 
उन्होंने कहा कि लेखादल सहयोग के लिये तत्पर है अगर किसी उम्मीदवार को लेखा संधारण में परेशानी आ रही हो तो वे लेखादल का सहयोग लेकर अपने खर्चे का ब्यौरा प्रस्तुत कर सकते है। जिला कलक्टर ने कहा कि आयोग द्वारा खर्चें का हिसाब रखने के लिये अलग-अलग प्रपत्रा निर्धारित किये गये है। उनके अनुरूप ही खर्च अंकित करना होगा। उन्होंने सभी उम्मीदवारों से कहा कि 6 जनवरी तक आवश्यक रूप से अपने खर्च का हिसाब जिला परिषद के अटल सेवा केन्द्र में संचालित लेखादल को दे सकते है। 
अवकाश के दिन भी लेखादल रहेगें मौजूद
जिला निर्वाचन अधिकारी नकाते ने कहा कि 5 व 6 जनवरी को अवकाश होने के बावजूद सभी विधानसभा क्षेत्रा के लेखादल उपस्थित रहेगें। संबंधित उम्मीदवार शनिवार व रविवार को भी लेखादलों से मद्द ले सकते है। किसी प्रकार की शंका हो तो उसका समाधान पूछ सकते है तथा अपना लेखा ब्यौरा जमा कर सकते है। 
व्यय पर्यवेक्षक आयेगें
जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा चुनाव के दौरान दो व्यय पर्यवेक्षक नियुक्त किये गये थे, जिन्होंने लेखों का तीन बार निरीक्षण किया था। अब अंतिम रिपोर्ट का निरीक्षण होगा। इसके लिये 5 जनवरी को गंगानगर पहुंचेगें। 

प्रशिक्षण में बताया गया कि निर्धारित प्रपत्रों में खर्च राशि का हिसाब दर्ज करना है। बिल बाउचर की मूल प्रति सलंग्न करनी होगी। बिलों पर उम्मीदवार या ऐजेंट के हस्ताक्षर होगें। आयोग द्वारा निर्धारित प्रपत्रों पर केवल प्रत्याशी के ही हस्ताक्षर होगें। स्टार प्रचारकों, रैली, जलसा, जलपान, वाहन, लाउडस्पीकर इत्यादि खर्चों के अलावा मतदान के दिन प्रत्याशी द्वारा स्थापित क्यूसेक का खर्चा भी शामिल होगा। प्रचार के लिये दिये गये विज्ञापनों का खर्च जोड़ने के साथ-साथ चंदे का स्त्रोत भी निर्धारित प्रपत्र में दर्ज करना होगा। बैठक में उपजिला निर्वाचन अधिकारी नख्तदान बारहठ, राजस्व अपील अधिकारी कन्हैया लाल स्वामी, लेखादल के प्रभारी प्रेम गोयल सहित उम्मीदवारों एवं उनके अधिकृत ऐजेंटो ने भाग लिया।

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