-गुड सेमेरिटन की जानकारी पाठ्यक्रम में होगी शामिल
-कस्बों व छोटे शहरों में टे्रफिक लाइट संकेतों की पालना हेतु जागरूकता के होंगे प्रयास
जयपुर। प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए कई स्तर पर एवं कई विभागोें को मिलकर कार्य करना होगा। इस दिशा में सड़कों पर उचित मार्किंग, नगर पालिका स्तर तक जन सामान्य में टे्रफिक लाइट सेंस हेतु जागरूकता के लिए प्रयास किए जाने, पदयात्रियों के मार्ग के अवरोधक एवं अतिक्रमण दूर करने, ट्रोमा सेंटर्स, चिकित्सालयों की इन्फ्रास्ट्रक्चर मैपिंग एवं घायलों को समय रहते इलाज की सुनिश्चतता, गुड सेमेरिटन के विषय को 9वीं कक्षा के बाद स्कूली एवं कॉलेज पाठ्यक्रमों में शामिल करने जैसे प्रयास करने होंगे।
राज्य यातायात प्रबन्धन समिति की शुक्रवार को शासन सचिवालय में मुख्य सचिव श्री डी.बी.गुप्ता की अध्यक्षता में हुई 10वीं बैठक में इन विषयों पर विचार किया गया। मुख्य सचिव ने कहा कि छोटे कस्बों-शहरों में जनसामान्य को टे्रफिक लाइट के बारे मेें जागरूक किया जाना चाहिए क्योंकि यही लोग जब शहरों में आते हैं तो उन्हें इसकी जानकारी और आदत नहीं होने पर समस्या होती है।
उन्होंने कहा कि सड़कों के डेड एंड पर साइनेज एंव सफेद पेंट लगाने से कई दुर्घटनाएं टाली जा सकती है। कस्बों एवं छोटे शहरों में नई बनी सड़कों पर तो मार्किंग कर दी गई है लेकिन पुरानी सड़कों पर अब तक ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने गलत जगह बनाई गई जेब्रा क्रॉसिंग्स को भी ठीक कराने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि 9वीं कक्षा के बाद एवं कॉलेज के पाठ्यक्रम में गुड सेमेरिटन के बारे में जानकारी का समावेश किया जाना चाहिए। साथ ही सड़क दुर्घटना के घायलों के समय रहते अस्पतालों में निःशुल्क उपचार के लिए योजना का प्रस्ताव तैयार किया जाए।
परिवहन विभाग के आयुक्त एवं शासन सचिव राजेश यादव ने बैठक का संचालन करते हुए सड़क सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट कमेटी को भेजी जाने वाली रिपोर्ट, विभिन्न वर्गों के सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण, ई चालान, उपकरण वितरण, ब्लैक स्पॉट सुधार एवं सड़कों की रोड सेफ्टी ऑडिट्स जैसे विभिन्न मुद्दों पर सभी हितधारक विभागों द्वारा की गई क्रियान्विति की जानकारी दी।
एसीएस गृह एवं परिवहन राजीव स्वरूप ने अवैध रूप से लगे और यातायात में बाधक बन रहे होर्डिंग की ओनरशिप तय कर समय रहते इनको हटवाने के लिए योजना बनाने को कहा। एसीएस मेडिकल रोहित कुमार सिंह ने गुड सेमेरिटन की भावना का पालन नहीं करने वाले चिकित्सालयों की शिकायत के लिए 108, 104 कॉल सेंटर का उपयोग किए जाने पर विचार करने की बात कही। एसीएस पीडब्ल्यूडी वीनू गुप्ता ने सड़कों की ओनरशिप स्थानीय निकायों को देकर टे्रफिक लाइट्स का संचालन उनके स्तर पर किए जाने एवं डीजीपी कपिल गर्ग ने शहर की परिधि एवं नए विस्तार के क्षेत्रों में परिवहन नियमों पर ध्यान दिए जाने की आवश्कता बताई।
बैठक में प्रमुख शासन सचिव यूडीएच श्री भास्कर ए सावंत, शिक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव डॉ.आर वेंकटेश्वरन, कार्यकारी निदेशक, रोडवेज यू.डी.खान, परिवहन विभाग में उपायुक्त सड़क सुरक्षा श्रीमती निधि सिंह, एनएचएआई, सानिवि, रिडकोर, विभिन्न हितधारक विभागों के प्रतिनिधि एवं सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे एनजीओ पीपुल्स्ट ट्रस्ट एवं मुस्कान के प्रतिनिधि शामिल हुए।
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