श्रीगंगानगर। पंजाब के जालंधर में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में आयोजित तीसरी पैरा बोशियो राष्ट्रीय प्रतियोगिता में श्रीगंगानगर के जुबिन स्पास्टिक होम के बच्चों ने उत्कृष्ट खेल का प्रदर्शन किया है। इस प्रतियोगिता में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करते हुए जुबिन स्पास्टिक होम के 6 बच्चों ने भाग लिया। इन बच्चों ने एक गोल्ड मैडल सहित 4 मैडल जीते हैं। आज रविवार को श्रीगंगानगर पहुंचने पर इन बच्चों का जोरदार स्वागत किया गया। जुबिन स्पास्टिक होम चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ दर्शन आहूजा ने बताया कि इस प्रतियोगिता में प्रदीप यादव ने गोल्ड मैडल,नवदीप और वासुदेव ने सिल्वर मैडल तथा चंकित ने ब्रोंज मेडल जीता। रोहित को भी अच्छे खेल प्रदर्शन के लिए शील्ड मिली है। प्रवीण को सांत्वना पुरस्कार मिला है। जुबिन स्पास्टिक होम एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की सचिव विनीता आहूजा ने बताया कि इस दो दिवसीय प्रतियोगिता में राजस्थान से इन 6 बच्चों का चयन हुआ था। इन बच्चों ने संस्था और अपना नाम गौरवान्वित किया है। प्रदीप और प्रवीण जुड़वा भाई हैं। गोल्ड मैडल जीतने पर प्रदीप का इंटरनेशनल चैंपियनशिप के लिए चयन हुआ है। यह चैंपियनशिप अगले वर्ष होगी। प्रदीप ने खुशी का इजहार करते हुए कहा कि अब उसका लक्ष्य इंटरनेशनल चैंपियनशिप में भी गोल्ड मैडल जीतने का है। विनीता आहूजा ने कहा कि संस्था के इतिहास के लिए आज स्वर्णिम दिन है। आज सुबह जालंधर से जब यह बच्चे जुबिन स्पास्टिक होम में पहुंचे तो उनका फूल मालाओं से स्वागत किया गया।तिलक लगाकर और मिठाई खिलाकर उनका मुंह मीठा कराया गया।
इस मौके पर केक भी काटा गया। इन बच्चों के अभिभावकों के अलावा डॉ आंचल डॉ. नेहा हंस आनंद, जुबिन नर्सिंग इंस्टीट्यूट के प्रबंधक देवेंद्र छाबड़ा, सुंदर आहूजा, सतपाल चावला, नानकचंद मंगवाना व सुदेश पाहुजा आदि गणमान्य लोग मौजूद रहे। सभी ने बच्चों और उनके अभिभावकों को बधाई दी। इन बच्चों की इस उपलब्धि को देखते हुए विजय कामरा ने उन्हें और प्रोत्साहित करने के लिए संस्था को 11 हजार रुपए की सहायता दी। बोशियो एसोसिएशन राजस्थान के अध्यक्ष गुरप्रीतसिंह ने बताया कि तीसरी पैरा बोशियो नेशनल चैंपियनशिप में पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा व कर्नाटक आदि 15 राज्यों के 55 खिलाड़ियों ने भाग लिया। इस चैंपियनशिप के लिए लगभग एक वर्ष से देशभर में ऐसे विशेष योग्यजन (दिव्यांग) बच्चों की स्क्रीनिंग की जारी थी, जो इस खेल के लिए उपयुक्त थे।
राजस्थान में कई जिलों में स्क्रीनिंग की गई।स्क्रीनिंग में श्रीगंगानगर के जुबिन स्पास्टिक होम के ही 6 बच्चों का चयन किया हुआ था। इस चयन प्रक्रिया में शुभकरण पारीक व अंतूसिंह का विशेष योगदान रहा। उन्होंने बताया कि इन बच्चों का प्रदर्शन बहुत ही अच्छा रहा है। इनको नियमित प्रशिक्षण के लिए एसोसिएशन द्वारा इनकी मदद की जाएगी। सचिव विनीता आहूजा ने बताया कि 15 मार्च की सुबह इन बच्चों को जालंधर भेजा गया था। इनके साथ ट्रस्ट के दो स्वयं सेवक मनीष और गुरमीत भी साथ में रहे। सचिव विनीता आहूजा ने बताया कि वर्ष 2000 से संचालित जुबिन स्पास्टिक होम विशेष योग्यजन (दिव्यांग) बच्चों को पूर्ण रूप से प्रशिक्षित कर उन्हें स्वावलंबी बनाने और समाज की मुख्यधारा में लाने का कार्य कर रहा है। ऐसे बच्चों को संस्था द्वारा हर प्रकार का प्रशिक्षण निशुल्क दिया जाता है। वर्तमान में संस्था में लगभग 50 ऐसे बच्चे हैं, जिनको स्वरोजगारमुखी प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं। स्वयंसेवक ईशा सुदेरा, पूनम,गुरबचन व गुरमीत आदि ऐसे दिव्यांग बच्चों को प्रशिक्षित करने के लिए विशेषज्ञता रखते हैं।
0 टिप्पणियाँ
इस खबर को लेकर अपनी क्या प्रतिक्रिया हैं खुल कर लिखे ताकि पाठको को कुछ संदेश जाए । कृपया अपने शब्दों की गरिमा भी बनाये रखे ।
कमेंट करे