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आबकारी के नये प्रावधान अगले वर्ष के लिये नवीनीकरण का प्रावधान तीन बार चेतावनी देकर छोड़ने के प्रावधान से असुरक्षा की भावना कम होगी


  • अंग्रेजी मदिरा दुकान के साथ गोदाम की सुविधा दिये जाने से दुकानदार को आवश्यकतानुसार व निर्धारित कोटे के अनुसार माल निर्गम लेने में सुविधा रहेगी। 
  • एमआरपी आगामी 5 के गुणांक में निर्धारित करने से दुकानदार का लाभांश बढेगा

श्रीगंगानगर। राज्य सरकार द्वारा घोषित नई आबकारी निति के अनुसार पूर्व वर्ष की स्वीकृत लोकेशन पर ही दुकान लगाने पर दुकान स्वतः स्वीकृत होने के प्रावधान से दुकानदारों को लोकेशन जांच करवाने आदि की प्रक्रिया से निजात मिलेगी। देशी मदिरा, राजस्थान निर्मित मदिरा का मांगपत्र आॅनलाईन किये जाने से दुकानदार अपनी पसंद का माल ही लेंगे तथा उन पर ग्राहक द्वारा पसंद नही किया जाने वाला माल अनावश्यक रूप से थोपा नही जा सकेगा। नौकरनामे आॅनलाईन किये जाने की सुविधा से दुकानदारों की समस्याएं कम होगी। अंग्रेजी मदिरा दुकान के साथ गोदाम की सुविधा दिये जाने से दुकानदार को आवश्यकतानुसार व निर्धारित कोटे के अनुसार माल निर्गम लेने में सुविधा रहेगी। 
जिला आबकारी अधिकारी प्रतिष्ठा पिलानिया ने बताया कि किसी दुकान पर देशी मदिरा की पूरी मात्रा नही बिकने पर माल स्थानांतरण की सुविधा होगी। इस सुविधा के परिणामस्वरूप माल कम दर पर नही बेचना पडेगा। समूह क्षेत्र में कही भी गोदाम लगाने की सुविधा होगी। इस सुविधा से पुलिस आदि का अनावश्यक हस्तक्षेप घटेगा। अग्रिम ई.पी.ए. (14.5 प्रतिशत) तथा धरोहर (4 प्रतिशत) में पिछले वर्ष की तुलना में 7.5 प्रतिशत की कमी होन से कम पूंजी में दुकान शुरू हो सकेगी तथा ब्याज की बचत होगी। ई.पी.ए. का 100 प्रतिशत से अधिक उठाव करने पर अधिक उठाई गई मात्रा पर आबकारी शुल्क में 40 प्रतिशत तक छूट का प्रावधान है। इस प्रकार निर्धारित से अधिक उठाव करने पर लाभांश में अप्रत्याशित वृद्धि होगी। 
कम्पोजिट फीस पिछले वर्ष (8 प्रतिशत) की तुलना में 7 प्रतिशत निर्धारित करने से कम्पोजिट फीस की राशि मे कमी होने से लागत में कमी। यह कमी दुकान के लाभांश को बढ़ायेगी। परिधीय क्षेत्र की दुकानों में कुल कम्पोजिट फीस की 25 प्रतिशत राशि देशी मदिरा गांरटी पेटे स्थानांतरित करने की सुविधा होगी। अंग्रेजी मदिरा दुकानों में कुल फीस में 2 से 4 लाख रूपये की कमी होने से पूंजी कम लगेगी तथा लाभांश बढेगा। एस.वी.एफ. का प्रावधान समाप्त करने से मदिरा पर उठाई गई मात्रा पर ही एस.वी.एफ. लगेगी, जिससे पूर्व की तरह सम्पूर्ण एस.वी.एफ. उपयोग में नही आने पर अप्रयुक्त एस.वी.एफ. राशि के बराबर सीधी बचत होगी। 
एमआरपी आगामी 5 के गुणांक में निर्धारित करने से दुकानदार का लाभांश बढेगा। दुकानों के अगले वर्ष के लिये नवीनीकरण का प्रावधान होने से दुकानदारों की लागत में कमी आयेगी तथा दो वर्ष की अवधि मिलने के कारण लाभांश बढेगा। अनुज्ञापत्र में नाम जोड़ने का प्रावधान होने से अन्य व्यक्ति के नाम पर आई दुकान में पूंजी लगाने वाले व्यक्तियों की पूंजी की सुरक्षा बढेगी। अनुज्ञापत्र की साधारण शर्तों का उल्लघंन होने पर तीन बार केवल चेतावनी देकर छोड़ने के प्रावधान से दुकानदारों में असुरक्षा की भावना कम होगी तथा विश्वास बढेगा। 

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