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कृषि प्रसंस्करण एवं कृषि व्यवसाय, निर्यात प्रोत्साहन को लेकर बैठक कृषि प्रसंस्करण इकाईयों पर ब्याज अनुदान 50 लाख से 1 करोड़ तक अनुदान का है प्रावधान


  • राज्य सरकार द्वारा घोषित इस निति का कृषि से जुडे़ उद्यमी व किसान अधिकतम लाभ लें। 
  • कृषि प्रंसस्करण इकाईयों को सावधि ऋण पर ब्याज अनुदान सहायता
  • सावधि ऋण पर 5 प्रतिशत की दर से अधिकतम 5 वर्ष तक अधिकतम 100 लाख रूपये की सीमा तक ब्याज अनुदान देय होगा। 
  • अनुदान राशि तीन किश्तों में प्रथम 40 प्रतिशत, द्वितीय 40 प्रतिशत तथा तृतीय 20 प्रतिशत के हिसाब से अनुदान दिया।

श्रीगंगानगर जिले के लिये बहुत लाभकारी है यह नितिः- जिला कलक्टर
श्रीगंगानगर। जिला कलक्टर श्री शिवप्रसाद एम नकाते ने बताया कि राजस्थान सरकार द्वारा राजस्थान कृषि प्रंसस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन निति 2019 के तहत कृषि प्रंसस्करण एवं कृषि अवसंरचनाओं संबंधित परियोजनाओं की नई इकाई स्थापना, विस्तारिकरण, विविधीकरण, आधुनिकीकरण के अंतर्गत सावधि ऋण पर ब्याज अनुदान, विधुत प्रभार अनुदान एवं सोलर प्लांट लगाने के लिये पूंजी अनुदान योजना की क्रियान्वयन के लिये आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये गये है। उन्होंने बताया कि यह योजना इस क्षेत्रा के लिये बहुत लाभकारी है। प्रसंस्करण संचालकों को इस अनुदान योजना का अधिकतम लाभ लेना चाहिए। 
जिला कलक्टर बुधवार को कलेक्ट्रेट सभाहाॅल में आयोजित जिला स्तरीय बैठक में आवश्यक जानकारी दे रहे थे। उन्होंने बताया कि कृषि प्रधान जिला श्रीगंगानगर में प्रसंस्करण इकाईयों की बड़ी संभावना है तथा राज्य सरकार द्वारा घोषित इस निति का कृषि से जुडे़ उद्यमी व किसान अधिकतम लाभ लें। 
उन्होंने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य राजस्थान सरकार द्वारा राजस्थान कृषि प्रंसस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन निति 2019 के अंतर्गत पूंजी अनुदान का लाभ लेने वाली नई, विस्तार, विविध, आधुनिकीकरण परियोजनाओं की संचालन लागत को कम करना है। इस योजना के अंतर्गत प्रतिपादित विभिन्न परिलाभों के त्वरित एवं अधिकतम अंगीकरण को प्रोत्साहन मिलेगा तथा राज्य में आपूर्ति एवं मूल्य श्रृंखला के विकास को गति मिलेगी। अपेक्षाकृत कम संलिप्त रहने वाले व्यक्तियों एवं युवा उद्यमियों को प्रोत्साहन करने के लिये अतिरिक्त ब्याज उपलब्ध करवाया जायेगा। समूह आधारित उत्पाद एवं कृषि प्रंसस्करण की अवधारणा को प्रोत्साहित करना, फसलोत्तर हानियों को कम करना, पूंजीनिवेश को गति देना, राज्य के ताजा फल व सब्जियों, सजातीय खाद्य सामग्री, जैविक उत्पादों की पहुंच बढ़ाना एवं राज्य को एक मजबूत ब्रांड के रूप में स्थापित करना, बेरोजगार व्यक्तियों को स्थाई रोजगार के अवसर सुनिश्चित करना तथा क्षमता निर्माण के लिये संस्थागत प्रशिक्षण देकर प्रसंस्करण क्षेत्रों के कुशल मानव शक्ति की मांग व आपूर्ति के अंतर को कम करना है। 
ब्याज अनुदान के मुख्य प्रावधान
कृषि प्रंसस्करण इकाईयों को सावधि ऋण पर ब्याज अनुदान सहायता:- नवीन इकाई स्थापना या वर्तमान इकाईयों के विस्तार, आधुनिकीकरण या विविधिकरण के लिये सावधि ऋण पर 5 प्रतिशत की दर से अधिकतम 5 वर्ष तक या ऋण वापसी की तिथि जो पहले हो, ब्याज अनुदान अधिकतम रूपये 50 लाख की सीमा तक देय होगा। 
कृषि आधारभूत सरंचनाओं परियोजनाओं को अवधि ऋण पर ब्याज अनुदान सहायताः- कृषि प्रंसस्करण क्षेत्रा में ढांचागत परियोजना एवं मूल्य श्रृंखला वेयर हाउस, कोल्ड स्टोर, खाद्य इररेडियेशन सयंत्रा, प्रसंस्करण इकाई, पैक हाउस, रीफर वैन आदि की स्थापना के लिये सावधि ऋण पर 5 प्रतिशत की दर से अधिकतम 5 वर्ष तक अधिकतम 100 लाख रूपये की सीमा तक ब्याज अनुदान देय होगा। 
सावधि ऋण पर अतिरिक्त ब्याज अनुदानः- शत-प्रतिशत कृषकों के स्वामित्व वाली इकाईयो या कृषक उत्पादक संगठन, कम्पनी या इस प्रकार के अन्य कृषक संगठनों को एक प्रतिशत की अतिरिक्त दर से अधिकतम 100 लाख रूपये की सीमा तक ब्याज अनुदान देय होगा। 
अनुसूचित जाति, जनजाति व महिला उद्यमियों को सावधि ऋण पर अतिरिक्त ब्याज अनुदान देय होगा। शत-प्रतिशत अनुसूचित जाति जनजाति या महिला तथा 35 वर्ष से कम आयु वाले युवा उद्यमियों वाली इकाईयों को एक प्रतिशत ब्याज अनुदान देय होगा। 
निति के मुख्य प्रावधान
कृषक या उनके संगठनों को सहायताः- स्थापित की जाने वाली पात्रा नई इकाईयों या वर्तमान इकाईयों के विस्तार, आधुनिकीकरण, उन्नयन करने, प्लांट मशीनरी एवं तकनीकी सिविल कार्य पर किये गये व्यय पर 50 प्रतिशत का अनुदान अधिकतम रूपये 100 लाख की सीमा तक अनुदान देय होगा। 
कृषक या संगठनों के अलावा अन्य पात्रा व्यक्ति को सहायताः- निति के अनुसार स्थापित की जाने वाली पात्रा नई इकाईयों या वर्तमान इकाईयों को विस्तार एवं आधुनिकीकरण प्लांट मशीनरी पर किये गये व्यय पर 25 प्रतिशत अनुदान अधिकतम रूपये 50 लाख की सीमा तक अनुदान देय होगा। 
मेघा फूड पार्क, कृषि समूहों, रीफर वाहनः- प्रधानमंत्राी किसान सम्पदा योजना, एकीकृत उद्यानिकी विकास मिशन, राष्ट्रीय बागवान बोर्ड तथा केन्द्र सरकार की योजनाओं के तहत स्वीकृत एवं स्थापित पात्रा नई इकाईयों को संबंधित मंत्रालय द्वारा अनुमोदित प्लांट मिशनरी एवं तकनीकी सिविल कार्य की लागत पर 10 प्रतिशत की दर से अधिकतम 50 लाख रूपये तक का अतिरिक्त पूंजी निवेश अनुदान देय होगा। यह सीमा कृषक व उनके संगठन के लिये 100 लाख रूपये होगी। 
ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक प्रसंस्करण केन्द्र, एकत्राीकरण केन्द्र के लिये प्लांट मिशनरी एवं तकनीकी कार्य के व्यय पर 10 प्रतिशत की दर से अधिकतम 50 लाख तक का अनुदान देय होगा। 
पात्रा व्यक्ति एवं संस्थाएं
कृषि प्रसंस्करण निति में कोई भी व्यक्ति, कृषकों उत्पादकों के समूहो, कृषक उत्पादक संगठन, कृषक उत्पादक कम्पनी जो कम्पनी अधिनियमों, सहकारी समिति अधिनियम तथा सोसायटी अधिनियम के तहत पंजीकृत है और जिसमें किसान सदस्यों की न्यूनतम संख्या 50 हो, भागीदारी स्वत्वधारी फर्म, सीमित दायित्व भागीदारी फर्म, कम्पनियों निगम, स्वयं सहायता सहकारी समितियों, सहकारी विपणन संघ वित्तिय सहायता के लिये पात्रा होगें। 
वित्तीय सहायता हेतु आवेदन करने की प्रक्रिया
वित्तीय सहायता प्राप्त करने के इच्छुक व्यक्तियों को आॅनलाईन पंजीकरण करवाना होगा। पंजीकरणhttp://agriculture.rajasthan.gov.in/content/agriculture/en/RSAMB-dep/rajasthan-agro-processing-agri-business-and-agri-export-promotion.html. पर करवाने के बाद आवेदक को आगे के काॅलम व पृष्ठों की सूचना भरनी होगी। प्रत्येक पृष्ठ की सूचना को सेव करना होगा। 
अनुदान स्वीकृत करने की प्रक्रिया
समस्त प्रकरणों में जिला स्तर पर गठित डीएलएससी द्वारा स्वीकृति जारी की जायेगी। अनुदान राशि तीन किश्तों में प्रथम 40 प्रतिशत, द्वितीय 40 प्रतिशत तथा तृतीय 20 प्रतिशत के हिसाब से अनुदान दिया जायेगा। जिला स्तरीय समिति जिला कलक्टर की अध्यक्षता में होगी। संयुक्त निरीक्षण समिति में जिला स्तरीय समिति के सचिव, अधिशाषी अभियंता, मंडी सचिव व बैंक प्रतिनिधि होगें। 
परियोजना पूर्ण करने की अधिकतम अवधि
रूपये 100 लाख तक की परियोजनाओं को पूर्ण करने की अवधि 18 माह तथा अधिक लागत की परियोजनाअेां की अवधि 24 माह होगी। अवधि की गणना ऋण की प्रथम किश्त जारी होने की तिथि से की जायेगी। जिला स्तरीय समिति को 6 माह अवधि विस्तार अनुमत होगा। अधिकतम अनुमत अवधि के समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक माह हेतु एक प्रतिशत अनुदान राशि कटौति की जायेगी। 
पात्रा क्षेत्रा
फल, सब्जियों, मसालों, दाल, लघुवन उपज, शहद, दूध, अखाद्य कृषि उत्पाद, कृषि अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाईयां, अनाज अन्य उपभोक्ता खाद्य उत्पाद, तिलहन, चावल व आटा पिसाई, हरबल औषधी, फूल और सुंगधित उत्पाद, मांस (गौ मांस के अलावा), कूक्कट एवं मत्स्य प्रसंस्करण, पशुआहार, मुर्गी दाना, मछली दाना, कृषि एवं उद्यानिकी उत्पाद, मशरूम उत्पादक अनुदान के लिये पात्रा होगें। ढांचागत परियोजनाओं में वेयर हाउस, कोल्ड स्टोर, खाद्य  विकिरणन प्रसंस्करण सयंत्रा, शीत श्रृंखला, पैक हाउस, सरकार द्वारा घोषित पार्क, कृषि प्रंसस्करण समूह व रीफर वैन आदि पात्रा होगें। 
अपात्रा
तम्बाकू उत्पाद, तम्बाकू मिश्रित पान मसाला, गुटखा, नशीले पदार्थ, बाॅटलिंग, पैकेजिंग सयंत्रा जिसमें मदिरा, बीयर एवं वातित पेय की बोतल बंदी, पैकेजिंग करना, गौ मांस प्रसंस्करण इकाई, शीतल पेय विनिर्माण, शुद्ध पानी, बोतल बंद, थैलीदार पानी का उत्पादन, लकड़ी का सजावटी निर्माण, लकड़ी के कारक उत्पादकों, जलाउ लकड़ी और लकड़ी का कोयला उत्पादन, जहरीली गैस उत्सर्जन करने वाली इकाईयां अपात्रा मानी जायेगी तथा उन्हें किसी प्रकार का अनुदान देय नही होगा। 
जिला कलक्टर श्री नकाते ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्राी ने राजस्थान कृषि प्रंसस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन निति 2019 को अपनी प्राथमिकताओं में रखा है तथा यह निति श्रीगंगानगर जिले के लिये बहुत लाभकारी रहेगी। प्रसंस्करण के अभाव में यहां के किसान अपनी उपज का पूरा लाभ नही ले पाते। उन्होंने बताया कि इस निति के तहत पूंजी अनुदान का लाभ लेने वाली इकाईयों को प्रतिवर्ष दो लाख रूपये के हिसाब से पांच वर्ष तक कुल दस लाख रूपये का विधुत प्रभार अनुदान देय होगा। सौर उर्जा अपनाने पर उद्यमियों को सयंत्रा की लागत का 30 प्रतिशत और अधिकतम 10 लाख रूपये अतिरिक्त वित्तीय सहायता दी जायेगी। 
बैठक में उपस्थित उद्यमियों, किसानों को बताया गया कि इस योजना का लाभ लेने के लिये तथा किसी प्रकार की शंका के समाधान के लिये कृषि विपणन व कृषि अधिकारियों से संपर्क किया जा सकता है। कृषि विपणन के संयुक्त निदेशक श्री डी.एल.कालवा के मोबाईल नम्बर 8769666912 से भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। बैठक में एडीएम सर्तकता श्री अरविन्द जाखड़, नाबार्ड के श्री चन्द्रेश शर्मा, कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक श्री छिम्पा, उपनिदेशक श्री जी.आर, मटोरिया, सहायक निदेशक उधान श्रीमती प्रीति गर्ग सहित बैंक अधिकारियों, उद्यमियों व किसानों ने भाग लिया। 

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