लाॅकडाउन को लेकर आवश्यक निर्देश
श्रीगंगानगर। जिला कलक्टर श्री शिवप्रसाद एम. नकाते ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा संयुक्त राष्ट्र द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण को महामारी घोषित करने तथा इस संदर्भ में उत्पन्न स्थिति के परिपेक्ष में संक्रमण से आमजन को सुरक्षा प्रदान करने तथा उनके स्वास्थ्य की रक्षा के मध्यनजर अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्थान जयपुर एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग राजस्थान जयपुर के आदेशानुसार राजस्थान एपिडेपिक डिजीज एक्त 1957 की धारा (2) के अंतर्गत प्रदेश में 22 मार्च 2020 से 31 मार्च 2020 तक पूर्णतः लाॅकडाउन घोषित किया गया है।
आदेशानुसार राजकीय कार्यालयों एवं जिला कलक्टर कार्यालय में आमजनता के प्रवेश की अनुमति नही होगी। इस अवधि में सार्वजनिक उपयोगिताओं और आवश्यक सेवाओं जैसे बिजली, पानी की आपूर्ति, चिकित्सा और स्वास्थ्य सहित उन कार्यालयों को छोड़कर सभी सरकारी कार्यालय बंद रहेगें। जिला प्रशासन एवं उनके अधीनस्थ कार्यालय आयुर्वेद, जिला परिषद और पंचायत समिति के आवश्यक अनुभाग, पुलिस, जेल, होमागाडर्स, एफएसएल, परिवहन विभाग, खान विभाग, डीओआईटीसी आदि आवश्यक होने पर प्रशासनिक विभाग, विभागाध्यक्ष, जिला स्तरीय अधिकारी सीमित कार्य के लिये कार्यालय खोल सकेगें, जिसमें आवश्यक संख्या में कर्मचारी बुला सकेगें।
आवश्यक सेवाओं वाले विभागों अधिकारी, कर्मचारी को छोड़कर अन्य सरकारी अधिकारी, कर्मचारी की स्थिति घर से कार्य करने की रहेगी तथा उन्हें कार्यालय समय के दौरान घर से बाहर निकलने की अनुमति नही है, जब तक जिला कलक्टर या संबंधित जिला स्तरीय अधिकारी द्वारा किसी को फिल्ड डयूटी के लिये नियत नही किया जाता। इस दौरान किसी भी सरकारी कार्मिक को विशेष या अपरिहार्य स्थिति के अलावा कोई अवकाश या मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नही होगी। सभी वाणिज्यक प्रतिष्ठान, कार्यालय और कारखाने, कार्यशालाएं, फैक्ट्रियां, गोदाम, आदि (मीडीया, प्रेस, सूचना प्रोद्योगिकी, आधारित सेवाएं, सभी प्रकार के चिकित्सालय संस्थान (मेडिकल स्टोर सहित), औषधि एवं सर्जिकल, आईटम्स के विनिर्माता, पेट्रोल पम्प, एलपीजी गैस एजेन्सी, दूध डेयरी, सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकाने, किराना एवं प्रोविजनल स्टोर, मेडिकल स्टोर, सर्जिकल उपकरण, फल सब्जियों की दुकाने, बैंक, एटीएम, पोस्ट आॅफिस को छोड़कर) अपने संचालन को बंद रखेंगे।
रेस्तरां और भोजनालयों में कमरे में भोजन उपलब्ध नही करवाया जायेगा, केवल टेक अवे अनुमत रहेगा। सभी सार्वजनिक परिवहन, रोडवेज, प्राईवेट बसें, टेक्सियां, आॅटो रिक्शा के अंतर्राज्जीय संचालन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। रेलवे स्टेशन से घर एवं अस्पताल के लिये सीमित संख्या में जिला परिवहन अधिकारी, उपखण्ड मजिस्ट्रेट द्वारा अधिकृत सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध रहेगे। इस प्रतिबंध के दौरान जिला परिवहन अधिकारी संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट से समन्वय कर स्वास्थ्य केन्द्रों, रेलवे स्टेशन हेतु आवश्यकतानुसार न्यूनतम आॅटोरिक्सा चिन्हित कर संचालन की अनुमति प्रदान कर सकेगें। आपातकालीन स्थिति में जिला मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट , उपखण्ड मजिस्ट्रेट, तहसीलदार, जिला परिवहन अधिकारी, आवश्यकतानुसार सार्वजनिक यात्राी वाहनों को संचालन की अनुमति प्रदान कर सकेगें। इस हेतु जिला एवं उपखण्ड स्तरीय कंट्रोल रूप पर संपर्क किया जा सकेगा। यातायात पुलिस द्वारा ऐसे वाहनों के संचालन पर पूर्ण निगरानी रखी जायेगी। रेलवे स्टेशनों पर अगर रेलगाड़ियों से आवागमन के दौरान यात्रियों की स्क्रीनिंग सिस्टम का प्रावधान कर प्रोटोकाॅल की पालना सुनिश्चित की जावे। उक्त आदेशों की कड़ाई से पालना सुनिश्चित की जावे। उक्त आदेशों की अवहेलना की स्थिति में संबंधित के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत दण्डात्मक कार्यवाही अमल में लाई जावेगी।
श्रीगंगानगर। जिला कलक्टर श्री शिवप्रसाद एम. नकाते ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा संयुक्त राष्ट्र द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण को महामारी घोषित करने तथा इस संदर्भ में उत्पन्न स्थिति के परिपेक्ष में संक्रमण से आमजन को सुरक्षा प्रदान करने तथा उनके स्वास्थ्य की रक्षा के मध्यनजर अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्थान जयपुर एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग राजस्थान जयपुर के आदेशानुसार राजस्थान एपिडेपिक डिजीज एक्त 1957 की धारा (2) के अंतर्गत प्रदेश में 22 मार्च 2020 से 31 मार्च 2020 तक पूर्णतः लाॅकडाउन घोषित किया गया है।
आदेशानुसार राजकीय कार्यालयों एवं जिला कलक्टर कार्यालय में आमजनता के प्रवेश की अनुमति नही होगी। इस अवधि में सार्वजनिक उपयोगिताओं और आवश्यक सेवाओं जैसे बिजली, पानी की आपूर्ति, चिकित्सा और स्वास्थ्य सहित उन कार्यालयों को छोड़कर सभी सरकारी कार्यालय बंद रहेगें। जिला प्रशासन एवं उनके अधीनस्थ कार्यालय आयुर्वेद, जिला परिषद और पंचायत समिति के आवश्यक अनुभाग, पुलिस, जेल, होमागाडर्स, एफएसएल, परिवहन विभाग, खान विभाग, डीओआईटीसी आदि आवश्यक होने पर प्रशासनिक विभाग, विभागाध्यक्ष, जिला स्तरीय अधिकारी सीमित कार्य के लिये कार्यालय खोल सकेगें, जिसमें आवश्यक संख्या में कर्मचारी बुला सकेगें।
आवश्यक सेवाओं वाले विभागों अधिकारी, कर्मचारी को छोड़कर अन्य सरकारी अधिकारी, कर्मचारी की स्थिति घर से कार्य करने की रहेगी तथा उन्हें कार्यालय समय के दौरान घर से बाहर निकलने की अनुमति नही है, जब तक जिला कलक्टर या संबंधित जिला स्तरीय अधिकारी द्वारा किसी को फिल्ड डयूटी के लिये नियत नही किया जाता। इस दौरान किसी भी सरकारी कार्मिक को विशेष या अपरिहार्य स्थिति के अलावा कोई अवकाश या मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नही होगी। सभी वाणिज्यक प्रतिष्ठान, कार्यालय और कारखाने, कार्यशालाएं, फैक्ट्रियां, गोदाम, आदि (मीडीया, प्रेस, सूचना प्रोद्योगिकी, आधारित सेवाएं, सभी प्रकार के चिकित्सालय संस्थान (मेडिकल स्टोर सहित), औषधि एवं सर्जिकल, आईटम्स के विनिर्माता, पेट्रोल पम्प, एलपीजी गैस एजेन्सी, दूध डेयरी, सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकाने, किराना एवं प्रोविजनल स्टोर, मेडिकल स्टोर, सर्जिकल उपकरण, फल सब्जियों की दुकाने, बैंक, एटीएम, पोस्ट आॅफिस को छोड़कर) अपने संचालन को बंद रखेंगे।
रेस्तरां और भोजनालयों में कमरे में भोजन उपलब्ध नही करवाया जायेगा, केवल टेक अवे अनुमत रहेगा। सभी सार्वजनिक परिवहन, रोडवेज, प्राईवेट बसें, टेक्सियां, आॅटो रिक्शा के अंतर्राज्जीय संचालन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। रेलवे स्टेशन से घर एवं अस्पताल के लिये सीमित संख्या में जिला परिवहन अधिकारी, उपखण्ड मजिस्ट्रेट द्वारा अधिकृत सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध रहेगे। इस प्रतिबंध के दौरान जिला परिवहन अधिकारी संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट से समन्वय कर स्वास्थ्य केन्द्रों, रेलवे स्टेशन हेतु आवश्यकतानुसार न्यूनतम आॅटोरिक्सा चिन्हित कर संचालन की अनुमति प्रदान कर सकेगें। आपातकालीन स्थिति में जिला मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट , उपखण्ड मजिस्ट्रेट, तहसीलदार, जिला परिवहन अधिकारी, आवश्यकतानुसार सार्वजनिक यात्राी वाहनों को संचालन की अनुमति प्रदान कर सकेगें। इस हेतु जिला एवं उपखण्ड स्तरीय कंट्रोल रूप पर संपर्क किया जा सकेगा। यातायात पुलिस द्वारा ऐसे वाहनों के संचालन पर पूर्ण निगरानी रखी जायेगी। रेलवे स्टेशनों पर अगर रेलगाड़ियों से आवागमन के दौरान यात्रियों की स्क्रीनिंग सिस्टम का प्रावधान कर प्रोटोकाॅल की पालना सुनिश्चित की जावे। उक्त आदेशों की कड़ाई से पालना सुनिश्चित की जावे। उक्त आदेशों की अवहेलना की स्थिति में संबंधित के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत दण्डात्मक कार्यवाही अमल में लाई जावेगी।
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