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सुमन व संतोष बनी आत्मनिर्भर, उनके सपनों को मिली उड़ान

श्रीगंगानगर,। राज्य सरकार द्वारा युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने के दृष्टिकोण से कई योजनाएं चलाई जा रही है। राज्य में पढ़ा लिखा युवा वर्ग सरकारी नौकरी की तलाश में कई बार भटकता रहता है, परन्तु सभी का चयन सरकारी नौकरी में हो जाये, ऐसा ज़रूरी नहीं है। किसी प्रदेश के विकास के लिये युवाओं का अपने पैरों पर खड़े होना अत्यधिक आवश्यक है। युवा वर्ग को स्वरोजगार व प्राईवेट सेक्टर में भी मनपंसद कार्य करने का मौका देने के लिहाज से राज्य सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हंै।

राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम द्वारा प्रदेश के युवाओं को दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना,  एम्पलाॅयमेंट लिंकड स्किल ट्रेनिंग प्रोग्राम, आरएसटीपी , मुख्यमंत्री युवा कौशल योजना, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन योजनाओं से प्रतिवर्ष बेरोजगार युवाओं को विभिन्न सैक्टर्स में रोज़गार उपलब्ध करवाया जा रहा है।
श्रीगंगानगर जिले में आरएसटीपी (रेग्युलर स्किल ट्रेनिंग प्रोग्राम) के तहत दो सेन्टर ब्राईडल मेकअप आर्टिस्ट के चलाये जा रहे हैं। इसी प्रकार का एक सेन्टर अनूपगढ में भी चलाया जा रहा है। इस योजना के तहत साल में 150 से अधिक ब्राईडल मेकअप आर्टिस्ट प्रशिक्षण लेते हैं। महिला वर्ग में इस योजना से बेहद लाभ हो रहा है। महिलाएं शादी के बाद कई बार आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो पाती हंै तथा परिवार को मजबूती देने का उनका सपना अधूरा रह जाता है। परन्तु इस योजना द्वारा महिलाओं के जीवन में परिवर्तन आया है, चूंकि यह योजना निःशुल्क महिलाओं को प्रशिक्षण देती है तथा तीन महीने में ही प्रेक्टिकल प्रशिक्षण प्राप्त कर महिला स्वयं का रोजगार प्राप्त कर लेती है। लघु बजट से ब्यूटी पार्लर योजना या फ्रीलांस कार्य करना संभव हो जाता है अथवा किसी भी सैलून में प्रारम्भ से ही 7-8 हजार की जाॅब आसानी से मिल जाती है, जो कुछ ही वर्षों में 15-20 हजार तक पहुंच जाती है।
राजस्थान आजीविका कौशल विकास की जिला समन्वयक श्रीमती शिखा मुंजाल ने इस संबंध में बताया कि वे कई महिलाओं को प्रशिक्षण दिला रोजगार उपलब्ध करवा चुकी हंै। इसी योजना के तहत स्वामी चेरिटेबल ट्रस्ट श्रीगंगानगर द्वारा सुमन व संतोष को ब्राईडल मेकअप आर्टिस्ट का प्रशिक्षण दिया गया। सुमन हिन्दी में एमए व बीईडी तथा संतोष पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में एमए है। वर्षों तक प्रयास करने के बावजुद दोनों ही सरकारी नौकरी पाने में विफल रही तथा प्रेरणाहीन हो गई। शिखा मुंजाल से मिलने के बाद उन्हें आरएसटीपी स्कीम का पता चला तथा स्वामी चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा इन्हें प्रेरित किया गया व इन्हें अपने पैरों पर खड़े होने की नई राह सुझाई गई। दोनों ने ही प्रशिक्षण प्राप्त किया व आज लघु बजट से घर पर ही अपना पार्लर चला रही हैं।
स्वामी चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा प्रशिक्षण देते समय प्रोडक्ट्स की क्वालिटी का बेहद ध्यान रखा जाता हैं। इनके यहां फैकल्टी भी पूर्ण प्रशिक्षित है व उन्हें लगभग 10-12 वर्षों का अनुभव प्राप्त है। यहां प्रतिदिन दो ब्राईड्स तैयार की जाती है व समय-समय पर फैशन शो आदि भी आयोजित किए जाते हैं। जहां अच्छे पार्लर में सीखने की फीस 50 हजार से 1 लाख तक है, वहीं आरएसटीपी द्वारा निःशुल्क प्रशिक्षण देना अपने-आप में बेहद सराहनीय है।
जिला कलक्टर श्री महावीर प्रसाद वर्मा ने इन दोनों महिलाओं से मुलाकात की व इनका कार्य के प्रति समर्पण देखते हुए भविष्य में लोन उपलब्ध करवाने के लिये मद्द का वादा किया। उन्होंने जिला उधोग केन्द्र के महाप्रबंधक श्री हरीश मित्तल को इन महिलाओं को ऋण देने के लिये निर्देशित किया। जिला कलक्टर श्री वर्मा इन महिलाओं से मिलकर इनके जज़्बे से प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि युवाओं को इसी प्रकार आत्मनिर्भर बन प्रदेश के विकास में सहयोग करना चाहिए। सुमन व संतोष के सपनों की उड़ान अभी बाकी है व आन्त्रेप्रेन्योर बनकर अपने परिवार को सुखद भविष्य देना चाहती है।

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