श्रीगंगानगर,। पशु विज्ञान केंद्र सूरतगढ़ में आत्मा योजना अंतर्गत दो दिवसीय बकरी पालन प्रशिक्षण शिविर का समापन हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि रमेश शर्मा अधिशाषी कार्यक्रम अधिकारी आकाशवाणी सूरतगढ़ एवं किसान कवि रिडमाल सिंह राठौड़ ने आए हुए पशुपालकों का धन्यवाद देते हुए उनका हौंसला अफजाई की। प्रशिक्षण शिविर में केंद्र के प्रभारी अधिकारी डाॅ. राजकुमार बेरवाल ने कहां की बकरी एक बहुद्देशीय पशु है, जो भूमिहीन लघु व सीमांत किसानों की अर्थव्यवस्था तथा पोषण में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। हमारे देश में गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों की संख्या करीब 45 करोड़ है। उनका जीवन स्तर आसानी से ऊंचा करने के लिए बकरी पालन सर्वोत्तम उधम है।
प्रशिक्षण शिविर में केंद्र के डाॅ. अनिल घोड़ेला ने बताया कि बकरी का आकार छोटा एवं शांत प्रवृत्ति की होने के कारण इसके आवास एवं प्रबंधन की समस्या कम होती है। बकरी में बीमारियां अन्य पशुओं की अपेक्षा कम होती है, जिनका निवारण टीकाकरण करके आसानी से किया जा सकता है टीकाकरण बहुत ही कम खर्च में हो जाता है। डाॅक्टर घोड़ेला ने बताया कि बकरी बहूजनन क्षमता वाला पशु है, जो 10 से 12 माह में प्रजनन व जनन करने वाला है, इसका प्रजनन काल 5 माह का होता है और 16 से 17 माह की उम्र में दूध देना शुरू कर देती है। प्रशिक्षण शिविर में लगभग 45 पशु पालकों ने भाग लिया, जिसमें अधिकांश महिलाएं थी। प्रशिक्षण शिविर के अंत में प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें प्रथम स्थान अरुणा कंवर पत्नी धनवीर सिंह, द्वितीय स्थान रूपा कवर पत्नी नरेंद्र सिंह तथा तृतीय स्थान हेमवती पत्नी खेतपाल रही, जिन्हें पुरस्कार वितरित किए गए तथा अंत में सभी पशुपालकों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्रा वितरित किए गए।
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