श्रीगंगानगर। पशु विज्ञान केंद्र सूरतगढ़ के द्वारा मंगलवार को डेयरी पशुओं में बांझपन के कारण व निवारण विषय पर आॅनलाइन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।
केंद्र के प्रभारी अधिकारी डाॅ0 राजकुमार बेरवाल ने डेयरी पालन व्यवसाय में बांझपन को एक भयंकर समस्या बताते हुए कहा कि बांझपन के कारण डेयरी व्यवसायियों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है तथा पशुओं को बांझपन जैसी समस्या से बचाने के लिए पशुओं को समय-समय पर खनिज लवण तथा कर्मी नाशक दवाइयां देते रहना चाहिए।प्रशिक्षण शिविर में पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर के प्रसूति विभाग के सेवानिवृत्त डाॅक्टर गोविंद नारायण पुरोहित ने बांझपन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अगर कोई पशु फुक्यूट राव करता है तो उसे कृत्रिम गर्भाधान या प्राकृतिक गर्भाधान करवाने के बाद 5 ग्राम मछली का तेल या अलसी का तेल देने से गर्भधारण की संभावना बढ़ती है तथा सफेद तिल को भिगोकर देने से भी पशु के गर्भ ठहरने में काफी सहायक सिद्ध होता है।
डाॅ0 पुरोहित ने बताया कि पशु के ज्ञाभिन्न होने के 6 माह बाद पशु को विटामिन ए का टीका लगवाना चाहिए जिससे बच्चों में अंधापन जैसी समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है प्रशिक्षण शिविर में केंद्र के शिक्षण सहायक डाॅ0 अनिल घोड़ेला तथा पशुधन सहायक विजयपाल ने भाग लिया।
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