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गांव-ढ़ाणियों में 'हर घर नल कनेक्शन' को गति देंगी 43 हजार से अधिक पानी समितियां

ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों के गठन में राजस्थान अव्वल

गांव-ढ़ाणियों में 'हर घर नल कनेक्शन' को गति देंगी 43 हजार से अधिक पानी समितियां


जयपुर,। राजस्थान में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत 'हर घर नल कनेक्शन' के कार्यों को गति देने के लिए सभी गांवों के स्तर पर 'पानी समितियों' के नाम से प्रचलित 'ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों' (विलेज वाटर एंड सेनिटेशन कमेटीज-वीडब्ल्यूएससी) के गठन का कार्य लगभग पूर्ण कर लिया गया है। प्रदेश के 43 हजार 323 गांवों में से 43 हजार 182 गांवों में पानी समितियों के अस्तित्व में आने के साथ ही अब गांव-गांव और ढ़ाणी-ढ़ाणी में ‘हर घर नल कनेक्शन‘ की क्रियान्विति के लिए आधारभूत संस्थागत ढ़ांचा पूरी तरह तैयार हो गया है। 


यह जानकारी देते हुए जलदाय मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने बताया कि जेजेएम के तहत पानी समितियां संविधान के 73वें संशोधन की परिकल्पना अनुसार विधिमान्य इकाई के रूप में ग्राम स्तर पर जल आपूर्ति प्रबंधन, जल संरक्षण एवं जल स्रोतों के स्थाईकरण जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में प्रमुख भूमिका निभाएगीं। उन्होंने बताया कि जेजेएम के तहत ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों में 10 से 15 सदस्यों को शामिल करने का प्रावधान है। इसी के अनुरूप राज्य में गठित पानी समितियों में 50 प्रतिशत महिला सदस्यों के अलावा 25 प्रतिशत तक पंचायत के निर्वाचित सदस्य तथा शेष 25 प्रतिशत सदस्यों में गांव के कमजोर वर्ग (अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति) के प्रतिनिधियों को उनकी आबादी के अनुपात के आधार पर शामिल किया गया है। 


*सदस्यों को पेयजल जांच के लिए टेस्टिंग किट*


डॉ. कल्ला ने बताया कि प्रदेश में जेजेएम के तहत स्वीकृत ग्रामीण पेयजल योजनाओं से गांव-ढ़ाणियों में स्वच्छ जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पानी समितियों के सदस्यों को जल के नमूनों की जांच करने के लिए 'फील्ड टेस्टिंग किट' भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे जेजेएम परियोजनाओं में निर्धारित मानकों के अनुरूप 'वाटर क्वालिटी' को सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पानी समितियों द्वारा प्रत्येक गांव के स्तर पर 'विलेज एक्शन प्लान' (वीएपी) बनाने का कार्य भी वृहद पैमाने पर संचालित किया जा रहा है। अब तक 13 हजार 237 गांवों के 'वीएपी' तैयार कर लिए गए हैं। गत 15 अगस्त को आयोजित ग्राम सभाओं में बड़ी संख्या में 'वीएपी' का अनुमोदन किया गया। आगामी 02 अक्टूबर को आयोजित होने वाली ग्राम सभाओं में राज्य के शेष बचे गांवों के विलेज एक्शन प्लान तैयार कर उनका अनुमोदन कराने की दिशा में कार्य चल रहा है। 


*योजनाओं का प्रबंधन, संचालन एवं रख-रखाव*


जेजेएम में सामुदायिक सहभागिता पर बल देते हुए सभी गांव और ढ़ाणियों में 'हर घर नल कनेक्शन' के माध्यम से पेयजल आपूर्ति की योजना का खाका तैयार करने से लेकर, योजनाओं के प्रबंधन, संचालन एवं रख-रखाव में पानी समितियों की सक्रियता सबसे अहम है। इसके लिए ये समितियों ग्राम सभा में संकल्प पारित कराने और सभी गतिविधियों में सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने का कार्य करेगी। पानी समितियों के दायित्व में गांव के हर मौजूदा परिवार और भविष्य में अस्तित्व में आने वाले नए परिवारों को 'हर घर नल कनेक्शन' से जोड़ना तथा गांव की मुख्य बस्तियों से दूर बसी आबादियों को भी नल कनेक्शन से जोड़ना भी शामिल है। इसके अलावा इन समितियों को गांवों में जल स्रोतों के स्थायित्व, रीसाईक्लिंग द्वारा जल के पुर्नउपयोग तथा जल संरक्षण कार्यों के लिए ग्राम स्तर पर संरचनाओं के निर्माण एवं पर्यवेक्षण का कार्य भी सौंपा गया है। 


*'थर्ड-पार्टी इंस्पैक्शन' और कार्य मूल्यांकन में सहयोग*


जेजेएम के तहत गठित ये समितियां अपने स्तर पर सभी कार्यों के 'थर्ड पार्टी इंस्पैक्शन' और मूल्यांकन में सहयोग, गांवों के स्थानीय जल स्रोतों सहित वहां सभी जल आपूर्ति प्रणालियों के समुचित प्रबंधन, ग्राम पंचायत/ग्राम परिसम्पति रजिस्टर में पेयजल परिसम्पतियों का विवरण दर्ज करने तथा योजना के पूर्ण होने पर उसका प्रायोगिक तौर पर सभी लोगों को नियमित लाभ सुनिश्चित करने का भी कार्य करेगी। इसके साथ ही गांव-ढ़ाणियों में जल के मितव्ययता के साथ सदुपयोग के लिए जागरूकता अभियान का संचालन और पानी के दुरूपयोग को रोकने के लिए ग्राम स्तर पर तंत्र विकसित करने जैसे कार्य भी इन समितियों के जरिए सम्पादित किए जाएंगे। इन समितियों की एक वर्ष में नियमित अंतराल पर कम से कम चार बार बैठकों का आयोजन जरूरी है।


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