इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए राजकीय नशा मुक्ति परामर्श एवम् उपचार केंद्र के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. रविकांत गोयल ने कहा कि भारत में कई लोग नशे का सेवन करते हैं। इनमें ऐसे लोग भी शामिल हैं, जिनके घरों में दो जून की रोटी भी सुलभ नहीं है। इन लोगां को अपने परिवार की चिंता भी नहीं है। नशे की ऐसी प्रवृत्ति के कारण आपराधिक वारदातें भी बढ़ रही हैं, जो समाज के लिए चिंता का विषय है। योग्य चिकित्सक की सलाह व घर वालो के सक्रिय सहयोग से नशा छोड़ा जा सकता है।
शिक्षा विभाग के प्रतिनिधि समाजसेवी श्री मुनीश कुमार लड्ढा ने कहा कि अमरबेल की तरह बढ़ते हुआ नशा नौजवानों की जिंदगी के मजबूत पेड़ को समूल नष्ट करने को आमादा है। गांव-गांव, शहर-शहर को नशे से बचाना है। हम सबको मिलकर देशभक्तों के सपनो का भारत बनाना है। श्री लड्ढा ने विद्यार्थियों, अभिभावकों व आमजनं को नशामुक्त जीवन जीने का संकल्प भी दिलवाया। सेवानिवृत पुलिस अधिकारी श्री रमेशलाल वासुदेव शर्मा ने कहा कि विद्यार्थी स्वयं नशे रूपी दलदल में फंसने से बचें और अपने इलाके को नशामुक्त बनाने को अपने जीवन का लक्ष्य बनाएं। स्कूल के प्रबंध निदेशक श्री रघुवीर शर्मा ने कहा कि मानव जीवन अनमोल है, इसे नशे में न गवाएं। थाना कोतवाली के उपनिरीक्षक श्री रोहिताश पूनिया ने कहा कि जो अवैध रूप से नशा बेचते हैं, उनकी सूचनाएं सीएलजी सदस्यां, शिक्षकों, बीट कांस्टेबल, थानाधिकारी के माध्यम से सांझा करें ताकि पुलिस प्रशासन उनके विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही कर सके। मौके पर ताराचंद जग्गा, कांस्टेबल पतराम, कुलविंद्र सिंह, प्रताप ज्याणी, महिला पुलिस थाना के रोहिताश कुमार, शिक्षक श्रीमती सरिता, अंजू, माया, ज्योति, खुशबू अरोड़ा, पूजा, लक्ष्मी, डिंपल, वीना, अमृतपाल, वीना अरोड़ा सहित अन्य उपस्थित रहे। मंच संचालन शिक्षिका खुशबू अरोड़ा ने किया। कार्यक्रम के अंत में डौ. रविकांत गोयल ने नशा छोड़ने के इच्छुक लोगों की शारीरिक जांच कर उन्हें उचित परामर्श भी दिया।
0 टिप्पणियाँ
इस खबर को लेकर अपनी क्या प्रतिक्रिया हैं खुल कर लिखे ताकि पाठको को कुछ संदेश जाए । कृपया अपने शब्दों की गरिमा भी बनाये रखे ।
कमेंट करे