कार्यशाला में मुख्य वक्त्ता के रूप में संबोधित करते हुए राजकीय नशामुक्ति परामर्श एवम् उपचार केंद्र के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. रविकांत गोयल ने कहा कि आज नौजवान अपनी प्रतिभा, जीवन, सम्मान और धन नशे में गवा रहे है, जो कि समाज और परिवारों के लिए चिंता का विषय है। हम सभी सामूहिक रूप से प्रयास करे कि अपने परिवारों में वैवाहिक समारोहों, उत्सवों, त्यौहारों पर अपनी खुशी का इजहार नशे के सेवन में ना खोजे।
प्रधानाचार्य श्री किशवंत सिंह ने कहा कि ये ना देखे कि दूसरा क्या कर रहा है। यदि हमने विद्यार्थी जीवन में अपने आप को नशे रूपी दल दल में गिरने से बचा लिया तो हमने अपने जीवन को उन्नति के मार्ग पर आगे बढ़ा दिया और अपने परिवार को बचा लिया। भामाशाह श्री लाल चंद यादव ने इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि जो अवैध रूप से नशा बेचते हैं, उनकी सूचनाएं औषधि नियंत्रण विभाग, शिक्षको, पुलिस के बीट कांस्टेबल, सुरक्षा सखियों व सी एल जी सदस्यों के माध्यम से सांझा करें।
सरपंच श्रीमती सुनीता देवी ने कहा कि बच्चे अपने घरों में जो लोग नशा करते हैं, उन्हे एक बार नशा नहीं करने को कहें, हो सकता है कि वो आप के कहने मात्र से नशे के दल दल से बाहर आने को तैयार हो जाए। वार्ड पंच श्री प्रवीण कुमार ने कहा कि नशा बेचने वालो व उन्हें संरक्षण देने वालो का सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए। अंत में डॉ. रविकांत गोयल ने नशा छोड़ने के इच्छुक लोगो की जांच की व उन्हें उचित परामर्श दिया।
कार्यक्रम में एएसआई रणवीर सिंह, सरपंच पति सुरेश कुमार, एलजी सदस्य दीनदयाल पारीक, पंच प्रतिनिधि रोशन यादव, ग्राम रक्षक मोहन लाल आचार्य, शिक्षक शालू अरोड़ा, अमनदीप सोनी सहित अन्य उपस्थित रहे। मंच संचालन व्याख्याता शालू अरोड़ा ने किया।
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