Advertisement

Advertisement

अत्यधिक गर्मी में लू और तापघात से बचाव रखें आमजन

 अत्यधिक गर्मी में लू और तापघात से बचाव रखें आमजन

पेय पदार्थों का अधिकतम उपयोग करें सुनिश्चित, बरतें आवश्यक सावधानी

श्रीगंगानगर। वर्तमान में क्षेत्र में अत्यधिक गर्मी के चलते लू और तापघात से बचाव रखने के लिये जिला प्रशासन की ओर से अपील जारी की गई है। अपील में बताया गया है कि वर्तमान में तापमान बढ़ने और अत्यधिक गर्मी व लू-तापघात होने से बचाव के लिये आमजन आवश्यक सावधानी बरतें। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग को लू-तापघात से बचाव के मद्देनजर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये हैं।

जिला कलक्टर डॉ. मंजू ने बताया कि वर्तमान में क्षेत्र में अत्यधिक गर्मी और लू से बचाव के लिये स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में लू और तापघात से बचाव के लिये पर्याप्त इंतजाम और दवा सहित अन्य उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं। मनरेगा कार्यस्थल पर पेयजल, छाया सहित अन्य व्यवस्थाएं की जायें। चिकित्सा संस्थानों में बिजली और पेयजल सहित पर्याप्त दवाएं रखने के लिये भी निर्देशित किया गया है। उन्होंने बताया कि सभी अस्पतालों में रोगियों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, संस्थान में रोगी के उपचार के लिए आपातकालीन किट में ओआरएस, ड्रिपसेट सहित अन्य आवश्यक दवाइयां रखने के निर्देश पूर्व में दिए गए हैं।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार शरीर में लवण व पानी अपर्याप्त होने पर विषम गर्म वातावरण में लू व तापघात से सिर का भारीपन व अत्यधिक सिरदर्द होने लगता है। इसके अलावा अधिक प्यास लगना, शरीर में भारीपन के साथ थकावट, जी मिचलाना, सिर चकराना व शरीर का तापमान बढऩा, पसीना आना बंद होना, मुंह का लाल हो जाना, त्वचा का सूखा होना, अत्यधिक प्यास का लगना व बेहोशी जैसी स्थिति का होना आदि लक्षण आने लगते हैं।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार चिकित्सकीय दृष्टि से लू-तापघात के लक्षण, लवण व पानी की आवश्यकता व अनुपात विकृति के कारण होती है। मस्तिष्क का एक केन्द्र जो मानव के तापमान को सामान्य बनाए रखता है, काम करना छोड़ देता है। ऐसे में रोगी को तुरंत छायादार जगह पर कपड़े ढीले कर लेटा दिया जावे। रोगी को होश मे आने की दशा मे उसे ठण्डा पेय पदार्थ, जीवन रक्षक घोल, कच्चा आमपना दें।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जहां तक सम्भव हो धूप में न निकलें, धूप में शरीर पूर्ण तरह से ढका हो। धूप में बाहर जाते समय हमेशा सफेद या हल्के रंग के ढीले व सूती कपड़ों का उपयोग करें। बहुत अधिक भीड़ व गर्म घुटन भरे कमरों से बचें। बिना भोजन किए बाहर न निकलें। गर्दन के पिछले भाग कान एवं सिर को गमछे या तौलिये से ढक कर ही जरूरी होने पर बाहर निकलें। रंगीन चश्में एवं छतरी का प्रयोग करें। गर्मी मंे हमेशा पानी अधिक मात्रा मे पिएं एवं पेय पदार्थाे जैसे नींबू पानी, नारियल पानी, ज्यूस आदि का प्रयोग करें। लू-तापघात से प्राय हाईरिस्क श्रेणी वाले लोग जैसे कि कुपोषित बच्चे, वृद्धजन, गर्भवती महिलाएं व शुगर, बीपी आदि के मरीज शीघ्र प्रभावित होते हैं।

यदि उक्त सावधानी के बाद भी मरीज ठीक नहीं होता है, तो उसे तत्काल निकट की चिकित्सा संस्थान ले जाया जाए। स्वास्थ्य संबंधी जरूरत होने पर तत्काल 108 को कॉल करें या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर जाएं। मनरेगा अथवा अन्य श्रमिकों के कार्यस्थल पर छाया एवं पानी का पूर्ण प्रबन्ध रखा जावे ताकि श्रमिक थोड़ी-थोड़ी देर में छायादार स्थानों पर विश्राम कर सकें।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Advertisement

Advertisement