हनुमानगढ़ । देश मे बढ़ रहे मासूम बेटियों को कोख में मारने की घटनाओं से दिल दहल उठता हैं ! समाज मे बेटियों को जिस नज़रिए से देखा जाता हैं वो बहुत ही बुरा सा लगता हैं ।
देश मे सरकारों ने भी अपने-अपने स्तर पर खूब प्रयास किये व करते भी जा रहे हैं ! लेकिन फिर भी नज़रो को बचाते हुए देश भर में बेटियों को कोख मै मारने का काम बदस्तूर जारी हैं !
आज मेने इस विषय पर गहनता से विचार किया और दुनिया को शिक्षा देने से पहले खुद को बदलने की सोची ! आज से मैने अपने नाम के साथ अपनी धर्मपत्नी का नाम भी साथ मे जोड़ा हैं । इसलिए मुझे अब कुलदीप शर्मा की जगह अगर कुलदीप ममता शर्मा बोला जाए तो अच्छा लगेगा ।
आओ मिलकर संकल्प ले कि अब समाज को बेटी बचाने व बेटियों को पढ़ाने के लिए जागरूक करेंगे ।
विडम्बना देखे - बहु,बहिन और माँ सबको ही चाहिए लेकिन बेटी किसी को नहीं चाहिए !
3 टिप्पणियाँ
शानदार कवरेज।उच्च विचार का प्रतीक।बेटियां हर कदम पर साथ देती ह अंतिम समय तक बिना रुके।बिना कोई ईर्ष्या के।।
जवाब देंहटाएंशानदार कवरेज।उच्च विचार का प्रतीक।बेटियां हर कदम पर साथ देती ह अंतिम समय तक बिना रुके।बिना कोई ईर्ष्या के।।
जवाब देंहटाएंTHAnks for reply
जवाब देंहटाएंइस खबर को लेकर अपनी क्या प्रतिक्रिया हैं खुल कर लिखे ताकि पाठको को कुछ संदेश जाए । कृपया अपने शब्दों की गरिमा भी बनाये रखे ।
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