रिपोर्ट एक्सक्लूसिव,बीकानेर (जयनारायण बिस्सा)। केन्द्र व राज्य सरकार गंभीर रोगियों के ईलाज के लिये अनेक प्रकार की स्वास्थ्य योजनाएं चला रही है। वहीं नि:शुल्क दवा वितरण के साथ साथ मंहगी दवाओं को सस्ती दरों में देकर रोगियों को राहत पहुंचाने का काम कर रही है। किन्तु बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में अपनी सरकार की ओर से जारी मद का लाभ रोगियों को नहीं मिल रहा है।
ऐसा ही कुछ आचार्य तुलसी कैंसर रिसर्च सेन्टर में हो रहा है। जहां पंजाब व हरियाणा से आने वाले कैंसर रोगियों को उन्ही की सरकार की ओर से इस सेन्टर को दी जाने वाली मदद का लाभ नहीं हो रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसारआचार्य तुलसी कैंसर रिसर्च सेन्टर में पंजाब व हरियाणा की सरकार मुख्यमंत्री कैंसर सहायता कोष के जरिये मदद राशि भेजती है। जिन्होंने सहायता कोष में इलाज के लिये आवेदन किया है। ताकि उन रागियों की देखरेख व इलाज में सहायता हो सके।
परन्तु पिछले एक वर्ष से आचार्य तुलसी कैंसर रिसर्च सेन्टर में न तो पंजाब व न हरियाणा के ऐसे रोगियों को इस राहत कोष से की जाने वाली मदद का फायदा दिया जा रहा है। हालात ये है कि पंजाब-हरियाणा के ऐसे कैंसर रोगियों से बैड चार्ज 1200 रूपये के अलावा,अस्पताल में की जाने वाली प्रत्येक जांच,सोनाग्राफी व एक्स-रे तक के रूपये वसूले जाते है। यहीं नहीं मुख्यमंत्री सहायता कोष में सहायता आवेदन करने वाले रोगियों को अस्पताल के चिकित्सक अपने निवास स्थान पर बुलाकर निजी अस्पतालों के माध्यम से मंहगें इलाज करवाकर लूट खसोट का गौरखधंधा भी कर रहे है।
पंजाब के रोगियों की संख्या हुई कम
अगर अस्पताल के पंजीकरण रिकार्ड पर नजर डालें तो पायेंगे की इस प्रकार की सहायता नहीं मिलने के कारण पंजाब से आने वाले रोगियों की संख्या में गिरावट आई है। इन रोगियों के परिजनों का कहना है कि बीकानेर में पंजाब के मुकाबले कैंसर का अच्छा इलाज होता है। जिसकी वजह से कैंसर रोगी बीकानेर की ओर रूख करते है। परन्तु बीकानेर आचार्य तुलसी कैंसर रिसर्च सेन्टर में पंजाब मुख्यमंत्री सहायता कोष से सहायता के लिये आवेदन करने वालों राशि स्वीकृत होने के बाद भी मदद नहीं मिलती।
लाखों स्वीकृत,आखिर कहां जाती है सहायता
पंजाब सरकार की ओर से आवेदन को सहायता के तौर पर एक से डेढ लाख तक की राशि स्वीकृत की जाती है। मजे की बात तो यह है कि साल में करीब 75 से 100 आवेदकों को इलाज के लिये राशि पंजाब सरकार स्वीकृत करती है। फिर भी आचार्य तुलसी कैंसर रिसर्च सेन्टर ऐसे रागियों की कोई मदद नहीं करता।
ऐसा होना नहीं चाहिये। फिर भी अगर ऐसा हो रहा है तो इसकी जांच करवाता हूं- डॉ आर पी अग्रवाल,प्राचार्य सरदार मेडिकल कॉलेज,बीकानेर
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