रिपोर्ट एक्सक्लूसिव,बीकानेर (जयनारायण बिस्सा)। श्री कोचरगौत्र कुलदेवी भगवती मातेश्वरी श्री विशला देवी माता की ऐतिहासिक शोभायात्रा श्रीमद् विजयधर्म धुरन्धर सूरि म.सा के मार्गदर्शन में 18 मार्च की सुबह 7.30 बजे कोचरों के चौक से निकाली जाएगी। शोभायात्रा का इस बार विशेष आकर्षण नवनिर्मित रथ होगा।
जिसमें माताजी की श्रृंगारित प्रतिमा रहेगी और हजारों भक्तगण महिलाएं व पुरुष परम्परागत वेशभूषा में माता के जयकारों के साथ पदयात्रा करते हुए करमीसर स्थित माता के मंदिर तक जाएंगे। इस अवसर पर तीन दिन तक विशेष आयोजन भी होंगे।
आयोजन से जुड़े सुरेन्द्र कोचर ने बताया कि यह शोभायात्रा ऐतिहासिक व अद्वितीय और पावन होगी । परम पूज्य गच्छाधिपति श्रुतभास्कर आचार्य भगवंत श्रीमद् विजयधर्मधुरन्धरसूरि म.सा. की प्रेरणा व आशीर्वाद से शोभायात्रा में कोचर कुल के श्रद्धालु विनय, भक्तिभाव, उल्लास और माता के स्तुतिपाठ व जयकारों के साथ पदयात्रा करते हुए कोचरों के चौक से रवाना होकर सिरोहिया, डागा-सेठिया, ढढ्ढा, बड़ा बाजार, नाहटा मोहल्ला सहित विभिन्न क्षेत्रों से होते हुए करमीसर पहुंचेगे।
इस अवसर पर मंदिर में पूजा अर्चना का विशेष आयोजन होगा तत्पश्चात प्रसाद वितरण का र्यक्रम होगा। सुरेन्द्र कोचर ने बताया कि इससे पूर्व 16 मार्च को कोचरों के चौक में ही भव्य भक्ति संगीत संध्या एवं रातिजोगा का कार्यक्रम होगा। शाम 7 बजे से शुरु होने वाला यह कार्यक्रम रात 11 बजे तक चलेगा। इसी प्रकार 17 मार्च की शाम 8 बजे से रात 11 बजे तक पारम्परिक वेशभूषा में डांडिया नृत्य का कार्यक्रम कोचरों के चौक में आयोजित किया जाएगा।
श्रीमद् विजयधर्मधुरन्धरसूरि म.सा ने अपने आशीर्वचन में कोचर कुल के धर्मप्रेमी सज्जनों से कहा है कि भगवती मातेश्वरी कोचर कुलदेवी माताजी की पहले कृपा हुई तो मंदिरजी बन गया। माताजी की प्रतिष्ठा भी हो गई। अब दूसरी कृपा हुई है। बढिय़ा सा रथ बन गया और आ भी गया है। हमें अवसर मिला है माताजी के प्रति कुछ करने का तो उपेक्षावृति से यह अवसर गंवाना मत, धर्म ध्यान में उद्यम रहें। उन्होंने सभी धर्मप्रेमी बंधुओं से धर्मलाभ लेने की बात कही।
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