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राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत की जाएगी नशा छोडने की अपील

 नेशनल पब्लिक स्कूल में हुआ पहला कार्यक्रम
पिता के नाम एक खुली चिट्ठी सुधारेगी पापा की सेहत
हनुमानगढ 23 फरवरी । प्लीज पापा! मेरे कहने से आप तम्बाकू खाना छोड दीजिए। मेरे साथ रहिए। मेरा भरोसा बनकरमेरे सबसे बडे मददगार बनकर। मुझे यकीन है कि आप मेरी बात जरूर मानेंगे। आपको तो पता ही होगा कि तम्बाकू में कैंसर उत्पन्न करने वाले तत्व पाए जाते हैं। यह शब्द उस खत के हैंजिसके माध्यम से बच्चे अपने पापा को तम्बाकू से बचाने की कोशिश करेंगे। राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग बच्चों का सहयोग लेकर परिजनों को नशा छुडवाने का प्रयास करेगा।
आईईसी कोर्डिनेटर मनीष शर्मा ने बताया कि बच्चे जो देखते-समझते हैंवो करते भी हैं। अच्छे और बुरे को जानने-पहचानने का हुनर उनमें भी हैं। बडों की तरह उन्हें भी पता हैं कि उनके परिवार के लिए क्या अच्छा है और क्या बुरा। राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत बच्चों की मदद से परिवार में तम्बाकू व नशे पर रोक लगाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी के तहत अभियान का आगाज जंक्शन स्थित नेशनल पब्लिक स्कूल से किया गया। प्रार्थना सभा में बच्चों को पिं्रसीपल आरके जिंदल व श्रीमती सुशीला सुथार ने नशे के दुष्पभावों के बारे में बताया। उन्होंने बच्चों को बताया कि अधिकतर लोग तम्बाकू,सिगरेट व अन्य प्रकार का नशा करते हैंजो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। लगातार नशा करने से व्यक्ति की उम्र कम होती है और उसे कई तरह की बीमारियां घेर लेती हैं। नशा छोडने की शुरुआत हमें अपने घर से ही करनी होगी। उन्होंने बच्चों से कहा कि हमारे घर में यदि कोई तम्बाकू का सेवन या कोई अन्य नशा करता हैतो उसे यह खत देकर उन्हें तम्बाकू छोडने का आग्रह करें।
नेशनल पब्लिक स्कूल की प्रार्थना सभा में डॉ. सुरेश चौधरीडीएनओ डॉ. सुदेश जांगिड व स्कूल स्टॉफ ने बच्चों को खत बांटे। डॉ. चौधरी ने बच्चों को बताया कि तम्बाकू व धुम्रपान से कैंसर होने का खतरा रहता हैइसलिए हमें इसे दूर करने के पयास करने होंगे ताकि हमारा परिवार व आसपास के लोग स्वस्थ व सुरक्षित रहें। एक बच्ची ने बताया कि उसके दादाजी तम्बाकू खाते हैं और वे आज ही इस पत्र को अपने दादाजी को देंगी। अन्य बच्चों ने भी इस खत को अपने परिजनों व परिचतों को देने का संकल्प दोहराया।
सीएमएचओ डॉ. प्रीत मोहिन्दर सिंह ने कहा कि पिता के नाम एक खुली चिट्ठी राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम का हिस्सा बनेगी। चिट्ठी की कॉपियां शिक्षण संस्थाओं में बंटवाई जाएंगी और बच्चे अपने पिता से तम्बाकू छोडने की अपील करेंगे। गत दिवस जंक्शन में सुरेशिया निवासी कशिश (12) ने अपने पिता को यह मार्मिक चिट्ठी दीजिसे पढकर कशिश के पिता अशोक कुमार ने तम्बाकू छोडने का पण लिया। अशोक कुमार ने बताया कि वे पिछले दस सालों से तम्बाकू का सेवन कर रहे हैं। वे तम्बाकू के दुष्परिणामों के भली-भांति परिचित हैंलेकिन नशा छोड नहीं पा रहे थे। कशिश का पत्र पढकर वे एक शब्द नहीं बोल पाए। बेटी द्वारा किए गए आग्रह को वे ना नहीं कर पाए और उन्होंने पण लिया कि वे अब कभी नशा नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि वे अपने साथी टैम्पू चालकों को भी तम्बाकू छोडने के लिए प्रेरित करेंगे।

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