नेशनल पब्लिक स्कूल में हुआ पहला कार्यक्रम
पिता के नाम एक खुली चिट्ठी सुधारेगी पापा की सेहत

आईईसी कोर्डिनेटर मनीष शर्मा ने बताया कि बच्चे जो देखते-समझते हैं, वो करते भी हैं। अच्छे और बुरे को जानने-पहचानने का हुनर उनमें भी हैं। बडों की तरह उन्हें भी पता हैं कि उनके परिवार के लिए क्या अच्छा है और क्या बुरा। राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत बच्चों की मदद से परिवार में तम्बाकू व नशे पर रोक लगाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी के तहत अभियान का आगाज जंक्शन स्थित नेशनल पब्लिक स्कूल से किया गया। प्रार्थना सभा में बच्चों को पिं्रसीपल आरके जिंदल व श्रीमती सुशीला सुथार ने नशे के दुष्पभावों के बारे में बताया। उन्होंने बच्चों को बताया कि अधिकतर लोग तम्बाकू,सिगरेट व अन्य प्रकार का नशा करते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। लगातार नशा करने से व्यक्ति की उम्र कम होती है और उसे कई तरह की बीमारियां घेर लेती हैं। नशा छोडने की शुरुआत हमें अपने घर से ही करनी होगी। उन्होंने बच्चों से कहा कि हमारे घर में यदि कोई तम्बाकू का सेवन या कोई अन्य नशा करता है, तो उसे यह खत देकर उन्हें तम्बाकू छोडने का आग्रह करें।
नेशनल पब्लिक स्कूल की प्रार्थना सभा में डॉ. सुरेश चौधरी, डीएनओ डॉ. सुदेश जांगिड व स्कूल स्टॉफ ने बच्चों को खत बांटे। डॉ. चौधरी ने बच्चों को बताया कि तम्बाकू व धुम्रपान से कैंसर होने का खतरा रहता है, इसलिए हमें इसे दूर करने के पयास करने होंगे ताकि हमारा परिवार व आसपास के लोग स्वस्थ व सुरक्षित रहें। एक बच्ची ने बताया कि उसके दादाजी तम्बाकू खाते हैं और वे आज ही इस पत्र को अपने दादाजी को देंगी। अन्य बच्चों ने भी इस खत को अपने परिजनों व परिचतों को देने का संकल्प दोहराया।

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