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राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्यों ने अधिकारियों की बैठक ली

हनुमानगढ, 28 फरवरी। राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य श्री एस.पी. सिंह व श्री अर्जुन बांगडी ने मंगलवार को यहां जिला कलक्ट्रेट के सभागार में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ नवीन जे.जे. एक्ट, 2015 के प्रभावी क्रियान्वयन, शिक्षा के अधिकार को प्रभावी रूप से लागू करने,लैगिंक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012  के प्रभावी क्रियान्वयन, बाल श्रम उन्मूलन तथा जिले के आंगनवाडी केन्द्रों में बच्चों के पोषण की स्थिति की विस्तार सें समीक्षा की।
बैठक में उन्होनें कहा कि बाल विवाह, बाल श्रम, बाल शोषण इत्यादि मुददों पर जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक बाल समूह के माध्यम से मुददों के प्रति सवाचेत करे जिससे कोई भी उनका शोषण नही कर सके ताकि बच्चों का सर्वोतम हित सुनिश्चित हो सके।
उन्होने बताया कि विशेष पुलिस की इकाई में कार्यरत कार्मिकों को पुलिस किशोर न्याय अधिनियम की मंशा के अनुरूप प्रशिक्षित करे तथा प्रत्येक पुलिस थानों पर बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड व आयोग के दूरभाष नम्बर अंकित करवाना सुनिश्चित करें ताकि बच्चों के शोषण से संबधित प्रकरण की तुरन्त कार्यवाही की जा सके।
श्री बागडी ने कहा कि निःशुल्क शिक्षा के अधिकार के तहत वंचित परिवारों को शिक्षा सें जोडा जाये, कोई भी पात्र बालक इससे वंचित नही रहें। उन्होंने कहा कि बाल कल्याण समिति, श्रम व पुलिस विभाग मिलकर संयुक्त रूप से बालश्रम में सलंग्न बच्चों को चिन्हित कर उनके पुनर्वास की कार्यवाही सुनिश्चित करे।
बैठक में अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य श्रीमति लिलियन ग्रेस, कृषि उपज मंडी समिति के अध्यक्ष श्री रामेश्वर चामरिया, अति0 जिला कलक्टर भागीरथ शर्मा, अति0 पुलिस अधीक्षक निर्मला विश्नोई, सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई विक्रम सिंह, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, के सदस्य, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी सहित श्रम कल्याण, महिला एवं बाल विकास व गैर सरकारी संस्थान के प्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ता तथा संबधित अधिकारीगण उपस्थित थे।

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