जयपुर । देश से लेकर प्रदेश भर में हर रोज किसी बात के चर्चे हो रहे हैं तो वो स्वच्छ भारत अभियान के ही हैं उसी को लेकर कल प्रदेश स्तर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया । भारत सरकार के ‘स्वच्छ भारत, स्वच्छ विद्यालय’ कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य के चयनित चालीस राजकीय विद्यालयों को श्रेष्ठ स्वच्छता की श्रेणी में रखते हुए सभी को 50-50 हजार रूपये राशि के पुरस्कार प्रदान किए गए हैं। शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने मंगलवार को शिक्षा स्कुल में इन विद्यालयों के उपस्थित प्रधानाचार्यों एवं संस्था प्रधानों को प्रत्येक को 50 हजार रूपये राशि का चैक, प्रशस्ती पत्र एवं ट्रॉफी प्रदान कर सम्मानित किया।
इस दौरान ‘राज्य स्तरीय चित्रकला प्रतियोगिता एवं स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार योजना’ के तहत बालक एवं बालिका वर्ग के राजकीय विद्यालयो के श्रेष्ठ 6 प्रतिभागियों को भी स्वच्छ विद्यालय के बनाए चित्रों के लिए पुरस्कृत किया। चित्रकला प्रतियोगिता में बालिका वर्ग में प्रथम पुरस्कार बूंदी जिले की कक्षा 7 की छात्रा संजू मेघवाल को तथा बालक वर्ग में बीकानेर जिले के कक्षा 8 वीं के छात्र मनोज नायर को उत्कृष्ट चित्र बनाने के लिए प्रदान किया गया। इन्हें 5-5 हजार रूपये राशि का नकद पुरस्कार, प्रशस्ती पत्र एवं ट्राफी प्रदान कर शिक्षा राज्य मंत्री ने सम्मानित किया।
राजकीय विद्यालयों को श्रेष्ठतम बनाएं शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने इस मौके पर आयोजित समारोह में कहा कि संस्था प्रधान राजकीय विद्यालयों को श्रेष्ठतम बनाने का प्रयास करें। उन्होंने स्वच्छता को जीवन का स्वभाव बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि सभी अपनी गली, कस्बे, शहर और गांव को स्वच्छ रखें। विद्यालय स्वच्छ होता तो भारत स्वच्छ होगा।
स्वच्छता के लिए राज्य स्तर पर सम्मान उन्होंने चित्रकला प्रतियोगिता में विजेता रहे विद्यार्थियों तथा राज्य स्तर पर स्वच्छता के लिए सम्मानित राजकीय विद्यालयों के प्रधानाचार्यों, संस्था प्रधानों की सराहना की तथा कहा कि हम स्वयं स्वच्छता के लिए कार्य करगें तभी विद्यालय और फिर इससे घर भी स्वच्छ रख सकेंगे। उन्होंने कहा कि राजकीय विद्यालयों के आदर्श और उत्कृष्ट नाम हमने इसीलिए रखें कि कि वे अपने आपको उसी अनुरूप सार्थक कर सकें। विद्यालयों में अब स्टार रेंकिंगप्रो. देवनानी ने कहा कि राजकीय विद्यालय भी अब स्टार रेंकिंग के अंतर्गत प्रदेशभर में जाने जाएंगे। जो विद्यालय स्वच्छता, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अन्य सभी स्तरों पर जितना अधिक श्रेष्ठ होगा, उसे उतनी ही स्टार रेंकिग दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश में शिक्षा में स्वस्थ प्रतिस्पद्र्धा का विकास होगा।
शिक्षा मंत्री ने अपने वक्तव्य में विद्यार्थियों का भी आह्वान किया कि वे बेहतरीन परीक्षा परिणाम के लिए जी-जान से तैयारी करें। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल किताबी नहीं रहे बल्कि वह जीवन के सर्वांगीण विकास की संवाहक बने। शिक्षा विभाग के शासन सचिव नरेशपाल गंगवार ने बताया कि भारत सरकार ने स्वच्छ विद्यालय कार्यक्रम के तहत पोर्टल बनाकर ऑनलाईन प्रविष्टियां आमंत्रित की थी। राज्य के 16 हजार विद्यालयों ने ऑनलाईन आवेदन किए, इनमें से कमेटी ने निरीक्षण कर 40 विद्यालयों को श्रेष्ठतम मानते हुए उनका पुरस्कार के लिए चयन किया है। उन्होंने अगले वर्ष और अधिक आवेदन किए जाने और श्रेष्ठता के लिए प्रयास किए जाने पर जोर दिया। सर्व शिक्षा आयुक्त श्री जोगाराम ने बताया कि स्वच्छता के लिए आवेदन करने वाले विद्यालयों का जिला एवं राज्य स्तरीय दलों द्वारा प्रमाणीकरण किया गया।
राज्य स्तरीय प्रमाणीकरण उपरान्त 40 विद्यालयों को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत करने के लिए भारत सरकार को अनुशंषा की गई। इन चयनित 40 विद्यालयों में 20 प्रारंभिक तथा 20 माध्यमिक शिक्षा के विद्यालय है। प्रत्येक में से 5 शहरी तथा 15 ग्रामीण क्षेत्र के राजकीय विद्यालयों का चयन राज्य स्तरीय स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार हेतु किया गया है। यूनिसेफ की शिक्षा विशेषज्ञ डॉ. सलोनी ने बताया कि स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार हेतु 10 लाख रूपये राशि की यूनिसेफ ने भी प्रदान करने की सहमति जताई है। यूनिसेफ से राशि प्राप्त हाने पर सभी 40 चयनित विद्यालयेां को अतिरिक्त राशि ऑनलाईन विद्यालय प्रबंध समिति के खातों में स्थानान्तरित की जाएगी।
‘स्वच्छ भारत, स्वच्छ विद्यालय कार्यक्रम’ एवं राज्य स्तरीय चित्रकला प्रतियोगिता के बारे में पूर्व में सर्व शिक्षा विभाग के आयुक्त जोगाराम ने विस्तार से जानकारी दी।
अब ईस कड़ी में विधालयो का जुड़ना भी बहुत बड़ी उपलब्धी मानी जायेगी क्यूँ ये मिशन देश की राजधानी से शुरू होते-होते प्रदेश तक पहुँच चूका हैं ।
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