Education News In Hindi -एक ऐसा गाँव जहाँ आठवी के बाद बिटिया को मजबूरन छोड़नी पड़ती हैं पढ़ाई,शिक्षा मंत्री तक लगी गुहार,ऐसे केसे पढ़ेगी और बढ़ेगी हमारी लाडो


कम्रोत्रत होने का इंतजार करता चारणवासी का विद्यालय,शिक्षा मंत्री तक लगा चुके गुहार


आठवी पास विद्यार्थी जाते हैं दूसरे गांव,लड़कियों के लिए अभिशाप बनी पढ़ाई। 
शिक्षा मंत्री तक लगाई गुहार,माध्यमिक विद्यालय के मापदण्डों को पूरा करता विद्यालय। 

 राजस्थान/चारणवासी । केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने का दावा कर रही है। वहीं
ग्रामीण क्षेत्र में विद्यालय कम्रोत्रत होने का इंतजार कर रहे है। चार सौ घरों की आबादी वाले चारणवासी गांव का एक मात्र विद्यालय सन 1996 से कम्रोत्रत होने की बाट जो रहा है।

मजबूरन जाना पड़ता हैं दूर पढने को

आठवी पास विद्यार्थी को आगे की पढ़ाई करने के लिए रतनपुरा पांच,फेफाना सात व मलवाणी तीन किमी दूर अन्यत्र गांवों में जाना पड़ता है। ग्रामीणों द्वारा विद्यालय कम्रोत्रत करवाने की मांग पूर्व सांसद राम सिंह कस्वां,विधायक अभिषेक मटोरिया सहित कई जनप्रतिनिधियों को की जा चुकी है। लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला हैं ।


मापदण्डो को पूरा करता विद्यालय

गांव का विद्यालय माध्यमिक स्तर के स्कूलों में होने वाली सुविधाओं से भरपूर हैं। विद्यालय प्रांगण में लगभग 16 कक्षा-कक्ष,दो पानी की टंकी,छात्र-छात्राओं के अलग-अगल शौचालय,खेल मैदान सहित अन्य सुविधाए होने के बावजूद भी कम्रोत्रत नहीं हो रहा।

लड़कियों को आठवी के बाद मजबूरन छोड़नी पड़ती हैं पढाई

गांव का विद्यालय कम्रोत्रत न होना लड़कियों के लिए अभिशाप साबित हो रहा हैं। ग्रामीण परिवेश में अनपढ़ मां-बाप बेटी को पराया धन समझकर दूसरे गांव में पढऩे के लिए भेजनें में
हिचकिचाते हैं। ओर लोग आठवी पास करने के बाद लड़कियों को विद्यालय के अभाव में उच्च शिक्षा से वंचित रहते हुए घरेलु व कृषी कार्य में लगा लेते है।

शिक्षा मंत्री का दावा खोखला

''अपने कार्यकाल में तत्कालीन शिक्षा मंत्री से व्यक्तिगत मिलकर विद्यालय कम्रोत्रत करने की मांग रखी। मंत्री ने आगामी कम्रोत्रित होने वाले विद्यालयों में चारणवासी का नाम शामिल करने का आश्वासन दिया था। लेकिन सरकार की सूचियों में आज तक गांव के विद्यालय का नाम नहीं आया। ---- श्रीमति सीता देवी खीचड़,भूतपूर्व सरंपच मलवाणी

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