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संभाग की पहली उर्वरक परीक्षण प्रयोगशाला की शुरूआत


उर्वरक परीक्षण प्रयोगशाला किसानों के लिये तोहफाः- खान राज्यमंत्री
श्रीगंगानगर । खान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  सुरेन्द्र पाल सिंह टीटी ने कहा कि श्रीगंगानगर जिले व इसके आसपास के किसानों को लाभ देने के उद्देश्य से श्रीगंगानगर में संभाग की पहली उर्वरक परीक्षण प्रयोगशाला की शुरूआत की गयी है। इस प्रयोगशाला से किसान किसी भी उर्वरक की जांच करा सकते है। इससे नकली उर्वरकों की आसानी से पहचान हो सकेगी, जिससे किसान का नुकसान नही होगा।
टीटी शनिवार को सयुंक्त निदेशक कृषि कार्यालय परिसर में नवनिर्मित उर्वरक परीक्षण प्रयोगशाला का उदघाटन करने के बाद ये जानकारी दी। 50 लाख रूपये की लागत से प्रयोगशाला भवन का निर्माण किया गया है। 11 लाख रूपये की राशि के प्रयोग संबंधी उपकरण, दो लाख रूपये के कैमिकल तथा 2 लाख रूपये की राशि के गलास पात्रा क्रय किये गये है। उर्वरक प्रयोग के लिये पर्याप्त स्टॉफ लगाया गया है। संभाग की यह पहली प्रयोगशाला श्रीगंगानगर जिले के किसानों के लिये उपहार है, इससे पूर्व ये प्रयोगशालाएं जयपुर व जोधपुर में संचालित है। उर्वरक परीक्षण प्रयोगशाला में सिंगल सुपर फासफेट, यूरिया, डीएपी इत्यादि खादों की जांच हो सकेगी। जांच के दौरान माइक्रों न्यूट्रेन, जिंक सल्फर, आयरन, केल्शियम इत्यादि की कितनी मात्रा है, ज्ञात हो सकेगी। सरकार द्वारा जो माइक्रों न्यूट्रेन पर जो अनुदान दिया जाता है, उसका लाभ खाद के माध्यम से किसानों तक पहुंचना चाहिए। श्रीगंगानगर जिले में प्रारम्भ की गयी प्रयोगशाला से नकली खाद पर अंकुश लगेगा।

जिप्सम वाले खेत के मालिक ही होंगे लाईसेंसी
खान राज्यमंत्री टीटी ने बताया कि सरकार द्वारा एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया, जिसके तहत जिस किसान के खेत में जिप्सम है, उसे ही जिप्सम निकालने का अनुज्ञापत्र दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि अब तक 950 किसानों ने आवेदन किया है। इन किसानों को जयपुर चक्कर नही लगाने पड़ेगें। संबंधित जिला कलक्टर ही अनुमति जारी करेंगे। उन्होंने बताया कि ढ़ाई फिट गहरी भूमि के बाद नीचे की सम्पति भारत सरकार की होती है। राजस्थान सरकार ने भूमि सुधार कार्यक्रम के तहत जिप्सम निकालने का कार्यक्रम हाथ में लिया है। जिप्सम वाली भूमि में न तो पेड़ उगते है और भूमि भी सेमग्रस्त हो जाती है।

कृषि तकनीकी ज्ञान संदर्भ केन्द्र का लोकापर्ण
 सुरेन्द्र पाल सिंह टीटी ने खाद प्रयोग शाला के बाद उद्यान विभाग एवं आत्मा कार्यालय के परिसर में कृषि तकनीकी ज्ञान संदर्भ केन्द्र के नवनिर्मित भवन का लोकापर्ण किया। इस भवन के निर्माण पर 70 लाख रूपये की राशि व्यय की गयी है। इस संदर्भ केन्द्र में किसानों को हर प्रकार का नवीनतम प्रशिक्षण दिया जायेगा। कृषि प्रसार की गतिविधियों का सुदृढ़ीकरण होगा तथा इस केन्द्र के माध्यम से किसानों को खेती बाड़़ी के बारे में बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।

पत्रकारों ने जताया आभार

आयोजित कार्यक्रम में स्वतंत्रा पत्रकार भीम शर्मा तथा स्वतंत्र पत्रकार राजकुमार जैन ने टीटी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बजट घोषणा में सरकार ने पत्रकारों के कल्याण के लिये बीमा राशि के प्रीमियम की 100 प्रतिशत राशि सरकार द्वारा वहन करने तथा 2500 रूपये तक की दवाएं खरीदने की सीमा 5000 रूपये तक करने के निर्णय का स्वागत किया तथा सरकार का आभार जताया।

330 करोड़ की राशि से जर्जर व नकारा खाले ठीक होंगे
 सुरेन्द्र पाल सिंह टीटी ने बताया कि सरकार ने बजट में नहरों व गेट मरम्मत के लिये 66 करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान किया गया है, जिससे किसान का भला होगा। इसी प्रकार जिले में पुराने खाले जो जर्जर हो चुके है, उन्हें मरम्मत कर या पुर्ननिर्माण करने के लिये सरकार द्वारा 330 करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान किया है। यह कार्य तीसरे चरण के रूप में किया जायेगा तथा नकारा खालों को उपयोगी बनाया जायेगा। ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल मिले, इसके लिये जनता जल योजना में गुणात्मक सुधार के लिये 90 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत की गयी है।
आयोजित कार्यक्रम में हरिसिंह कामरा,  रमेश राजपाल,  विनोद बिश्नोई,  उम्मेद सिंह राठौड़,  प्रहलाद राय टॉक,  प्रदीप धेरड़, सयुंक्त निदेशक  वी.एस.नैण, सहायक निदेशक  जी.आर.मटोरिया, उपनिदेशक  रमेश मीणा, उपनिदेशक  सतीश शर्मा सहित गणमान्य नागरिक, जनप्रतिनिधि व अधिकारी उपस्थित थे।

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