राजस्थान/जयपुर । प्रदेश भर में काफी संख्या में विद्यालय ऐसे होंगे जिसमे नामाकन का आंकड़ा बेहद ही कमज़ोर हैं या यूँ कहे की कई जगह आंकड़ा बिलकुल नाम मात्र ही हैं तो कोई गलत नहीं होगा । शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने विधानसभा में बताया कि हम प्रयासरत है कि विद्यालयों में विद्यार्थियों का नामांकन बढ़े। विद्यालयों में विद्यार्थियों का नामांकन बढ़ने पर विद्यालयों को नियमानुसार क्रमोन्नत किया जायेगा। वासुदेव देवनानी प्रश्नकाल में विधायको द्वारा पूछे गये पूरक प्रश्नों के जवाब दे रहे थे।
वहीं देवनानी ने कहा की सरकार हर ग्राम पंचायत पर नियमानुसार राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय खोलने के लिए कृत संकल्प है। इस बार 282 विद्यालयों को क्रमोन्नत किया जाएगा। गुणावगुण के आधार पर नियमों के अनुरूप होने पर विद्यालयों को क्रमोन्नत किया जाएगा । क्रमोन्नयन के नियमों के अंतर्गत आने वाले हर विद्यालय को क्रमोन्नत करने के पूरे प्रयास किये जायेगे।
सरकार ने प्रदेश में एक भी विद्यालय को बंद नहीं किया है अपितु विद्यालयों को मर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों से प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में इजाफा हुआ है और शिक्षा प्रणाली को व्यावहारिक बनाया गया है। लोगों की शिक्षा में रुचि बढ़ी है। यही वजह है कि विद्यालयों में विद्यार्थियों का नामांकन बढ़ा है। देवनानी ने कहा कि विभाग ने बिना किसी भेदभाव के पूरे प्रदेश में पांच हजार विद्यालय खोले हैं । वर्ष 2001 के नोटिफिकेशन के अनुसार 10वीं कक्षा में 50 विद्यार्थी होने पर 12वीं कक्षा में क्रमोन्नत किया जाता था। लेकिन इसको लेकर भी हमारी हुई बैठक में मुख्यमंत्री जी ने इसे भी घटा दिया हैं ताकि कोई विद्यालय वंचित ना रह जाए ।
राजस्थान सीएम वसुन्धरा राजे ने इसे घटाकर 40 विद्यार्थी किया है। जिस भी विद्यालय में 10वीं कक्षा में 40 विद्यार्थी होंगे, उस विद्यालय को उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत किया जाएगा। सरकार राजस्थान में एक भी ऎसी ग्राम पंचायत नहीं छोड़ी हैं जहां राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय न हो।
इससे पहले विधायक भंवर सिंह के मूल प्रश्न का जवाब देते हुए शिक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि बजट घोषणा वर्ष 2014-15 में प्रत्येक ग्राम पंचायतों पर जहां गैर राजकीय/राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय संचालित नहीं है, उन ग्राम पंचायतों पर माध्यमिक विद्यालय को उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत करने का लक्ष्य निर्धारित था। लक्ष्य की क्रियान्वित की पालना में 5000 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में मय विज्ञान/वाणिज्य संकाय सहित क्रमोन्नत किए गए।
बजट घोषणा 2015-16 में ग्राम पंचायत परिक्षेत्र में गैर राजकीय/राजकीय उच्च माध्यमिक स्तर तक की शिक्षण सुविधा उपलब्ध नहीं है वहां राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय क्रमोन्नत करने का लक्ष्य निर्धारित था। लक्ष्य की पालना में 114, 126 राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों को राजकीय माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत किए जा चुके हैं। आगामी वषोर्ं में चरणबद्ध रूप से विद्यालयों को क्रमोन्नत वर्ष 2020 तक किया जा सकेगा।
692 नवगठित ग्राम पंचायत में से राजकीय प्राथमिक से राजकीय उच्च प्राथमिक 461 तथा राजकीय उच्च प्राथमिक से राजकीय माध्यमिक में 240 क्रमोन्नत किये जा चुके है। वर्ष 2015-16 से बजट सत्र में प्रत्येक ग्राम पंचायत परिक्षेत्र में गैर राजकीय/राजकीय उच्च माध्यमिक स्तर का विद्यालय नहीं होने पर माध्यमिक विद्यालय को उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत करने का लक्ष्य निर्धारित था जिसकी पालना में 114, 126 राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय को माध्यमिक विद्यालयों में क्रमोन्नत किये जा चुके हैं। चरणबद्ध तरीके से वर्ष 2020 तक विद्यालयों को क्रमोन्नत किये जा सकेंगे, जिसमें मुख्यालय अथवा मुख्यालय के राजस्व ग्राम के विद्यालय भी हो सकते हैं।
अब अगर किसी विद्यालय को कर्मोनत करवाना हैं तो नामाकन बढाना जरूरी होगा
वहीं देवनानी ने कहा की सरकार हर ग्राम पंचायत पर नियमानुसार राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय खोलने के लिए कृत संकल्प है। इस बार 282 विद्यालयों को क्रमोन्नत किया जाएगा। गुणावगुण के आधार पर नियमों के अनुरूप होने पर विद्यालयों को क्रमोन्नत किया जाएगा । क्रमोन्नयन के नियमों के अंतर्गत आने वाले हर विद्यालय को क्रमोन्नत करने के पूरे प्रयास किये जायेगे।
सरकार ने प्रदेश में एक भी विद्यालय को बंद नहीं किया है अपितु विद्यालयों को मर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों से प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में इजाफा हुआ है और शिक्षा प्रणाली को व्यावहारिक बनाया गया है। लोगों की शिक्षा में रुचि बढ़ी है। यही वजह है कि विद्यालयों में विद्यार्थियों का नामांकन बढ़ा है। देवनानी ने कहा कि विभाग ने बिना किसी भेदभाव के पूरे प्रदेश में पांच हजार विद्यालय खोले हैं । वर्ष 2001 के नोटिफिकेशन के अनुसार 10वीं कक्षा में 50 विद्यार्थी होने पर 12वीं कक्षा में क्रमोन्नत किया जाता था। लेकिन इसको लेकर भी हमारी हुई बैठक में मुख्यमंत्री जी ने इसे भी घटा दिया हैं ताकि कोई विद्यालय वंचित ना रह जाए ।
राजस्थान सीएम वसुन्धरा राजे ने इसे घटाकर 40 विद्यार्थी किया है। जिस भी विद्यालय में 10वीं कक्षा में 40 विद्यार्थी होंगे, उस विद्यालय को उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत किया जाएगा। सरकार राजस्थान में एक भी ऎसी ग्राम पंचायत नहीं छोड़ी हैं जहां राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय न हो।
इससे पहले विधायक भंवर सिंह के मूल प्रश्न का जवाब देते हुए शिक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि बजट घोषणा वर्ष 2014-15 में प्रत्येक ग्राम पंचायतों पर जहां गैर राजकीय/राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय संचालित नहीं है, उन ग्राम पंचायतों पर माध्यमिक विद्यालय को उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत करने का लक्ष्य निर्धारित था। लक्ष्य की क्रियान्वित की पालना में 5000 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में मय विज्ञान/वाणिज्य संकाय सहित क्रमोन्नत किए गए।
बजट घोषणा 2015-16 में ग्राम पंचायत परिक्षेत्र में गैर राजकीय/राजकीय उच्च माध्यमिक स्तर तक की शिक्षण सुविधा उपलब्ध नहीं है वहां राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय क्रमोन्नत करने का लक्ष्य निर्धारित था। लक्ष्य की पालना में 114, 126 राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों को राजकीय माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत किए जा चुके हैं। आगामी वषोर्ं में चरणबद्ध रूप से विद्यालयों को क्रमोन्नत वर्ष 2020 तक किया जा सकेगा।
692 नवगठित ग्राम पंचायत में से राजकीय प्राथमिक से राजकीय उच्च प्राथमिक 461 तथा राजकीय उच्च प्राथमिक से राजकीय माध्यमिक में 240 क्रमोन्नत किये जा चुके है। वर्ष 2015-16 से बजट सत्र में प्रत्येक ग्राम पंचायत परिक्षेत्र में गैर राजकीय/राजकीय उच्च माध्यमिक स्तर का विद्यालय नहीं होने पर माध्यमिक विद्यालय को उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत करने का लक्ष्य निर्धारित था जिसकी पालना में 114, 126 राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय को माध्यमिक विद्यालयों में क्रमोन्नत किये जा चुके हैं। चरणबद्ध तरीके से वर्ष 2020 तक विद्यालयों को क्रमोन्नत किये जा सकेंगे, जिसमें मुख्यालय अथवा मुख्यालय के राजस्व ग्राम के विद्यालय भी हो सकते हैं।
अब अगर किसी विद्यालय को कर्मोनत करवाना हैं तो नामाकन बढाना जरूरी होगा
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