पत्रिकाxyz की स्पेशल रिपोर्ट
टयूबैल के पानी से बुझाते हलक की प्यास,पांच सौ रू में मंगवाते पानी का टैंकर
चारणवासी। केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार ढाणी-ढाणी व गाँव-गांव में स्वच्छ पेयजल मुहैया करवाने के बड़े-बड़े दावे कर रही है वहीं दूसरी ओर धोरों में ढाणियों व चकों में रहने वाले लोग पेयजल को तरस रहे है। ग्रामीणों द्वारा बार-बार पाइप लाइन डलवाने की मांग करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही। रेत के धोरों में सन् 1974 से आबाद चक 3-6 केएनएन में पेयजल की व्यवस्था न होने के कारण लोगों को मजबूरी में टयूबैल के लवणीय पानी से हलक की प्यास बुझानी पड़ रही है। ग्रामीण श्रीराम सुथार,बलवंत महला,इमलाल सुथार,महावीर प्रसाद टोकसिया इत्यादि ने बताया कि दोनों चकों में लगभग दो दर्जन से अधिक ढाणियां बसी हुई हैं। गांव फेफाना से चक की दूरी तीन किमी है ओर बीच रास्तें में स्थिति ढाणियों में भी पेयजल के पुख्ता इंतजाम नहीं है।
एक सप्ताह नसीब होता पेयजल
ग्रामीणों ने बताया कि प्रति माह जब खिनानिया वितरिका में पानी का सप्ताह चलता है उस समय मीठा पानी नसीब होता है। अन्य दिनों टयूबैल के खारे पानी से हलक की प्यास बुझानी पड़ती है या फिर पांच सौ रूपए में पानी का टैंकर मंगवाना पड़ता है। गरीब तबके के लोग मंहगे दाम का पानी टैंकर नहीं गिरवा सकते ओर दिन-भर सिर पर मटक रख पेयजल के लिए इधर-उधर भटकते हैं। वहीं खूले में विचरण करने वाले जीव-जन्तु भी पानी के अभाव में आए दिन दम तौड़ रहे हंै।
गाय प्यासी
उल्लैंखनीय हैं कि चक में एक अंध गोशाला भी चल रही है यहां पाइप लाइन न आई हेाने के कारण गायों को टयूबैल का लवणीय व खारा पानी मजबूरी में पिलाना पड़ रहा है। गोशाला के संचालक महावीर प्रसाद टोकसिया ने बताया कि अगर कोई जनप्रतिनिधि गांव फेफाना से चक 6 केएनएन तक तीन किमी लंबी पाइप लाइन डालने के लिए बजट स्वीकृत कर दें तो चकों के लोगों के साथ-साथ यहां पल रही अंधी व अपाहिज गायों को भी मीठा पानी नसीब हो सकेगा। शुद्व पेयजल से गायों में आए दिन हो रही बीमारियों में भी कमी आऐगी। चकवासियों व शंकर गिरी महाराज सेवा समिति के सदस्यों ने प्रधान अमर सिंह पूनियां से पाइप लाइन डलवाने की मांग की हैं।
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