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आंगनबाड़ी केंद्र ऐसे हो कि वहां जाने पर अच्छा महसूस करें- कलेक्टर

महिला एवं बाल विकास विभाग की कंवर्जेंस कार्यशाला में बोले जिला कलेक्टर
श्रीगंगानगर । ‘‘महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत जिले भर में संचालित किए जा रहे आंगनबाड़ी केन्द्र ऐसे होने चाहिए कि वहां जाने पर अच्छा महसूस हो। साफ सफाई हो, बच्चों के नाखुन कटे हुए हों, बच्चों की इसी तरह केयर हो जैसे मां घर पर करती है।‘‘ ये कहना है जिला कलक्टर ज्ञानाराम का जो शुक्रवार को महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से आयोजित की गई एक दिवसीय कंवर्जेंस कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। जिला परिषद के अटल सेवा केन्द्र में आयोजित इस कार्यशाला में जिला कलक्टर ने कहा कि जो भी महिला और बच्चे आगंनबाड़ी केन्द्रों के दायरे में आते हैं उनको इसका पूरा लाभ मिले। महिलाओं की डिलीवरी इंस्टीटयूश्नल हो। डिलीवरी के लिए एंबुलेंस 104 और 108 निशुल्क उपलब्ध रहती है।  अगर गर्भवती महिला को लेने के लिए 104 या 108 ना आए तो इसकी शिकायत मोबाइल नंबर 8764835254 और 8764835255 पर दर्ज करवाई जा सकती है। जिला कलक्टर ने कहा कि एंबुलेंस नहीं आने पर उन्हें लिखित में भी शिकायत की जा सकती है।
                           जिला कलक्टर ने कहा महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों का जो बेसिक कार्य है उसे पूर्ण निष्ठा के साथ पूरा किया जाए। ताकि कुपोषित महिला, बच्चों, घर पर डिलीवरी, टीकाकरण नहीं होना इत्यादि पर रोक लगा सकेगे। जिला कलक्टर ने कहा कि गांव में जाकर अगर सही तरीके से लोगों से बात की जाए और आंगनबाड़ी केन्द्रों के बारे में बताया जाए तो टार्गेट लोगों तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। बैठक में महिला पर्यवेक्षकों की ओर से आंगनबाड़ी केन्द्रों पर वेट मशीन खराब होने की जानकारी देने पर जिला कलक्टर ने चिकित्सा विभाग के वीएचएसई फंड से इस तरह के सामान आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए खरीदने के निर्देश दिए। महिला एवं बाल विभाग की ओर से अगर डिमांड भिजवा दी जाएगी तो उसकी सेंट्रलाइज खरीद की जा सकती है। साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों पर दरी इत्यादि की खरीद भी इस फंड से की जा सकती है। वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहयोगिनी इत्यादि की डयूटी अन्य कार्यों में लगाने पर कई बार आंगनबाड़ी केन्द्र बंद करने की नौबत आ जाने की महिला पर्यवेक्षकों की शिकायत पर जिला कलक्टर ने भविष्य में आंगनबाड़ी केन्द्रों के कार्यकर्ताओं, सहयोगिनी इत्यादि की ड्यूटी अन्य कार्यों में नहीं लगाने की आश्वासन दिया। जिला कलक्टर ने सीडीपीओज को भी निर्देशित किया कि मनरेगा के जरिए अगर कहीं आंगनबाड़ी केन्द्र बन रहे हो तो आप आते जाते उन्हें निरीक्षण कर देखें कि कार्य गुणवत्ता पूर्ण हो रहा है या नहीं।
                            बैठक में जिला कलक्टर  ज्ञानाराम के अलावा महिला एवं बाल विकास की उपनिदेशक ऋषिबाला श्रीमाली, महिला अधिकारिता के कार्यक्रम अधिकारी  विजय कुमार, चिकित्सा विभाग से सीएमएचओ डॉ.नरेश बंसल , बीडीओ पदमपुर  शाजिया, बीडीओ करणपुर  सुखमिन्द्र सिंह, समेत जिले के सभी सीडीपीओ, सभी महिला पर्यवेक्षक समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।


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