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ग्रामीण विकास के कार्यों में क्वालिटी खराब होने पर करवाया जाए दुबारा निर्माण- कलक्टर

खराब निर्माण पर पेमेंट में 10 या 20 फीसदी कटौती वाला सिस्टम नहीं चलेगा‘‘

‘‘एमपी, एमएलए लैड,बीएडीपी के कार्यों की 15 मार्च तक खत्म करें पेंडेंसी‘‘

‘‘जिले की बची हुई 101 ग्राम पंचायतों को 30 मार्च तक करें ओडीए‘‘

‘‘नहरबंदी के दौरान किसी भी तरीके से पानी की किल्लत ना हो‘‘

‘‘जनता जल योजना की अधिकारी करें प्रोपर मॉनिटरिंग‘‘

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज योजनाओं की रिव्यू बैठक में बोले जिला कलक्टर

श्रीगंगानगर । ‘‘ ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के कार्यों में क्वालिटी से किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अगर कहीं कार्य की क्वालिटी खराब पाई जाती है तो 10 या 20 फीसदी राशि काट कर पेमेंट करने वाला सिस्टम नहीं चलेगा बल्कि उस कार्य को फिर से नए सिरे से करवाना होगा‘‘ जिले के सभी विकास अधिकारियों को ये निर्देश दिए हैं जिला कलक्टर  ज्ञानाराम ने जो गुरूवार को जिला परिषद के अटल सेवा केन्द्र में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज के अंतर्गत चल रही विभिन्न योजनाओं की रिव्यू बैठक ले रहे थे। बैठक में ग्रामीण विकास के जिले भर से आए अधिकारियों को संबोधित करते हुए जिला कलक्टर ने कहा कि अगर कहीं भी कार्यों की क्वालिटी कमजोर पाई जाती है तो उस कार्य को दुबारा से करवाना होगा। बैठक में जिला कलक्टर ने एमपी-एमएलए लैड, सीमांत क्षेत्रा विकास कार्यक्रम (बीएडीपी), प्रधानमंत्रा आवास योजना, स्वविवेक योजना, गुरू गोलवलकर योजना, मुख्यमंत्रा जल स्वावलंबन योजना, जनता जल योजना समेत नहरबंदी को लेकर समीक्षा की।
                            जिला कलक्टर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को अब भी ग्रामीण विकास की योजनाओं की कम जानकारी है इसकी जानकारी लोगों को ज्यादा से ज्यादा करवाएं। साथ ही कहा कि गांव में एक भी विधवा महिला ऐसी नहीं बचनी चाहिए जिसे पालनहार योजना का लाभ नहीं मिल रहा हो। जिला कलक्टर ने एमपी-एमएलए लैड और सीमांत क्षेत्रा विकास योजना की समीक्षा करते हुए सभी विकास अधिकारियों को निर्देश दिए कि बिना किसी वैध कारण के कोई भी यूसी 15 मार्च तक बकाया नहीं रहनी चाहिए। अगर किसी मामले में यूसी जारी सबमिट कर दी गई है और 15 दिन के अंदर पेमेंट नहीं किया गया है तो ऐसे मामलों में भी 15 मार्च तक पेमेंट हो जाना चाहिए। साथ ही पेंडिंग कार्यों को भी 15 मार्च तक पूरा करवाएं। नए कार्यों को शुरु करवाएं। जिला कलक्टर ने कहा कि 16 मार्च को इन सब को लेकर सीईओ के साथ इंटरनल रिव्यू बैठक आयोजित की जाएगी।      
                           जनता जल योजना की समीक्षा करते हुए जिला कलक्टर ने इसकी प्रोपर मॉनिटरिंग करने के निर्देश जिला परिषद सीईओ और सभी विकास अधिकारियों को दिए। साथ ही पीएचईडी के एसई को भी निर्देश दिए कि अगर कहीं कोई दिक्कत आती है तो संबंधित बीडीओ को इस बारे में बताएं।
 नहरबंदी को लेकर जिला कलक्टर ने विकास अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक तहसील में विकास अधिकारी 10-12 अधिकारियों की टीम बनाकर उनको ग्राम पंचायत वाइज प्रभारी नियुक्त कर दें ताकि वो पीएचईडी और प्रशासन के साथ समन्वय रख कर कार्य कर सके।  
  प्रधानमंत्री  आवास योजना को लेकर जिला कलक्टर ने कहा कि इसमें हैंडसम अमाउंट करीब 1 लाक 32 हजार रूपए दिए जाते हैं लिहाजा इसमें कोई भी किसी भी स्तर पर बदमाशी कर सकता है इसमें अगर कहीं से कोई भी शिकायत आए तो संबंधित विकास अधिकारी तुरंत कार्रवाई करें । अगर शिकायत गलत है तो ठीक है वरना संबंधित व्यक्ति के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करें।मुख्यमंत्रा जल स्वावलंबन योजना को लेकर जिला कलक्टर ने सभी विकास अधिकारियों को अलग से बैठक लेकर कार्य की प्रगति को सुधारने के निर्देश दिए। एमजेएसए के बारे में बैठक में बताया गया कि जिले में कुल 937 कार्यों में से कुल 396 कार्य शुरू हो चुके हैं। उनमें से 24 कार्य पूरे हो चुके हैं। स्वच्छ भारत मिशन को लेकर जिला कलक्टर ने कहा कि जिले की 336 ग्राम पंचायतों में से अब भी 101 ग्राम पंचायत ओडीएफ की जानी है इसे 30 मार्च तक पूरा करें।
                          बैठक में जिला कलक्टर ज्ञानाराम के अलावा सीईओ जिला परिषद विश्राम मीणा, एसीईओ  रचना भाटिया, एसई पीएचईडी  ताराचंद कुलदीप, पीआरओ सुरेश बिश्नोई,अनूपगढ़ बीडीओ  दिलीप कुमार, बीडीओ पदमपुर  साजिया तब्बसुम,करणपुर बीडीओ सुखमिंद्र सिंह, सुरतगढ़ बीडीओ  रोमा सहारण, बीडीओ विजयनगर  अभिमन्यु चौधरी समेत ग्रामीण विकास के अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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