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ऐटा-सिंगरासर मामला -पानी की उपलब्धता को लेकर समिति द्वारा रिपोर्ट बनाने का कार्य अंतिम दौर में,समिति की रिपोर्ट आने तक शान्ति रखे किसान-मुख्य अभियंता


''समिति द्वारा मई माह के प्रथम सप्ताह में प्रस्तुत कर दी जाएगी रिपोर्ट''

''समिति की रिपोर्ट आने तक शांति बनाए रखने में सहयोग करें किसान भाई''

''काश्तकारों की सिंचाई संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए विभाग है तत्पर''


हनुमानगढ़/श्रीगंगानगर ।'' एटा-सिंगरासर मामले को लेकर इंदिरा गांधी नहर परियोजना में जल उपलब्धता एवं उसके उपयोग से संबंधित तकनीकि आकंड़ों का परीक्षण व अध्ययन करने के लिए सरकार की ओर से गठित समिति द्वारा रिपोर्ट बनाने का कार्य अंतिम दौर में है। समिति द्वारा मई के प्रथम सप्ताह में सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी जाएगी। लिहाजा सभी काश्तकार भाइयों से अपील की जाती है कि वे समिति की रिपोर्ट आने तक शांति व्यवस्था बनाए रखने में प्रशासन की मदद करें।'' किसान भाईयों से ये अपील की है हनुमानगढ संगम जल संसाधन उत्तर के मुख्य अभियंता राजकुमार चौधरी ने। चौधरी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि काश्तकार भाइयों की सिंचाई जल संबंधित समस्त समस्याओं के समाधान के लिए जल संसाधन विभाग सदैव तत्पर है।

                                               चौधरी ने बताया कि समिति के अध्यक्ष श्री एस.के.गुप्ता का स्वास्थ्य खराब होने के कारण  3 दिसम्बर 2016 से 10 जनवरी 2017 तक उन्हें विदेश जाना पड़ा। लिहाजा समिति का कार्यकाल राज्य-सरकार द्वारा 10 मई 2017 तक बढाया गया। चौधरी ने बताया कि  इंदिरा गाँधी नहर पर स्थित 7500 चकों के अंतिम छोरों तक वर्तमान में पहुंचने वाले पानी की गणना सभी चकों में प्रवाहित होने वाले पानी एवं वास्तविक जल के अन्तर की गणना एवं सभी चकों में पिछले वर्षों में वास्तविक रूप से हुई काश्त की जानकारी के दस्तावेज एकत्र कर उन पर गहन विचार-विमर्श किया गया है। समिति की रिपोर्ट अंतिम चरण में है लिहाजा किसान भाई प्रशासन को शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें।

                                         चौधरी ने बताया कि जल संसाधन मंत्री डॉ. रामप्रताप द्वारा 29 मार्च 2016 को विधानसभा में की गई घोषणा की अनुपालना में इंदिरा गाँधी नहर परियोजना में जल उपलब्धता एवं उपयोग से संबंधित तकनीकी ऑंकड़ों का परीक्षण एवं अध्ययन करने हेतु सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता एस.के.गुप्ता की अध्यक्षता में एक समिति का गठन 18 मार्च 2016 को किया था। इस समिति में दो मुख्य अभियन्ता एवं दो काश्तकार प्रतिनिधियों को शामिल किया गया था।

                                     समिति द्वारा 21 अप्रेल  2016 को श्रीगंगानगर सर्किट हाउस में काश्तकारों के साथ उपलब्ध पानी के समुचित उपयोग एवं बचत के संबंध में चर्चा की गई एवं उनसे सुझाव लिये गये। 4 मई 2016 को पुनः समिति द्वारा सर्किट हाउस, श्रीगंगानगर में दोपहर को तथा साँयकाल में सर्किट हाउस-हनुमानगढ में काश्तकारों एवं जल विषय के जानकारों के साथ जल उपलब्धता एवं पानी की बचत एवं इसके उपयोग हेतु चर्चा की गई एवं उनके अमूल्य सुझाव पाप्त किये गये। 13 मई 2016 को समाचार-पत्रों में विज्ञिप्त जारी कर सर्व-साधारण से भी जल बचत के संबंध में सुझाव के अभ्यावेदन इस कार्यालय में प्रस्तुत करने हेतु आमिंत्रत किया गया। 22 व 23 मई 2016 को समिति द्वारा बिरधवाल हैड, अनूपगढ शाखा, श्रीगंगानगर सर्किट हाउस, मसीतावाली हेड तथा लखूवाली हैड के स्थानीय काश्तकारों एवं जल संबंधित हितधारियों से जल उपलब्धता एवं जल बचत के संबंध में विस्तृत चर्चा कर सुझाव प्राप्त किये गये ।

                                   समिति द्वारा इंदिरा गाँधी नहर क्षेत्रा के मसीवाली हैड से अंतिम छोर मोहनगढ तक के पूरे कमाण्ड क्षेत्रा का विस्तृत दौरा कर समस्त काश्तकारों एवं जल उपयोग के हितधारियों एवं जानकारों से 6 जून से 13 जून 2016 तक इंदिरा गाँधी मुख्य नहर के शीर्ष मसीतावाली हैड, लखूवाली हैड, 109 हैड, बिरधवाल हैड, रोजडी हैड, पूगल हैड, 960 हैड, 1020हैड, 1120 हैड, 1254 हैड, 1363 हैड, 1458 हैड, सामगोसा 90 हैड, सामगोसा 190 हैड, सामगोसा 248 हैड तथा शहीद बीरबल शाखा के 113हैड पर समिति द्वारा लगातार कैम्प आयोजित कर इंदिरा गाँधी नहर क्षेत्र के समस्त काश्तकारों एवं हितधारियों, जल प्रबंधन समिति एवं जल प्रबन्धन से संबंधित विषेषज्ञों एवं जानकारों से सुधारात्मक उपाय एवं सुझाव प्राप्त किये ताकि वर्तमान में इंदिरा गाँधी नहर में उपलब्ध पानी का अधिकतम उपयोग किया जा सके। इन 16 शिविरों में 517 हितधारियों की भागीदारी रही एवं 236सुझाव प्राप्त किए गए।  12 जून 2016 को इन पर मंथन कर जल बचत एवं उपयोग पर विस्तृत चर्चा के लिए 17 अगस्त 2016, 9 सितम्बर 2016, 14 अक्टूबर 2016 तथा 22 नवम्बर 2016 को समिति के अध्यक्ष ने मुख्यालय पर गहन विचार-विमर्श किया गया एवं समिति के अध्यक्ष द्वारा चाहा गया समस्त रिकार्ड उन्हें उपलब्ध करवाया गया ।अब समिति की रिपोर्ट अंतिम चरण में है। लिहजा किसान भाई शांति व्यवस्था बनाए रखें। सरकार किसान भाईयों की सिंचाई जल से संबंधित समस्याओं के निस्तारण के लिए सदैव तत्पर रही है और आगे भी रहेगी ।

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