फाइल फोटो |
राष्ट्रीय खबर । देश में हमेशा ये देखने को मिला हैं की हर डॉक्टर अपनी मन मर्जी के अनुसार दवाए लिख कर देता हैं जो की ख़ास मेडिकल पर ही मिलती हैं लेकिन पहले से जारी दिशा निर्देशों को अब कठोरता से पालन करने की सिख दी गयी हैं तो वहीं चेतावनी भी दी गयी हैं की अगर दिशा निर्देशो का पालन नहीं हुआ तो कार्रवाई भुगतने को भी तैयार रहे । देश के शीर्ष चिकित्सा नियामक ने चिकित्सकों को चेतावनी दी है कि उन्हें सिर्फ जेनेरिक दवाओं की ही अनुशंसा करनी हैं ।
पीएम मोदी ने कानून बनाए जाने की कहि थी बात
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कम कीमत की दवाएं चिकित्सकों द्वारा अनुशंसा करने को लेकर कानून बनाए जाने की बात कही थी जिसके बाद भारतीय चिकित्सा परिषद् (एमसीआई) का यह निर्देश सामने आया है ।
डोक्टरो को हिदायत पर्ची साफ़ और स्पष्ट अक्षरों में लिखे
एमसीआई ने चिकित्सकों को फिर से कहा था कि पर्ची स्पष्ट अक्षरों में और मुख्य तौर पर बड़े अक्षरों में होनी चाहिए और दवाओं के प्रयोग में ‘तर्कसंगतता’होनी चाहिए और ऐसा नहीं होने पर ‘कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई’की जाएगी । एमसीआई ने चिकित्सा समुदाय से कहा है कि इसके 2016 की अधिसूचना का पालन करें जिसमें इसने भारतीय चिकित्सा परिषद् (पेशेवर व्यवहार, शिष्टता और नैतिकता) विनियमन 2002 की धारा 1 . 5 में इस सिलसिले में संशोधन किया है ।
सख्ती से पालन करने का निर्देश
एमसीआई के सर्कुलर में कहा गया है, ‘एमसीआई अधिनियम के तहत पंजीकृत सभी चिकित्सकों को निर्देश दिया जाता है कि विनियमन के उपयुक्त प्रावधानों का अनिवार्य रूप से पालन करें । यह सर्कुलर मेडिकल कॉलेजों के सभी डीन, प्रिंसिपल, अस्पतालों के निदेशकों और सभी राज्य चिकित्सा परिषद् के अध्यक्षों को जारी किया गया है ।
वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मोदी जी इसको लेकर कई बार मंच के माध्यम से बोल चुके हैं ।अभी चिकित्सको के लिए आये सर्कुलर से आमजन की जेब पर पड़ने वाला भार भी थोड़ा कम होगा तो वहीं आमजन को राहत मिलेगी ।
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