श्रीगंगानगर(सतवीर सिह मेहरा)।बीते दिन जयपुर मे सेवारत चिकित्सक संघ का महासम्मेलन जयपुर सभागार मे आयोजित हुआ जिसमे राजस्थान के लगभग 5000 सेवारत चिकित्सकों ने भाग लिया तथा पूरे राजस्थान के लगभग सभी सेवारत डॉक्टर्स ने अपना इस्तीफा संघ के आह्वान पर हस्ताक्षर कर सौंप दिया । जिसमे श्रीगंगानगर जिले के सभी सेवारत चिकित्सकों ने इस्तीफे हस्ताक्षर कर सौंप दिये है ।
जिसमे जिले के सीएमएचओ सहित , डिप्टीसीएमएचो, आरसीएचओ , एडिशनल सीएमएचओ तथा सभी चिकित्सकों ने अपने त्यागपत्र / रेजिग्नेशन शामिल है
सेवारत चिकित्सक पिछले तीन महीने से राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा व्यवस्था को सुधारने हेतु अपनी 33 सूत्रीय मांगो को लेकर गांधीवादी तरीके से आंदोलनरत है
परंतु फिर भी सरकार द्वारा इन मांगों को लेकर कोई निर्णय नही लिया गया है ।जिससे पूरा चिकित्सक समुदाय आहत महसूस कर रहा है ।
अंत मे चिकित्सक संघ अरिसदा द्वारा समुचे राजस्थान के चिकित्सकों ने अपना सामुहिक त्यागपत्र सरकार को सौंप दिया जो कि 6 नवंबर से लागू होगा ।
अरिसदा प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय चौधरी ने बताया कि सरकार पिछले तीन महीने से संघ की जायज मांगो को लेकर गांधीवादी अांदोलन को लेकर कोई स्पष्ट निर्णय नही कर पाई है जिससे मजबू्रीवश संघ सामुहिक त्यागपत्र देने पर विवश हो गया है।
श्रीगंगानगर गंगानगर की तरफ से करीब 45 चिकित्सक 29 अक्टूबर को जयपुर सम्मेलन मे शामिल थे , जिसमे डा पवन सैनी , डा मुकेश मेहता , डॉ अजय सिंगला , डॉ राजेश शर्मा , डॉ भारत भूषण , डॉ जसकरण, डॉ प्रेम परिहार , डॉ चंदन इत्यादि शामिल थे।
संघ प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि ये सरकार तब जागेगी जब सेवारत चिकित्सकों के आंदोलन और इस्तीफे से राजस्थान की जनता को परेशानी होगी और कुछ जनहानी होगी।
इस असंवेदनशील सरकार को सिर्फ 5 नवंबर तक का समय देते हुए ये बताया कि भविष्य मे जनता को होने वाली परेशानी के लिए पूृर्णतया ये सरकार जिम्मेदार है संघ नही।
अरिसदा संघ समर्थन मे प्रदेश के सभी मेडिकल कोलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसियेशन , स्वास्थ्य भवन के सभी चिकित्सको तथ पूरे भारत के सेवारत चिकित्सक संघ के अध्यक्ष डॉ राजेश ख्यालिया ने भी अपना समर्थन दे दिया है ।
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