राजस्थान -27 अक्टूबर को राजस्थान संचैर रानीवाड़ा रोड़ पर भीम सिंह भाटी का जो एनकाउंटर हुआ उसमें न तो राजस्थान पुलिस शामिल थी और न ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का कोई दिशा-निर्देश। इस एनकाउंटर को तेलंगाना पुलिस ने अंजाम दिया और इस समय तेलंगाना में टीआरएस की सरकार है। लेकिन इस एनकाउंटरके बाद जालौर में जो हालात उपजे हैं, उससे प्रतीत होता है कि यह एनकाउंटर भी वसुंधरा राजे की सरकार के लिए मुसीबत बनेगा। सरकार पहले ही आनंदपाल और चतुर सिंह के एनकाउंटर को लेकर परेशान है। इन दोनों एनकाउंटर के बाद राजपूत और रावणा राजपूत समाज में सरकार को लेकर नाराजगी बढ़ी है।
भीम सिंह भाटी के एनकाउंटर के बाद तेलंगाना पुलिस का कहना था कि भाटी ने तेलंगाना के दो व्यापारियों का अपहरण कर साढ़े पांच करोड़ रुपए लूटे हैं। 28 अक्टूबर को जब भाटी और उसके एक साथी का पीछा करते हुए तेलंगाना पुलिस राजस्थान पहुंची तो दोनों अपराधियों ने फायरिंग कर दी। पुलिस ने अपनी आत्म सुरक्षा में गोली चलाई तो भीम सिंह भाटी की मौत हो गई। सरकार को भी अंदाजा था कि अब भाटी का एनकाउंटर भी मुसीबत खड़ी करेगा।
इसलिए 28 अक्टूबर को तेलंगाना पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। तेलंगाना पुलिस भीम सिंह भाटी को भले ही लुटेरा और अपहरणकर्ता मानती हो, लेेकिन जालौर में उसके समर्थक भाटी को एक इज्जतदार आदमी मानते हैं। यही वजह है कि अब भाटी का शव भी नहीं लिया जा रहा है। मांग की जा रही है कि एनकाउंटर करने वाले तेलंगाना पुलिस के अधिकारियों को गिरफ्तार किया जाए।
यहां पर उल्लेखनीय है कि आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद सीबीआई जांच की मांग को लेकर शव को 25 दिनों तक रखे रखा। हालांकि भीम सिंह भाटी के अंतिम संस्कार को शांतिपूर्वक करवाने के लिए जालौर के भाजपा सांसद देवजी पटेल मौके पर पहुंच गए हैं। सांसद पटेल की बात मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तथा गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया से भी हुई है। शव का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड से करवाया गया है।
जालौर पुलिस को एनकाउंटर की जानकारी नहीं
रेंज के आईजी हवासिंह घुमरिया तथा जालौर के एसपी विकास कुमार का कहना है कि तेलंगाना पुलिस के जालौर आने की जानकारी नहीं थी। भाटी का एनकांटर हो जाने के बाद तेलंगाना पुलिस जानकारी दी। यानि तेलंगाना पुलिस ने राजस्थान पुलिस को आने की कोई सूचना नहीं दी।
बगैर सूचना के ही तेलंगाना पुलिस ने भीम सिंह भाटी का एनकाउंटर कर दिया। सवाल उठता है कि तेलंगाना पुलिस ने राजस्थान पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी? यही वजह है कि भीम सिंह भाटी के एनकाउंटर को लेकर भी एक बार फिर राजपूत, रावणा राजपूत और चारण समाज सक्रिय हो गया है। सोशल मीडिया पर इसको लेकर अभियान भी चलाया जा रहा है।
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