श्रीगंगानगर।(गोविंद गोयल) सदर बाजार और उसके साथ लगते मेँ बाजार के व्यापारी उस समय घबरा गए जब एक साथ 6 दुकानों के ताले टूटे हुए मिले। नकदी गायब था। एक दो दुकानों का सामान इधर उधर की छतों पर पड़ा था। मौके पर एक एएसआई दो तीन सिपाहियों के साथ पहुंचा है। उसने अधिकारियों को सूचना दे दी है।
मौके पर जो जानकारी मिली और जो दिखाई दिया उसके अनुसार सदर बाजार की महावीर ट्रेडिंग कंपनी, कैलाश एजेंसी, जय शंकर भंडार और बंसल गोटा स्टोर के ताले टूटे हुए थे। ऊपर के दरवाजे भी ऐसी ही स्थिति मेँ दिखाई दिये। इनके गल्लों मेँ से नकदी गायब थी। सामान कितना चोरी हुआ उसका हिसाब अभी लगना बाकी था। ये चारों दुकानों साथ साथ हैं। इनकी छतें एक साथ लगती हैं। सदर बाजार से कोतवाली की तरफ मुड़ते ही पहचान नामक दुकान और फुटेला क्रॉकरी के भी यही स्थिति थी।
चोर ऊपर से आए या नीचे से एक दुकान मेँ घुस फिर ऊपर ही ऊपर इधर उधर चोरी करते रहे, ये अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। दुकानों की छत पर कई तलवारें, काला बैग और शादी मेँ पहनी जाने वाली पगड़ी पड़ी दिखाई दी। ये सामान पहचान नामक दुकान पर बिक्री होता है। चोरी की सूचना मिलते ही आस पास के दुकानदार भी भी मौके पर पहुँच गए। बड़ी संख्या मेँ दुकानदार उन दुकानों के आगे जमा थे, जिनके चोरी हुई है। दुकानों के मालिक आ चुके हैं।
पुलिस वाले छत पर जा मौका देख रहे हैं। छोटे से बड़े अधिकारी तक सूचना देने का काम हो चुका है। फिलहाल दुकानदार शांत हैं। व्यापारी नेता भी खामोश हैं। पुलिस ने कोई भी सामान इधर उधर ना करने की हिदायत दुकानदारों को दी है। व्यापरियों के चेहरे सपाट है। कोई खास प्रतिक्रिया नहीं है। जिसके चोरी हुई वे चिंतित हैं और बाकी सब तमाशा देखने वाले। पुलिस के हाथ मेँ कुछ दिखाई देता नहीं। अभी तो ये भी नहीं पता कि कौन कौन सा दुकानदार चोरी की रिपोर्ट लिखवाएगा।
हालांकि हरेन्द्र महावर ने जब एसपी के रूप मेँ श्रीगंगानगर मेँ काम संभाला तब उन्होने बहुत कुछ कहा था। उनसे उम्मीद भी थी, लेकिन पता नहीं किस कारण से वे भी कर नहीं पा रहे। या वे भी ऐसे सिस्टम का हिस्सा बन चुके हैं, जिसमें कुछ करने की बजाए करने का दिखावा करना होता है।
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