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अब से होंगे 7 कि जगह आठ फेरे!,मेहमानों को शगुन में मिलेगा ये सब कुछ....


पौधारोपण के साथ होगा नव दपंति का ग्रह प्रवेश,मेहमानों को शुगुन में भेंट करेगें 
फलदार पौधें,पर्यावरण सरंक्षण के लिए लेगें आठवां फेरा,विद्यार्थियों को भेंट किए पौधें

फेफाना।(राजेश इंदौरा) प्रदेश में हो रहे पेड़ो की अंधा-धूंध कटाई के कारण पर्यारवण दिन-ब-दिन अशुद्व होता जा रहा है। जो मानव जीवन के लिए एक बड़ा खतरें का संकेत है। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पारिवारिक वानिकी व फेफाना के बिजारणियां परिवार की ओर से एक अनूठी पहल का आगाज करते हुए इसे प्रस्तावित शादी समारोह में जोड़ते हुए कुछ नई रस्में शुरू करने का संकल्प लिया है। वैवाहिक कार्यक्रम में पारिवारिक वानिकी यज्ञ को शामिल किया गया है।


शादी समारोह में शगुन में देगें पौधें-
उल्लेखनीय है 1 दिसबंर गांव फेफाना के संजय कुमार बिजारणियां की शादी होगी। पिता अंकुर बिजारणियां अध्यापक ने रिपोर्ट एक्सक्लूसिव को बताया कि पर्यावरण संरक्षण को मद्येनजर रखते हुए शादी से एक दिन पूर्व (रात्रि भोज)को परिवार के सदस्य ग्रामीणों के साथ सार्वजनिक स्थान पर छायादार-फलदार पौधारोपण कर उसके देखभाल की जिमेदारी लेंगे। वहीं शादी में आने वाले मेहमानों को शगुन में फलदार पौधें भेंट करेगें। शादी के बाद दूल्हा-दुल्हन सार्वजनिक जगह व अपने घर में फलदार पौधें लगाकर गृह प्रवेश करेगें। 


आठवें फेरें के साथ लेगें पर्यावरण बचानें का संकल्प:
पूरें बिजारणियां परिवार ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि फेरों के बाद 7 वचन लेने के बाद पति-पत्नी पर्यावरण के लिए एक महावचन के साथ संकल्प लेगें कि वे प्रत्येक साल एक फलदार पौधा लगाकर उसको वृक्ष बनाएंगे व शादी में आई एक दम्पति को ऐसा करने हेतु प्रेरित करेंगे। क्योंकि सात वचन तभी पुरे होंगे जब नव दम्पति स्वस्थ हों और स्वस्थ रहने के लिए शुद्ध हवा-फल जरूरी है। इसलिए महावचन  लेना व  
विद्यार्थियों को भेंट किए गए पौधें-
गुरूवार को राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय में बीकानेर के डुंगर महाविद्यालय के व्याख्याता व पारिवारिक वानिकी के जनक प्रो.श्याम सूंदर ज्याणी द्वारा विद्यालय स्टाफ के सहयोग से सभी विद्यार्थियों को एक-एक फलदार पौधा घर में लगाने के लिए नि:शुल्क भेंट किए। प्रधानाचार्य रामानुज प्रसाद ने पर्यावरण के महत्व के बारें में बताया। 


संस्कार स्थल पर लगवाऐं पौधें-
बीकानेर के डुंगर महाविद्यालय के व्याख्याता व पारिवारिक वानिकी के जनक प्रो.श्याम सूंदर ज्याणी ने भास्कर को बताया कि 5 अप्रैल 2017 को नानी के निधन पर परिवार को सहमत कर मां व मौसी के हाथों अंतिम संस्कार स्थल पर पौधारोपण करवाया। इससे प्रेरित होकर पूरे गांव ने उनकी याद में घर-घर पौधें लगाए। सभी रिश्तेदारों को भी उनकी स्मृति में पौधे दिए, ये कार्य गांव 29 पी एस है जो कि गंगानगर जिले में भारत-पाक सीमा से मात्र 15 किमी दुरी पर स्थित है।दिनांक 28 सितम्बर को भगत सिंह की जयंती पर भारत के 9 राज्यों में परिवारिक वानिकी के तहत 35000 पौधारोपण करवाया, लोगों से आग्रह किया कि भगत सिंह के सम्मान स्वरूप एक पौधा लगाकर उसे बड़ा करें।

इस दौरान प्रधान अमर सिंह पूनियां ने बताया कि एेसे कार्यक्रम होते रहे तो पर्यावरण में बदलाव संभव है। इस दौरान प्रधानाचार्य रामानुंजन प्रसाद, समाज सेवी मान सिंह बिजारणियां,गौशाला प्रधान राम स्वरूप बिजारणियां, रामजीलाल बिजारणियां, गिरधारी,निराणाराम,महेश सहू,गोपीराम इत्यादि ने भी विचार रखे।

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