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Special 3- हर रोज निगल रहे जहर,नगरपरिषद ने दे रखी खुली छूट


नगरपरिषद सभापति व मंडी समिति अध्यक्ष ने दिए निर्देश

प्लास्टिक पॉलीथिन का उपयोग बड़े स्तर पर जारी

सरकार के प्रयासों को फैल करते यहां के अधिकारी
कुलदीप शर्मा की कलम से
हनुमानगढ़। शहर में पॉलीथिन का उपयोग बड़े स्तर पर चल रहा हैं। यॉर्कर समाचार पत्र अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए पिछले दो अंको में जहरीली प्लास्टिक की थैलियों के उपयोग पर सरकार व प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया हैं ।प्लास्टिक की पॉलीथिन का उपयोग जिस स्तर पर किया जा रहा हैं वो पशुओं के लिए ही नहीं बल्कि आमजन के लिए भी बहुत घातक साबित होती हैं।शहर में चारो तरफ धड़ल्ले से थैलियों का उपयोग बिना किसी भय के किया जा रहा हैं जिससे साफ होता हैं कि नगरपरिषद अमला व सरकार के कानून का डर कितना है!

प्लास्टिक से ये होता प्रभाव
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सरकार द्वारा इसलिए पॉलिथिन तथा प्लास्टिक आदि के सार्वजनिक प्रयोग पर प्रतिबंध लगाए जाने के प्रयास किए जा रहे है क्योंकि इनके कचरों का समूल नाश नही हो पाता है और यह मिट्टी की उर्वरक क्षमता को अत्यधिक प्रभावित करते है ।इसके कारण हमारे पर्यावरण पर दुष्प्रभाव पड़ता है ।इसके अतिरिक्त शहरों व कस्बों में बहने वाले नालों व नालियों में भी यही अनाशीय कचरा इनके जाम होने का कारण बनता है ।परिणाम स्वरुप बरसात के दिनों में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर देता है ।इन्हीं हालात से बचने के लिए सरकार प्रायः इस विषय पर विचार करती रहती है कि क्यों न पॉलिथीन व प्लास्टिक के सार्वजनिक रुप से होने वाले बेतहाशा प्रयोग को प्रतिबंधित कर दिया जाए। लेकिन इनको धरातल पर कितना कारगर साबित किया जा रहा हैं वो सभी आम जनता को पता है।


छोटी-मोटी कार्रवाई ओर फिर चादर तान सो जाओ
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शहर में पॉलिथीन पर प्रतिबंध लगाने की बात होती है वहां पहले रेहड़ी,ठेलों तथा रोजमर्रा के प्रयोग में आने वाले सामानों की दुकानों पर आम ग्राहकों को प्राप्त होने वाले पॉलिथिन कैरी बैग पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है ।ऐसी खबरें भी आती है कि पॉलिथीन प्रतिबंध शहर में पॉलिथीन बैग का इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों को भी जुर्माना भुगतना पड़ता है तथा वह दुकानदार जिसनें कि ग्राहक को उक्त बैग मुहैया कराया है उसे औऱ भी अधिक जुर्माने का भुगतान करना पड़ता है ।इसमें कोई दो राय नहीं कि पॉलिथीन व प्लास्टिक का कचरा हमारी धरती,पर्यावरण ,स्वास्थय आदि सभी के लिए अत्यंत हानिकारक है ।परंतु क्या मात्र कैरी बैग अथवा आम लोगों के हाथो में लटकने वाले प्लास्टिक थैलों को प्रतिबंधित करने मात्र से समस्या का हल हो सकता है ।अधिकारी व सरकार उन फैक्ट्रियों व बड़े डिस्ट्रीब्यूटरो को क्यों नहीं पकड़ पाती जहां से सारा प्लास्टिक खरीदा व बेचा जाता हैं जो कि सबसे बड़ा रहस्य ही बना रहता हैं।शहर में बच्चे से लेकर बड़ो को पता है कि ये प्लास्टिक की थैलियां कहाँ से आती हैं लेकिन फिर भी अधिकारी आराम से चादर तान कर सोये हुए हैं!


व्यक्ति की मौत के साथ सौदा या कुछ ओर!
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दरअसल हमारे देश में पॉलिथिन व प्लास्टिक पैक में आने वाले सामानों की सूची इतनी लंबी है कि उसे गिन पाना शायद संभव ही नही है । खासतौर पर आम लोगों के दैनिक जीवन में प्रयोग होने वाली तमाम वस्तुएं ऐसी हैं जो केवल प्लास्टिक या पॉलिथिन पैक में ही बाजार में उपलब्ध होती है ।उदाहरण के तौर पर ब्रेड दूध,दही ,पनीर,लस्सी,मिनरल,वॉटर की बोतलें ,लगभग सारे ही ब्रांड के शीलत पेय पदार्थ,शराब की बोतलें,चिप्स,नमकीन,बिस्कुट ,बीड़ी के बंडल,गुटखा,शैंपु आदि ऐसी न जाने कितनी वस्तुएं है जो अनाशीय कचरे के रुप में हमारे पर्यावरण को अत्यधिक प्रभावित करती है ।सवाल यह है कि क्या देश की कोई भी सरकार इन पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाने की बात कभी सोच सकती है ।यदि उपरोक्त वस्तुओं के कचरे को नियंत्रित करने या उन्हें प्रतिबंधित करने के समुचित उपाय नहीं किये जाते तो क्या मात्र इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है ।इन सभी का सरेआम उपयोग करना क्या आम व्यक्ति की मौत के साथ सौदा नहीं कहेंगे?


शहर में इन जगहों पर खुल्लेआम बेची-खरीदी जाती हैं पॉलीथिन
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शहर में ऐसी कितनी ही जगह हैं जहां सरेआम प्लास्टिक की थैलियों का व्यापार बड़े स्तर पर जारी हैं। शहर के पशुओं से लेकर वाशिन्दों को भी धीरे-धीरे ये प्लास्टिक का जहर अंदर ही अंदर खोखला करता जा रहा हैं लेकिन नगरपरिषद ने मानो सभी को नियमो-कायदों को ताक पर रख खुली छूट दे रखी हो। शहर में ऐसी भीड़-भाड़ वाले इलाकों में बहुत सी जगह हैं जहां प्लास्टिक की थैलियों का बड़ा व्यापार होता हैं।

इन स्थानों पर गोदाम
सब्जीमंडी 1 गोदाम
पुरानी नगरपरिषद के आस-पास 2 गोदाम
हाउसिंग बोर्ड 1 गोदाम
लालाजी-बालाजी मार्किट 2 गोदाम
टाऊन मस्जिद की दुकानों के आस-पास 1 गोदाम

क्या कहा जिम्मेदारों ने

मेरे द्वारा आयुक्त को निर्देश दिया गया हैं कि प्लास्टिक की थैलियों के बड़े गोदामो पर छापा मारा जाए। बाज़ार में कहीं भी थैलिये दिखाई दे तो उस पर तुरन्त कार्रवाई करे- राजकुमार हिसारिया,नगरपरिषद सभापति

मेने मंडी सचिव को निर्देश दिए हैं कि मंडी समिति में पॉलीथिन की थैलियों का प्रयोग ना किया जाए साथ ही हिदायत दी हैं कि जंक्शन-टाऊन धान मंडी में भी प्लास्टिक की थैलियों को वर्जित की जाए- रामेश्वर चांवरिया,अध्यक्ष मंडी समिति

पार्टी की तरफ से शहर में प्लास्टिक की थैलियों के प्रयोग को लेकर जागरूकता लाई जाएगी। इस गम्भीर मसले को लेकर लगातार प्रयास किया जाएगा ताकि शहर में प्लास्टिक की थैलियों का प्रयोग बंद हो सके- बलवीर बिश्नोई,जिला अध्यक्ष बीजेपी


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