Advertisement

Advertisement

मेडिकल कॉलेज चुनावी मुद्दा नहीं-ललित शर्मा


श्रीगंगानगर। प्रदेश की सरकार दो साल से श्रीगंगानगर से बदला लेने के मूड मेँ है। सरकारी मेडिकल कॉलेज आगामी विधानसभा चुनाव का मुद्दा नहीं होगा। किसी पार्टी ने आज तक श्रीगंगानगर मेँ विकास के नाम पर कुछ नहीं किया। ये मानना है दैनिक सीमा संदेश के संपादक ललित शर्मा का। श्री शर्मा कल रात फेसबुक पर गो गो [ गोविंद गोयल ] लाइव शो मेँ श्रीगंगानगर की राजनीति पर अपनी नजर से सवालों के जवाब दे रहे थे। ललित शर्मा की नजर मेँ चार साल मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास केवल राजनीतिक नाटक था, इससे अधिक कुछ नहीं। मेडिकल कॉलेज चार साल पहले भी चुनावी मुद्दा नहीं था और ना आगे होगा। 50 साल से श्रीगंगानगर एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी मांग रहा है, आज तक यही चुनावी मुद्दा नहीं बना तो मेडिकल कॉलेज कैसे संभव है! शो के एंकर पत्रकार गोविंद गोयल के एक सवाल के जवाब मेँ श्री शर्मा ने कहा कि जयपुर मेँ इधर की राजनीति प्रभावहीन है। आज तक कुछ नहीं मिला। विधायक कामिनी जिंदल, राधेश्याम गंगानगर और जगदीश जांदू आज कहां खड़े हैं? श्री शर्मा का जवाब था,पहले 5-7 नंबर तक भी नहीं है इनका स्थान। महेश पेड़ीवाल के आने से बीजेपी कितनी मजबूत होगी? ललित शर्मा ने महेश पेड़ीवाल की तपोवन के माध्यम से किए गए सामाजिक कार्यों की सराहना करते हुए कहा, महेश पेड़ीवाल के आने से कोई बहुत ज्यादा फायदा होने वाला नहीं है। राधेश्याम गंगानगर, राजकुमार गौड़, प्रहलाद टाक, कामिनी जिंदल और मनिन्द्र सिंह मान की चुनावी दृष्टि से आज क्या स्थिति है? श्री शर्मा ने कहा, राजकुमार गौड़ लंबे समय से जनता के संपर्क मेँ हैं। 2008  मेँ जो चोट लगी थी, उससे सबक भी सीखा होगा। संभव है कमियाँ दूर करने की कोशिश कर रहे होंगे। इसी प्रकार प्रहलाद टाक भी काम कर रहे हैं। जनता के संपर्क मेँ हैं। ये सब कितने उपयोगी होंगे, समय बताएगा। विधायक कैसा हो और उक्त पांचों मेँ से कौन है वैसा?ललित शर्मा ने कहा, मेरी नजर मेँ विधायक/संभावित उम्मीदवार को संबन्धित क्षेत्र की ना केवल समस्याओं का पता हो बल्कि उसे इस बात का भी ज्ञान हो कि उनका समाधान कैसे और किस स्तर पर होगा। उस नजर से कोई ऐसा नहीं है। लेकिन एक साल मेँ काम करें तो संभव है स्वीकार्यता बढ़ जाए। ललित शर्मा का मानना था कि पार्टियों को लगभग दो साल पहले अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर देनी चाहिए। ताकि वह उसी के अनुरूप जनता के बीच रह काम कर सके। होता ये है कि राजनीतिक पार्टियां हड़बड़ी मेँ अपने उम्मीदवार तय करती हैं। चार साल पहले कामिनी जिंदल की जीत दोनों पार्टियों के मुंह पर करारा तमाचा था। उन्होने कहा,जनता का एमएलए कब होगा, पता नहीं। कोई नया चेहरा आना चाहता है तो आए। काम करे। ललित शर्मा का मानना था कि कि राधेश्याम गंगानगर की जीत केवल अरोड़ा बिरादरी के कारण नहीं हुई। श्रीगंगानगर मेँ जाति धर्म की राजनीति नहीं होती है। ललित शर्मा ने आधे घंटे के इस लाइव शो मेँ बड़ी संख्या मेँ लाइव जुड़े व्यक्तियों के सवालों के भी जवाब दिये। पूरी बातचीत सुनने और देखने के लिए क्लिक करें-

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Advertisement

Advertisement