Advertisement

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से निकली हवा,सोना छुड़ाने पर देना होगा 11 करोड़.....

जयपुर।प्रतापगढ़ के छोटी सादड़ी में 1965 में कस्टम विभाग के छापे में जब्त 240 किलो सोने के लिए मालिकों को ब्याज व पेनल्टी के रूप में अब 11 करोड़ रुपए अदा करने होंगे। जब्ती के दौरान सोने की कीमत 12.50 लाख रुपए आंकी गई थी, जो आज बढक़र 80 करोड़ पर पहुंच गई है। सुप्रीम कोर्ट के हाल ही आए आदेश के बाद राजस्थान में अब तक के सबसे बड़े ‘सोना कांड’ में 53 साल बाद नया मोड़ आ गया है। कोर्ट ने मालिकों को नोटिस जारी कर दिए हैं।




अपील फिर खारिज, वर्तमान दर से देना होगा ब्याज 22 नवंबर 2017 को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस जे. चेलमेश्वर की अदालत ने सेठ की अपील को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कस्टम विभाग को आदेश जारी किए हैं। जब्त किए गए 240 किलो सोने पर सेठ को 1965 से अब तक दस फीसदी ब्याज सहित सोने की वर्तमान दर से टैक्स, पैनल्टी वसूलने के आदेश दिए हैं।बार-बार खारिज हुई अपील विभाग ने नियम विरुद्ध सोना जमा करने पर भारत सरकार के राजस्व विभाग के नियमों के अनुसार सेठ से टैक्स, पेनल्टी और ब्याज के रूप में 25 लाख रुपए मांगे गए।




 कस्टम कलक्टर अधिकारी के आदेश के खिलाफ सेठ की 1972 में भारत सरकार में अपील की गई अपील खारिज हो गई। सेठ ने राजस्थान उच्च न्यायालय की शरण ली। 1994 में न्यायालय ने 2.5 करोड़ रुपए टैक्स, पैनल्टी और ब्याज के जमा कराने के बाद सेठ को सोना लौटाने के आदेश दिए। 1994 में हाईकोर्ट के फैसले के समय सोने की कीमत 11 करोड़ रुपए थी।कस्टडी में दिया 55 किलो सोना हाईकोर्ट ने जब्त सोने में से टेक्स, पैनल्टी और ब्याज की रकम के बराबर सोना रखने के बाद बचे सोने को रिलीज करने की व्यवस्था भी दी।




 जिससे सेठ को विभाग ने 185 किलो सोना वापस कर दिया था। हालांकि 55 किलो सहित पूरा सोना आज भी कस्टम की कस्टडी में है। सेठ ने हाईकोर्ट के इस आदेश पर सुप्रीम कोर्ट में अपील की। गोदावत परिवार ने अपनी अपील में 12.50 लाख रुपए पर कस्टम ड्यूटी, पैनल्टी और ब्याज जमा करवाने की मांग की।अब बढ़ सकती हैं मुश्किलें 1965 में जब्त किए गए सोने की तत्कालीन कीमत 12.5 लाख रुपए थी जो 1994 में 11 करोड़ पहुंच गई थी।



 अब 240 किलो सोने की कीमत 80 करोड़ रुपए से ज्यादा हो गई है। साथ ही केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने सोने पर पैनल्टी और ब्याज की दरों में भी कई गुना वृद्धि कर दी है। ऐसे में 80 करोड़ रुपए की कीमत के सोने पर ब्याज व पेनल्टी देना होगा। यह पेनल्टी करीब 11 करोड़ रुपए है जबकि ब्याज 10 फीसदी देय होगा।हाथ लगा था अकूत खजाना 3 जून 1965 को बुलियन कारोबारी गुणवंत गोदावत के घर से सोने की बड़ी जब्ती पर देश में हडक़ंप मच गया था।




 हवेली में चौदह फीट नीचे बने तहखाने में कस्टम विभाग को अकूत खजाना हाथ लगा। खजाने में सोने की बड़ी-बड़ी सिल्लियां, ईंटें, व बिस्किट मिले। हिसाब पेश नहीं करने पर इसे बरामद किया गया।यह एक एतिहासिक फैसला है, अब गोदावत परिवार को सोना छुड़वाने के लिए पेनल्टी और ब्याज अदा करना होगा। -डॉ. सुभाष अग्रवाल, आयुक्त, कस्टम प्रिवेन्टिव, राजस्थान

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Advertisement

Advertisement