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कुशल वित्तीय प्रबन्धन के सकारात्मक परिणाम आ रहे सामने

एक साल में जयपुर डिस्कॉम के घाटे में 1286 करोड़ की बड़ी कमी   

जयपुर। जयपुर डिस्कॉम प्रबन्धन द्वारा विभिन्न स्तरों पर किए जा रहे प्रभावी प्रयासों के सकारात्मक परिणाम अब प्राप्त होना शुरु हो गए हैं। गत एक साल में कुशल वित्तीय प्रबन्धन के कारण जयपुर डिस्कॉम के घाटे में लगभग 1286 करोड़ रुपए की बड़ी कमी आई है और लगातार प्रयास किए जा रहे हैं कि चालू वित्त वर्ष के अन्त शेष बचे घाटे को समाप्त कर डिस्कॉम को लाभ की स्थिति में लाया जा सके। इसका सबसे अधिक लाभ उपभोक्ताओं को ही मिलेगा।




         
जयपुर डिस्कॉम के प्रबन्ध निदेशक श्री आर.जी.गुप्ता ने बताया कि दिसम्बर, 2016 में घाटा 1714 करोड रुपए था, यह कम होकर दिसम्बर, 2017 में 428 करोड़ रुपए रह गया है। उन्होंने बताया कि निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और टीम भावना से किए गए कार्य की बदौलत यह उपलब्धि हासिल हुई है। 
         





जयपुर डिस्कॉम के घाटे में कमी के लिए प्रमुख रुप से मुख्यमंत्री विद्युत सुधार अभियान के अन्तर्गत चलाए जा रहे लॉस रिडक्सन प्रोग्राम के तहत किए जा रहे विशेष प्रयासों की वजह से दिसम्बर, 2017 तक जयपुर डिस्कॉम का टी एण्ड डी लॉस 4.59 प्रतिशत कम हुआ है। दिसम्बर, 2016 में टी एण्ड डी लॉस 25.04 प्रतिशत था जो दिसम्बर, 2017 में कम होकर 20.45 प्रतिशत पर आ गया है। एटीएण्डसी लॉस में भी सुधार होकर इसमें 5.59 प्रतिशत की कमी आई है और यह 30.40 प्रतिशत से कम होकर 24.81 प्रतिशत के स्तर पर आ गया है। कलक्शन ऎफिशिएन्सी में भी दिसम्बर, 2016 की तुलना में 1.67 प्रतिशत की बढोतरी हुई है और कलक्शन ऎफिशिएन्सी दिसम्बर, 2017 में 92.85 प्रतिशत से बढकर 94.52 प्रतिशत हो गई हैं। 
        




इसके साथ ही स्वच्छ भारत अभियान के तहत जयपुर डिस्कॉम में विभिन्न कार्यालयों में पड़े हुए स्क्रेप को एक जगह एकत्रित कर इसकी नीलामी से अब तक लगभग 60 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं। पीडीसी उपभोक्ताओं से भी 69 करोड़ वसूल किए जा चुके हैं। 30 जून, 2016 से पूर्व की लम्बित वीसीआर के निस्तारण की योजना से भी 16 करोड़ रुपए के अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति हुई है। जयपुर डिस्कॉम द्वारा पावर परचेज के बिलों का समय पर भुगतान करके 100 करोड़ रुपए की रिबेट प्राप्त की है जो अब तक की सर्वाधिक है। इसके अतिरिक्त सितम्बर, 2016 में टेरिफ बढोतरी का प्रभाव भी इस वर्ष में अधिक आया है।

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