राजस्थान:-वाहनों की नंबर प्लेट को लेकर आएंगे जल्द निर्देश,पुलिस ने की 262192 कार्रवाइयां


वाहन नम्बर प्लेटो पर नम्बर के अलावा कुछ भी नहीं होगा अंकित
परिवहन मंत्रालय जल्द ही नए दिशा निर्देश लाने की तैयारी में
लोकसभा में पास तो राज्यसभा में हैं लम्बित विधेयक
रिपोर्ट एक्सक्लूसिव,हनुमानगढ़।(कुलदीप शर्मा) वाहनों पर नम्बर प्लेट के अलावा कुछ लिखने को लेकर काफी बार सवाल खड़े किए गए थे। जिसके चलते परिवहन मंत्री यूनुस खान ने कहा है कि वाहनों की नम्बर प्लेट पर परिवहन कार्यालय द्वारा आवंटित नम्बरों के अलावा कुछ भी अंकित नहीं होना चाहिए। नियमानुसार न तो नम्बर प्लेट पर किसी  व्यक्ति अथवा संगठन आदि का नाम या और कुछ लिखा जा सकता है और न ही किसी रंग की पट्टी का उपयोग किया जा सकता है। जिसके बाद से आमजन से लेकर खास लोगो के बीच बन रही आशंकाओं से मुक्ति मिलने की उम्मीद हैं। शहर से लेकर प्रदेश भर में वाहनों की नम्बर प्लेटो पर नम्बर के अलावा रंगीन करने व पद लिखने का प्रचलन बड़े ही जोर शोर से जारी हैं। हालांकि ये पहले भी एक्ट में बिल्कुल गलत हैं। जागरूकता के अभाव के चलते आमजन को इस मामले में।थोड़ा ज्ञान कम है। जानकारी के अनुसार अब वहीं जल्द ही नए निर्देश जारी किए जा सकते है।


इस एक्ट में बदलाव कर नए निर्देश जारी करने की तैयारी
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नम्बर प्लेट पर नंबरों के अलावा लिखने के विवादों के बीच परिवहन मंत्रालय ने मामले में संज्ञान लेते हुए नए दिशा निर्देश जारी करने की तैयारी शुरू कर ली हैं। जिसके बाद से वाहनों की नम्बर प्लेटो को लेकर काफी जनों के सवालों को जवाब मिलने की उम्मीद जताई जा रही हैं। इस मामलेे को लेकर केन्द्रीय मोटर वाहन कानून 1988 की धारा 39 के आधार पर जारी वर्ष 1995 के सर्कुलर को संशोधित कर नए दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे। जिसके बाद वाहन मालिकों को अपनी नम्बरो प्लेटो पर कुछ लिखाने से पहले दिशा निर्देशो पर गौर करने की जरूरत पड़ेगी।

प्रधान,सासंद,विधायक व राजस्थान सरकार लिखना भी गलत
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वाहनों की नम्बर प्लेट को लेकर सभी के संशय बना हुआ है तो वहीं ऐसे कोई कड़े दिशा निर्देश ना होने के चलते वाहनों की नम्बर प्लेट पर लिखने वालो को रोकने की सम्भावनाये कम हो जाती हैं। तो वहीं परिवहन मंत्री ने भी इस मामले पर बोलते हुए कहा कि वाहन पट्टी पर राजस्थान सरकार, प्रधान, विधायक सांसद या समाज अध्यक्ष समेत कुछ भी लिखने का कानून में प्रावधान नहीं है लेकिन इसे रोकने का भी अभी सटीक प्रावधान नहीं है। जिससे साफ होता हैं कि सरकार अब कोई ऐसा दिशा निर्देश लाने का पर्याय कर सकती हैं जिसकव बाद से वाहन मालिकों को नम्बर प्लेट के अलावा कुछ और लिखना मंहगा पड़ सकता हैं। 

            
लोकसभा में पास विधानसभा में पास होते ही बढ़ेंगे अधिकार
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वाहनों पर नम्बर प्लेट पर कुछ लिखने को लेकर मामला राज्य में ही नहीं अपितु देश भर में छाया हुआ है जिसके निवारण के लिए लोकसभा में पाया होने की बात सामने आ रही हैं। वहीं राज्य सरकार के निर्देशानुसार वाहनों पर परिवहन विभाग द्वारा निर्धारित नम्बर प्लेट पर अथवा अन्यंत्र नियम विरुद्ध लेखन पर समय समय पर कार्यवाही की जाती है। यह विषय केन्द्रीय मोटर वाहन अधिनियम 1988 से सम्बन्धित है जिसमें संशोधन प्रस्तावित है। परिवहन मंत्री ने बताया कि यह संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है और अभी राज्य सभा में लंबित है। इसके पास होने पर राज्य सरकारों को कुछ और अधिकार मिलने पर ऎसे नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती से कार्यवाही की जा सकेगी।

पुलिस ने की ढाई लाख से ऊपर कार्रवाइयां
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इस बड़े मामले को लेकर विधानसभा में प्रश्नकाल में पूछे गए सवाल पर परिवहन मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि  पुलिस विभाग से प्राप्त सूचना के अनुसार प्राइवेट/निजी वाहनों के विरुद्ध केन्द्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के नियम 50 व धारा 177 एम.वी.एक्ट के तहत 262192 वाहनों के विरुद्ध कार्यवाही की गई है। परन्तु ऎसे चालानों में भारत सरकार/राजस्थान सरकार लिखे होने का अलग से कोई विवरण अंकित नहीं किया जाता है। इसलिए यह उल्लेख नहीं किया जा सकता कि प्रदेश में गत 4 वर्षों में किए गए चालानों में से भारत सरकार/राजस्थान सरकार लिखे होने के कुल कितने चालान किए गए हैं। अब राजस्थान सरकार जल्द ही ऐसे सभी मामलों को सुलझाने का प्रयास शुरू कर सकती हैं तो वहीं परिवहन मंत्री ने साफ कर दिया हैं कि जल्द ही इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए नए कड़े दिशा निर्देश सरकार द्वारा लाने का प्रयास किया जाएगा।



पुलिस ने की ढाई लाख से ऊपर कार्रवाइयां
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इस बड़े मामले को लेकर विधानसभा में प्रश्नकाल में पूछे गए सवाल पर परिवहन मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि  पुलिस विभाग से प्राप्त सूचना के अनुसार प्राइवेट/निजी वाहनों के विरुद्ध केन्द्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के नियम 50 व धारा 177 एम.वी.एक्ट के तहत 262192 वाहनों के विरुद्ध कार्यवाही की गई है। परन्तु ऎसे चालानों में भारत सरकार/राजस्थान सरकार लिखे होने का अलग से कोई विवरण अंकित नहीं किया जाता है। इसलिए यह उल्लेख नहीं किया जा सकता कि प्रदेश में गत 4 वर्षों में किए गए चालानों में से भारत सरकार/राजस्थान सरकार लिखे होने के कुल कितने चालान किए गए हैं। अब राजस्थान सरकार जल्द ही ऐसे सभी मामलों को सुलझाने का प्रयास शुरू कर सकती हैं तो वहीं परिवहन मंत्री ने साफ कर दिया हैं कि जल्द ही इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए नए कड़े दिशा निर्देश सरकार द्वारा लाने का प्रयास किया जाएगा।

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