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माफी मांगो या फिर अंजाम भुगतो, गुरूओं के बारे में लिखी गई पुस्तक का मामला


श्रीगंगानगर। रीट परीक्षा की तैयारी के लिए प्रकाशित हुई एक किताब में सिख समाज के बारे में अशोभनीय बातें लिखने से सिख समाज में रोष है। यदि प्रकाशक और संपादक ने इस संबंध में माफी नहीं मांगी, तो इसका परिणाम उन्हें भुगतना पड़ेगा। 


राजस्थान सिख एडवाइजरी कमेटी के कन्वीनवर तेजेन्द्रपाल सिंह टिम्मा ने बताया कि उनकी जानकारी में इस तरह की पुस्तक सामने आयी है, जिसमें ऊल-जलूल बातें लिखी हुई है। इन बातों ने सिख समाज की भावनाओं को आहत किया है। साथ ही श्री टिम्मा ने यह भी कहा कि जिस किताब में अशोभनीय बातें लिखी है, उसी पुस्तक को पढ़कर बच्चे रीट परीक्षा की तैयारी करते हैं। 


इस तरह की पुस्तक में यदि किसी धर्म, किसी गुरू, किसी समाज के बारे में बिना सोचे-समझे लिखा जाता है, तो इसका विरोध किया जाना चाहिए। टिम्मा ने बताया कि सिखवाल पब्लिक हाउस ने इस पुस्तक का प्रकाशन किया है। इसके सम्पादक एसएन शर्मा है। यदि शर्मा ने माफी नहीं मांगी तो पंथक रवायतों के मुताबिक कार्यवाही की जाएगी। लेखक चाहे तो अकालतख्त के समक्ष पेश होकर अपनी गलती स्वीकार कर सकता है। 


टिम्मा ने कहा कि इस तरह की पुस्तक में गलत जानकारी प्रकाशित करके सिख समाज की भावनाएं आहत हुई हैं। भविष्य में भी इस तरह की घटना ना हो, इसके लिए हर प्रकाशक और मुद्रक को अपनी जिम्मेदारी तय करनी होगी। 

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