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ख़ास:-अजब अंदाज में देश दुनिया की बाते


मोदी का है अंदाजे बयां और 
आपने मशहूर शायर गालिब का शेर तो सुना ही होगा जिसमें वो खुद के अंदाजे बयां को औरों से अलग बताते हुए कहते हैं कि 'हैं और भी दुनिया में सुखनबर बहुत अच्छे, कहते हैं कि गालिब का है अंदाजे बयां और।' त्रिपुरा में कुछ इसी अलग अंदाज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नजर आए हैं। दरअसल 60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा के लिए 18 फरवरी को चुनाव होने हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी पार्टी की ओर से चुनाव प्रचार करने त्रिपुरा पहुंचने से पहले अरुणाचल प्रदेश पहुंचे और यहां उन्होंने कहा कि जिस अरुणाचल प्रदेश से प्रकाश फैलता है, वहां से विकास का ऐसा प्रकाश फैलेगा कि पूरा देश देखेगा। यह कहते हुए प्रधानमंत्री मोदी लोगों को आकर्षित कर रहे थे और वो भी वेष-भूषा के कारण। दरअसल उन्होंने पारंपरिक अंदाज में नजर आने के लिए जो लिवास धारण किया उस कारण वो किसी मंजे हुए कलाकार की तरह ही नजर आए, इस बात की चारों ओर तारीफ हो रही है। अपने तो अपने विरोधी तक कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी का तो अंदाजे बयां और ही है, यह अलग बात है कि गालिब अपनी कलम के कारण मशहूर थे तो मोदी का अंदाजे बयां सिर्फ उनके पहनाबे के कारण जुदा-जुदा है।  

मौलाना नदवी पर आरोप के मायने 
श्रीराम जन्म भूमि विवाद को सुलझाने के लिए आगे आए मुस्लिम नेता सलमान नदवी पर अपने फायदे के लिए मांग रखने का आरोप है। आरोप लगाने वाले भी कोई और नहीं बल्कि श्री श्री रविशंकर के करीबी अमरनाथ मिश्रा हैं। मिश्रा का आरोप है कि 'जिस समय राम जन्मभूमि सद्भावना समीति के अध्यक्ष और श्री श्री रविशंकर से मिलने नदवी और दूसरे मुस्लिम नेता आए तो उनके सामने विवाद सुलझाने के लिए एक फॉर्मूला रखा गया, लेकिन इसी बीच सलमान नदवी ने इसके स्थान पर 1 हजार करोड़ रुपए, अयोध्या में 200 एकड़ जमीन और एक राज्यसभा सीट की मांग कर दी।' इन गंभीर आरोपों के जवाब में नदवी का कहना है कि ''मैं अमरनाथ मिश्रा को जानता ही नहीं। अगर ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं तो सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने के लिए लगाए जा रहे हैं। ऐसे लोगों को मंदिर और मस्जिद से कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि ये लोग मेरे फॉर्मूले से डरे हुए हैं, क्योंकि मैंने हिंदु-मुसलमान एकता की बात कही है।'' जानकार कहते हैं कि यदि इस स्तर के आरोप लगने लगे हैं तो यह मान लेना चाहिए कि किसी का भी दामन पाक-साफ नहीं है, क्योंकि शक की सुई तो सभी की ओर आने वाली है, फिर हल कैसे निकलेगा कहना मुश्किल है। 

अंतर्राष्ट्रीय स्तर वाली बदनामी 
यह तो सभी जान चुके हैं कि दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही हम भारतियों के लिए अहम खबर यह है कि जुमा के राजनीतिक करियर पर ग्रहण लगाने में भारतीय मूल के तीन भाइयों का प्रमुख हाथ बताया जा रहा है। दरअसल भारत से दक्षिण अफ्रीका गए गुप्ता ब्रदर्स की जैकब जुमा के कार्यकाल के दौरान तमाम कथित घोटालों में केंद्रीय भूमिका बताई गई है। इसलिए जुमा के इस्तीफे से पहले ही गुप्ता ब्रदर्स के ठिकानों पर पुलिस और भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसियों ने छापामार कार्रवाई की। यहां जिन गुप्ता ब्रदर्स की बात हो रही है उनके नाम अजय, अतुल और राजेश बताए जाते हैं और ये सभी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से ताल्लुक रखने वाले हैं। इस घटना के बाद बाहर बसे भारतियों की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बदनामी होने की भी खबर है। इस प्रकार भारतीय कारोबारियों के लिए इसे अच्छी खबर नहीं माना जा रहा है। इसलिए इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। 

पाक को घेरने से बेहतर है आगे बढ़ना 
ईरान के राष्ट्रपति डॉ. हसन रूहानी की भारत यात्रा को लेकर मीडिया में खबरें आम हो रही हैं कि ईरान और भारत मिलकर पाकिस्तान को घेरेंगे। दरअसल इसके पीछे जो सोच है वह यह कि दोनों देशों के संबंध अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान से बेहद कटु हो चुके हैं। इसलिए ईरानी राष्ट्रपति के भारत दौरे को पाकिस्तान को सबक सिखाने वाला बताया जा रहा है, जबकि होना यह चाहिए कि दोनों देश शांति के साथ विकास के पथ पर किस तरह साथ-साथ आगे बढ़ सकते हैं इस पर विचार करने की आवश्यकता है। पाकिस्तान को घेरने की जहां तक बात है तो दोनों देशों की अपनी-अपनी कूटनीति है उसी के तहत दोनों ही आगे बढ़ रहे हैं। वैसे पाकिस्तान की हरकतों से भारत और ईरान ही नहीं बल्कि अन्य पड़ोसी मुल्क भी आजिज आ चुके हैं, लेकिन जिसका अपना कुछ नहीं उसे घेरने की आवश्यकता ही क्या है? 


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