Advertisement

Advertisement

वीरगति प्राप्त सैनिक के महाराणा प्रताप शौर्य पुरस्कार सम्मान से केन्द्रीय राज्यमंत्री भावुक हुए


जयपुर, । केन्द्रीय सूक्ष्म, लधु व मध्यम उद्योग मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि देश की सुरक्षा के लिए आपने प्राणाें की आहूति देने वाले वीरगति प्राप्त शूरवीराें के सम्मान से बढ़ कर कोई पुनीत कार्य नहीं हो सकता। राजस्थानी सेवा समिति द्वारा गत 25 वर्षों से किए जा रहे ऎसे प्रयास सराहनीय हैं।





केन्द्रीय राज्य मंत्री शनिवार रात्रि को ठाणे (मुम्बई) के गडकरी रंगायतन थियेटर में आयोजित राष्ट्रीय कवि सम्मेलन के रजत जयन्ती समारोह में पुरस्कार वितरण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत-पाक सीमा पर वीरगति प्राप्त करने वाले परमवीर चक्र मेजर सूबेदार स्व.श्री बाना सिंह के अद्म्य शौर्य के लिए उनके माता-पिता को ‘‘महाराणा प्रताप शौर्य पुरस्कार‘‘ से सम्मानित करते हुए वे गौरवान्वित महसूस कर रहे है। उन्होने कहा कि देश में कवियाें की वाणी से परिवर्तन होता है एवं वे देशवासियों में अपने काव्य से राष्ट्रभक्ति की लौ जलाए रखें। समारोह को महाराष्ट्र विधान सभा के मुख्य सचेतक एवं प्रवासी राजस्थानी श्री राज के. पुरोहित ने भी सम्बोधित किया। समारोह में उद्योगपति श्री अजिताभ बच्चन, विधायक श्री सरदार तारासिंह, प्रेम शुक्ला सहित अनेक विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे।





राजस्थानी सेवा समिति तथा हिन्दी भाषी एकता परिषद के तत्वावधान में आयोजित इस समारोह में वरिष्ठ साहित्यकार डा. सूर्यबाला को डा. हरिवंशराय बच्चन पुरस्कार, ठाणे के विधायक श्री संजय केलकर को छत्रपति शिवाजी महाराज गौरव पुरस्कार तथा समाजसेवी श्री हीरालाल यादव को जीवन गौरव पुरस्कार में नकद राशि, शाल एवं स्मृति चिह्न भेंट कर नवाजा गया। 





समारोह में हजारों श्रोताओं की उपस्थिति में रात्रि तक चले कवि सम्मेलन में कवि सर्वश्री सुरेन्द्र दुबे, सुनील जोगी, अब्दुल गफ्फार, सुदीप भोला, अर्जुन अल्हड, एवं कवयित्री सुश्री कविता तिवारी, गौरी मिश्रा ने अपने ओजपूर्ण काव्य के वीर, करूण, हास्य, सौन्दर्य रसों से श्रोताओं को सराबोर किया। कवि सम्मेलन का संचालन शशिकान्त यादव ने बडे चुटीले एवं हास्य-व्यंग्य से भरपूर मुक्तकाें से किया। समारोह का शुभारम्भ अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर मुम्बई, थाणे एव रायगढ जिलों से बडी संख्या में प्रवासी राजस्थानी भी उपस्थित थे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Advertisement

Advertisement