रिपोर्ट एक्सक्लूसिव,चारणवासी। पिछले एक सप्ताह से अचानक आए मौसम बदलाव ने किसानों की चिंता बढ़ा दी हैं। इन खेतों में लहरा रही फसलें पकाव बिन्दु पर पहुंच चुकी हैं। जहां एक तरफ आई नमी से रबी की फसल को पकाव में का लाभ मिलेगा वहीं तापमान गिरने से फसलों में कृमि रोग बढऩे की संभावना बनी हुई हैं। कृषी विभाग के अधिकारियों की माने तो बदलते मौसम के दरमयान एक ओर जहां मौसत की नमी फसलों पकाव में मददगार साबित होगी,वहीं किसानों को अब पकाव पर पहुंच चुकी अपनी फसल का तेला,चेपा,सूंडी व जौ में कंडवा रोग व गेहूं में यलोरेस्ट(पीलापन व पीली पती रोग) के बचाव के लिए विशेष ध्यान रखना चाहिए।
कृषी पर्यवक्षक ने बताया कि फरवरी क शेष दिनों से लेकर मार्च माह में रबी की फसल पकाव का अंतिम रूप लेगी ओर मार्च माह के अंतिम में किसान रबी की फसलों की कटाई अबकी बार प्रांरभ कर देगें।
पकाव पर पहुंच चुकी फसल का कृमि रोग से बचाने के लिए किसानों को समय-समय पर कृषी अधिकारियों
से सलाह लेनी चाहिए।
बंप्पर पैदावार होने की उम्मीद:
किसान इन दिनों खेतों में अनाज से भरी खड़ी फसलों से खुश हैं किसानों का कहना हैं कि अबकी बार गेहूं व सरसों,चने,जौ की बंप्पर पैदावार होगी। अगर फसल सही सलामत रही तो। किसान फसलों के रूझान को देखते हुए तरह-तरह के अरमान लगा रहे हैं।
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