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1 मार्च से रेलवे में ये सब होगा बदलाव नहीं पढ़ा तो पद सकता है महंगा


नेशनल । आगामी 1 मार्च से ए1, ए और बी श्रेणी के रेलवे स्टेशनों पर सभी ट्रेनों के कोच पर आरक्षण चार्ट नहीं लगाए जाएंगे। शुरआत में यह व्यवस्था पायलट आधार पर छह महीने के लिए लागू की जा रही है। भारतीय रेलवे में यह बड़ा बदलाव होने जा रहा है।

 रेल मंत्रालय ने अपने सभी जोनों को इस बारे में निर्देश जारी किए हैं।  यात्रियों से होने वाली आय के आधार पर रेलवे ने अपने स्टेशनों को सात श्रेणियों ए1, ए, बी, सी, डी, ई और एफ के रूप में वर्गीकृत किया है। रेलवे के कुल 17 जोन हैं। रेलवे ने कहा है कि ऐसे स्टेशन जहां इलेक्ट्रानिक चार्ट डिस्प्ले प्लाज्मा लगा है और वह बेहतर तरीके से काम कर रहा है,

 तो वहां के प्लेटफार्मों पर चार्ट लगाना रोका जा सकता है। इससे पहले नई दिल्ली, हजरत निजामुद्दीन, मुंबई सेंट्रल, चेन्नई सेंट्रल, हावड़ा और सियालदाह रेलवे स्टेशनों पर ट्रेन कोचों में चार्ट लगाने की परंपरा बंद की गई है। इस कदम के पीछे उद्देश्य दक्षिण पश्चिम रेलवे, बेंगलुरु डिविजन की कागज का इस्तेमाल बंद करने की पहल को आगे बढ़ाना है।

नवंबर, 2016 में ही बेंगलुरु सिटी पर ट्रेनों के आरक्षित कोचों चार्ट लगाना बंद कर दिया था। इस कदम से उसे कागज पर खर्च होने वाली 60 लाख रुपए की राशि की बचत हुई।

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