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PNB घोटाला:- अब ये हुआ घोटाले में खुलासा


नेशनल। पंजाब नेशनल बैंक के महाघोटाले की जांच कर रही सीबीआई की टीम को बड़ी सफलता मिली। टीम ने फर्जी एलओयू जारी कराने वाले पीएनबी के पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। दो अन्य लोगों में एक बैंक कर्मचारी मनोज खराट और नीरव मोदी की कंपनी के कर्मचारी हेमंत भट्ट हैं। तीनों को आज सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा। दोनों राष्ट्रीय दल एक-दूसरे के कार्यकाल में इस घोटाले के जन्म के दावे कर रहे हैं। वहीं, इस बीच यह जानकारी सामने आ रही है कि 11,400 करोड़ रुपए के इस महाघोटाले के ज्यादातर साख पत्र यानी लेटर ऑफ अंडरस्टैंडिंग  2017-18 के दौरान जारी किए गए या उन्हें रिन्यू किया गया। इस संबंध में एफआईआर दर्ज की गई है। जिसके तहत घोटाले के मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी और नीरव मोदी ने अपनी तीन कंपनियों के जरिए पंजाब नेशनल बैंक से 4,886.72 करोड़ रुपए हासिल किए। बैंक से यह रकम 143 एलओयू के जरिए हासिल की गई है।

सबसे पहले इस मामले में आठ एलओयू के जरिए 280.7 करोड़ रुपए के घोटाले की बात सामने आई थी। यह एलओयू 2017 में जारी किए गए। अब सीबीआई ने पीएनबी से मिली नई जानकारी इस एफआईआर में जोड़ी है, जिसके आधार पर पहली एफआईआर के तहत करीब 6,498 करोड़ के घोटाले का मामला बन रहा है। सीबीआई ने इस संबंध में बैंक अधिकारियों से भी पूछताछ की है, जिसमें यह बात सामने निकलकर आई है कि नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने एलओयू रिन्यू कराने का खेल भी किया और बड़ी रकम हासिल की।

कांग्रेस
कांग्रेस ने इस मामले में सीधे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा है। उसने आरोप लगाया कि सात मई-2015 को वैभव खुरानिया नाम के एक शख्स ने प्रधानमंत्री कार्यालय को इस घोटाले की जानकारी दी थी, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने सवाल किया कि बीजेपी और मोदी सरकार इस मुद्दे पर चुप क्यों थी? साथ ही नीरव मोदी और मेहुल चोकसी को भागने की इजाजत कैसे दी गई। इतना ही नहीं सुरजेवाला ने यह भी दावा किया है कि भारत का सबसे बड़ा बैंक लूट घोटाला बढ़कर अब 21,306 करोड़ का हो गया है।

बीजेपी
बीजेपी ने पीएनबी धोखाधड़ी को यूपीए सरकार का घोटाला करार देते हुए दावा किया है कि एक सरकारी बैंक पर दागी कारोबारी नीरव मोदी को 2013 में लोन देने के लिए दबाव डाला गया था। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि 13 सितंबर-2013 को राहुल गांधी दिल्ली के एक होटल में नीरव मोदी की ज्वैलरी एग्जीबिशन में गए थे और उसके अगले ही दिन इलाहाबाद बैंक ने उनके ऋण को मंजूरी दी थी। जबकि बैंक के एक निदेशक दिनेश दूबे ने इसका विरोध किया था।


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