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चूरू:-दुलाराम सहारण व कुमार अजय को राजस्थली सम्मान


रिपोर्ट एक्सक्लूसिव,सादुलपुर/चूरू (ओमप्रकाश)। जिले के युवा साहित्यकार दुलाराम सहारण और कुमार अजय को श्रीडूंगरगढ़ में आयोजित समारोह में राजस्थली सम्मान प्रदान किया गया। प्रयास संस्थान, चूरू की राजस्थानी पत्रिकाओं के क्रम में दुलाराम सहारण को राजस्थानी अनुवाद पत्रिका ‘अनुसिरजण’ एवं कुमार अजय को राजस्थानी साहित्यिक पत्रिका ‘लीलटांस’ के संपादन के जरिये साहित्यिक पत्रकारिता में योगदान के लिए यह सम्मान दिया गया। राजस्थली पत्रिका की ओर से श्रीडूंगरगढ़ के संस्कृति भवन में हुए समारोह में मशहूर रंगकर्मी रणवीर सिंह, मालचंद तिवाड़ी, श्याम महर्षि, श्याम सुंदर भारती, भंवर सिंह सामौर ने उन्हें सम्मानित किया।

 इस अवसर पर रणवीर सिंह ने कहा कि साहित्य एवं साहित्यिक पत्रकारिता को सबसे बड़ा खतरा बाजारवाद से है। बाजारवाद सब कुछ खरीद सकता है लेकिन कलाकारों और लेखकों को प्रतिरोध की आवाज बुलंद रखनी चाहिये। उन्होंने साहित्य और संस्कृति की चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कहा कि बाजारवाद के पास कोई विचारधारा नहीं है, इसलिए मनोरंजन के नाम पर फूहड़ता सामने आ रही है।

मालचंद तिवाड़ी ने कहा कि साहित्यिक पत्रकारिता पर एक किस्म का खतरा हमेशा मौजूद रहता है और इस चुनौती के लिये हमेशा तैयार रहना चाहिए। श्याम सुंदर भारती ने कहा कि राजस्थानी में पत्रिका निकलना अत्यंत मुश्किल कार्य है, इसके बावजूद संपादकों की जीवट के चलते बहुत महत्वपूर्ण काम हो रहा है। भाषा के विकास में साहित्यिक पत्रकारिता का बड़ा योगदान है। राजस्थली के संपादक श्याम महर्षि ने कहा कि पत्रिकाएं इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे नए रचनाकार तैयार करती हैं। उन्होंने कहा कि साहित्यिक पत्रकारिता एक विचार एवं दृष्टि का नाम है। यह एक आंदोलन है। 

अध्यक्षता करते हुए भंवर सिंह सामौर ने पत्र पत्रिकाओं के योगदान को रेखांकित किया। रवि पुरोहित ने आभार जताया। इस दौरान साहित्यकार उम्मेद गोठवाल, किशोर कुमार निर्वाण, राजेन्द्र मुसाफिर सहित बड़ी संख्या में साहित्यकार मौजूद थे। समारोह में राजस्थानी साहित्यिक पत्रकारिता में योगदान के लिए विभिन्न संपादकों का सम्मान किया गया। संचालन शंकर सिंह राजपुरोहित ने किया।

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