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हनुमानगढ़ पुलिस का बड़ा खुलासा: फरार सप्लायर ‘गोरू’ गिरफ्तार, साइकेट्रिक क्लिनिक से 20 डिब्बे ब्रुफरीन गोलियां चोरी कर की थी सप्लाई

 

हनुमानगढ़ पुलिस का बड़ा खुलासा
हनुमानगढ़ पुलिस का बड़ा खुलासा: फरार सप्लायर ‘गोरू’ गिरफ्तार

हनुमानगढ़ ज़िले में नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत हनुमानगढ़ पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत फरार चल रहे सप्लायर आरोपी विनोद कुमार उर्फ गोरू को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने पूछताछ में सनसनीखेज खुलासा किया है कि उसने भारतमाता चौक स्थित एक मनोरोग क्लिनिक से 15 से 20 डिब्बे ब्रुफरीन गोलियां चोरी कर अपने साथी गुरविंद्र सिंह को सप्लाई की थीं। ज़िला पुलिस अधीक्षक हरीशंकर ने बताया कि नशा तस्करी, अवैध मादक पदार्थों, अवैध हथियारों, जुआ, सट्टा, अवैध धंधों और संपत्ति संबंधी अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए सभी थानों को सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत हनुमानगढ़ टाउन थाना पुलिस द्वारा यह महत्वपूर्ण कार्रवाई की गई है।  

कैसे पकड़ा गया फरार सप्लायर

हनुमानगढ़ टाउन थाना प्रभारी अशोक बिश्नोई (पु.नि.) ने टीम के साथ मिलकर आरोपी विनोद कुमार उर्फ गोरू पुत्र रोशनलाल सुथार (आयु 34 वर्ष, निवासी वार्ड नंबर 34, प्रेमसुख कॉलोनी, हनुमानगढ़ टाउन) को गिरफ्तार किया। यह आरोपी प्रकरण संख्या 708/2025 धारा 8/22, 29 एनडीपीएस एक्ट में वांछित चल रहा था। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने भारतमाता चौक स्थित प्रसास मनोरोग क्लिनिक से ब्रुफरीन गोलियों की चोरी की थी। इन गोलियों को उसने गुरविंद्र सिंह नामक व्यक्ति को बेच दिया था। इसी चोरी के संबंध में थाना हनुमानगढ़ टाउन में प्रकरण संख्या 591/2025 धारा 331(4), 305(ए) बीएनएस के तहत मामला दर्ज है।  

पहले पकड़ा गया था गुरविंद्र सिंह

इससे पूर्व 25 अक्टूबर 2025 को थाना हनुमानगढ़ टाउन के उपनिरीक्षक रामकेर व टीम ने फतेहगढ़ श्यामसिंहवाला में दबिश देकर गुरविंद्र सिंह पुत्र सुरजीत सिंह (आयु 28 वर्ष, निवासी वार्ड नंबर 1, फतेहगढ़ श्यामसिंहवाला) को गिरफ्तार किया था। उसके कब्जे से 12 डिब्बों में भरी कुल 1150 ब्रुफरीन गोलियां बरामद हुई थीं। इस पर प्रकरण संख्या 708/2025, धारा 8/22 एनडीपीएस एक्ट दर्ज कर जांच थाना प्रभारी अशोक बिश्नोई को सौंपी गई थी।  

पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका  

इस कार्रवाई में थानाधिकारी अशोक बिश्नोई, कांस्टेबल प्रदीप सिंह,रमेश कुमार और महेंद्र कुमार की भूमिका महत्वपूर्ण रही। विशेष योगदान रमेश कुमार और महेंद्र कुमार का रहा, जिन्होंने आरोपी तक पहुंचने में अहम भूमिका निभाई।


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