दो अप्रैल से बदलेगा सरकारी स्कूलों का समय


रिपोर्ट एक्सक्लूसिव,बीकानेर(जयनारायण बिस्सा)। माध्यमिक एवं प्रारंभिक शिक्षा के अधीन संचालित स्कूलों के समय  में एक अप्रैल से बदलाव किया जाएगा। एक अप्रैल को रविवार होने की वजह  से समय बदलाव सोमवार 2 अप्रैल से प्रभावी होगा। निदेशक माध्यमिक शिक्षा  की और से जारी शिविरा पंचांग के अनुसार सरकारी स्कूलों का संचालन एक  अप्रैल से 30 सितम्बर तक सुबह 7.50 से 2.10 बजे तक किया जाएगा।  फिलहाल स्कूलों का समय 9.20 से 3.40 बजे तक हो रहा है। 

खास बात यह  है कि शिविरा पंचांग में इस बार भी संस्था प्रधानों, शिक्षकों और छात्रों का आने  का समय अलग-अलग ही निर्धारित किया गया है। शिक्षा विभाग के जारी  आदेशों के तहत दो अप्रैल से संस्था प्रधान को 7.50 बजे आना होगा। वहीं  शिक्षकों का आने का समय 8 बजे तथा छात्रों का 8.05 बजे रहेगा। जबकि जाने  का समय सबका एक समान 2.10 बजे रखा गया है। पंचांग में प्रार्थना सभा व  योगाभ्यास के लिए 30 मिनट का समय सुबह 8.05 से 8.35 तक, प्रथम से छह  कालांश का समय प्रति कालांश 40 मिनट और अंतिम दो कालांश 35 मिनट के  लगेंगे। 

जबकि मध्यांतर का समय 25 मिनट का 11.15 से 11.40 बजे तक का  रहेगा। प्रधानाध्यापक, शिक्षक व विद्यार्थियों का समय अलग-अलग रखे जाने  को लेकर कई शिक्षक संघों ने एतराज जताते कहा कि शिक्षामंत्री ने पिछले चार  सालों में स्कूलों को प्रयोगशाला बना कर रख दिया है। सबके लिए अलग  अलग समय निर्धारित करना गलत है। वहीं मध्यांतर महज 25 मिनट का रखा  गया है।

 इस अवधि में बच्चों को मिड डे मील योजना के तहत भोजन खिलाना  संभव ही नहीं होता है। शिक्षकों का आरोप है कि पड़ोसी राज्य यूपी में गर्मी में  स्कूलों का समय 8 से 1 बजे तक निर्धारित है जबकि प्रदेश की विषम  जलवायु, स्कूलों में बिजली पानी की व्यवस्था नहीं होने से भीषण गर्मी में  7.50 से 2.10 बजे तक का समय निर्धारित करना भौगोलिक परिस्थितियों के  विपरीत है। जिससे शिक्षकों में बेहद रोष है। संघ ने सरकार से उत्तरप्रदेश व  मध्यप्रदेश के समान सर्दियों में स्कूलों का समय 10 से 4 बजे तक तथा गर्मियों  सुबह 7 से 12 बजे तक या सुबह 8 से 1 बजे तक करने तथा मध्यांतर की  अवधि 40 मिनट रखे जाने एवं मध्य जून में भीषण गर्मी व तापमान में 19 जून  को स्कूल खुलवाने के निर्णय को वापस लेकर एक जुलाई से ही स्कूलों में नए  सत्र की शुरुआत करने की मांग की है। 

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