गर्मी आ गयी जल्दी इसलिए अब घट सकता है गेहूं उत्पादन


नेशनल। देश में गर्मी के जल्दी आ जाने के कारण उत्तर भारत में गेहूं का उत्पादन प्रभावित होने के आसार बन रहे हैं। क्योंकि इस बार तापमान भी सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक चल रहा है। इस पर शुष्क हवाएं तापमान बढ़ने से गर्म हो रही हैं। इस कारण गेहूं की फसल समय से पहले पक सकती है। फसल के मिल्किंग स्टेज पर होने के कारण गेहूं का दाना पिचक सकता है,जिससे उसका वजन भी कम होगा।

 विशेषज्ञों का मानना है कि यदि तापमान इसी तरह से बढ़ता रहा तो इस बार गेहूं उत्पादन आठ फीसदी तक कम रह सकता है। गर्मी के इस बार के प्रंचड रुप  के बारे में मौसम वैज्ञानिकों का कहना हैं कि गर्मी 10 दिन एडवांस चल रही है। इस कारण 17 से 18 अप्रैल को होने वाली गेहूं की कटाई इस बार 10 दिन पहले यानी अप्रैल के पहले सप्ताह में शुरू हो सकती है। 

कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक 20 मार्च तक अधिकतम तापमान सामान्यत: 26 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहना चाहिए। इससे ज्यादा अगर जाता है तो फसल के लिए नुकसानदायक है। 11 मार्च को तापमान 29.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। कृषि विभाग के पूर्व तकनीकी अधिकारी डॉ.एसपी तोमर के मुताबिक यदि तापमान धीरे-धीरे बढ़ता है तो बंपर पैदावार होती है,लेकिन यदि तापमान बढ़ने के साथ ही तेज हवा भी चली तो उत्पादन पर असर पड़ना संभावित है। इसकारण पिछले साल हुए उत्पादन से इस बार आठ फीसदी तक कम उत्पादन की आशंका है। वहीं इस बार गेहूं का रकबा भी पिछले साल के मुकाबले 0.95 फीसदी कम हुआ है।

डॉ.एसपी तोमर का कहना है कि जिन किसानों ने अभी तक अंतिम पानी नहीं लगाया है, वह हल्का पानी लगा सकते हैं। इससे तापमान का फसल पर असर कुछ कम हो सकता है। किसान इस बात का विशेष ध्यान रखें कि गहरा पानी न लगाएं,क्योंकि इस मौसम में तेज हवा चलती है जिससे गेहूं की फसल गिरने की संभावना बन जाती है। जिन्होंने सिंचाई का काम पूरा कर लिया है उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। उधर राष्ट्रीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ.आरके गुप्ता कहना हैं कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से तापमान में उतार-चढ़ाव आ रहे हैं। फरवरी में भी तापमान बढ़ गया था,गनीमत यह थी कि मौसम ने यू टर्न ले लिया। मार्च में गर्मी एडवांस शुरू हो गई है, जो गेहूं की फसल के लिए ठीक नहीं है।

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