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नीरव मोदी की कम्पनी ने अमेरिका में दिवालिया होने के लिए दिया है आवेदन

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नेशनल। देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले के आरोपी अरबपति ज्वैलर नीरव मोदी की अंतरराष्ट्रीय आभूषण कारोबार कंपनी फायरस्टार डायमंड ने अमेरिका में दिवालिया कानून के तहत संरक्षण का दावा किया है। उसने कोर्ट फाइलिंग में कहा है कि कंपनी में संभावित खरीदार दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

 फायरस्टार डायमंड इंक ने अमेरिका में 26 फरवरी को न्यूयॉर्क के सदर्न डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में दिवालिया संरक्षण को लेकर अपील दायर की थी। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार उसका परिचालन अमेरिका, यूरोप, पश्चिम एशिया व भारत सहित कई देशों में फैला है। उसने कहा है कि नकदी व आपूर्ति में परेशानियों के चलते वह इस स्थिति में पहुंची है। अदालत में दाखिल दस्तावेजों के अनुसार कंपनी ने 10 करोड़ डॉलर की संपत्तियों व कर्ज का जिक्र किया है। 

नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चौकसी 2011-17 के बीच सरकारी बैंक पीएनबी में कथित तौर पर बड़े घोटाले का अंजाम दिया। नीरव मोदी और उनके मामा, गीतांजलि जेम्स लिमिटेड के मालिक मेहुल चौकसी ने घोटाले से पर्दा उठने से पहले भारत छोड़ दिया था, लेकिन उन्होंने बयान जारी कर खुद को निर्दोष बताया है। जांचकर्ताओं ने नीरव मोदी से जुड़ी संपत्तियों को जब्त कर लिया है, लेकिन शिकायत में फायरस्टार का नाम नहीं है। 

फायरस्टार डायमंड ने कोर्ट में कहा कि उसके उसके कुछ या संपूर्ण बिजनेस को खरीदने में मजबूत दिलचस्पी दिखाई जा रही है। इसने अपने सिक्यॉर्ड लेंडर्स से कहा है कि वह अन्य लेंडर्स के साथ चर्चा कर रहा है। फायरस्टार डायमंड और इससे जुड़ी कंपनियों की सालाना बिक्री करीब नौ करोड़ डॉलर है। सीबीआई ने अभी तक इस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया है।

 जांच एजेंसियों ने हजारों करोड़ की संपत्ति भी जब्त की है। फायरस्टार ने कोर्ट को बताया, भारत में जब्त की गईं और बंद फैक्ट्रियों में ही ये गहने तैयार किए जाते थे, जिन्हें कर्जदार अपने कस्टमर को बेचता था। इसके कहा कि सप्लाई बंद होने और बैंक ऑफिस सपॉर्ट नहीं मिलने की वजह से कर्जदारों के ऑपरेशन पर बुरा प्रभाव पड़ा है। फायरस्टार डायमंड की स्थापना 2004 में डेलावारे कॉर्पोरेशन नाम से हुई थी। 2005 और 2007 और 2011 में इसका नाम बदला गया था।

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