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पीएनबी घोटाले के बाद सरकार की टूटी नींद,घाटे में चल रहीं विदेशी शाखाएं होंगी बंद

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व्यापार। पंजाब नेशनल बैंक में 127 अरब रुपए के लोन घोटाले के मद्देनजर साफ-सुथरी और जवाबदेह बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने सरकारी बैंकों की 35 विदेशी शाखाओं के समेकन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके अलावा घाटे में चल रही कुछ विदेशी शाखाओं को बंद कर दिया जाएगा।

 वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकारी बैंकों के अंतरराष्ट्रीय संचालन को प्रभावित किए बिना 35 शाखाओं को समेकित किया जाएगा। इसके तहत बैंकों की शाखाओं का विलय किया जाएगा। इसके अलावा 69 विदेशी शाखाओं की जांच की जाएगी और उनमें से घाटे में चल रही शाखाओं को बंद कर दिया जाएगा। इसका उद्देश्य संचालन लागत को कम करना और विदेशी बाजार में तालमेल को बढ़ावा देना है। 

बता दें कि पिछले साल नवंबर में सरकारी बैंकों के मंथन कार्यक्रम में विदेशी शाखाओं के समेकन के एजेंडे को मंजूरी दी गई थी। इसके तहत सरकारी बैंकों को अपनी सभी 165 शाखाओं की जांच के बाद उनके बारे में उचित निर्णय लेने का आदेश दिया गया था।

 इस समय सरकारी बैंकों की विदेश में 165 शाखाएं काम कर रही हैं। विदेश में उनकी कई सब्सिडियरी, संयुक्त उपक्रम और प्रतिनिधि कार्यालय भी काम कर रहे हैं। सबसे ज्यादा 52 शाखाएं स्टेट बैंक की हैं। इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा (50), बैंक ऑफ इंडिया (29) का नंबर है। देशों के लिहाज से देखा जाए तो सबसे ज्यादा 32 शाखाएं ब्रिटेन में हैं। इसके बाद हांगकांग और यूएई में 13-13 शाखाएं हैं, जबकि सिंगापुर में 12 शाखाए हैं।

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